पश्चिमी यूपी की गलियों में मायावती के भांजे प्रबुद्ध कुमार मांग रहे सपा-रालोद के लिए वोट.
मुजफ्फरनगर. उत्तर प्रदेश की पूर्व सीएम और बसपा प्रमुख मायावती के भांजे प्रबुद्ध कुमार समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी के लिए प्रचार कर रहे हैं. 39 साल के प्रबुद्ध कुमार मायावती की बड़ी बहन सरस्वती देवी के बेटे हैं. हाल ही में मेरठ में हुई अखिलेश-जयंत की साझा रैली में प्रबुद्ध कुमार ने अपनी ‘भारतीय बहुजन परिवर्तन पार्टी’ का रालोद में विलय किया था. रालोद में शामिल होने के बाद प्रबुद्ध कुमार पार्टी के ‘बहुजन उदय अभियान’ के तहत पश्चिमी यूपी के 7-8 जिलों में अबतक गठबंधन के लिए प्रचार कर चुके हैं.
इस क्रम में गुरुवार को प्रबुद्ध कुमार पश्चिम यूपी के मुजफ्फरनगर की बुढ़ाना विधानसभा के हबीबपुर गांव में प्रचार करने पंहुचे. यहां उन्होंने जनसभा को संबोधित किया और जनसंपर्क अभियान में हिस्सा लिया. उन्होंने जयंत चौधरी को मजबूत करने और अखिलेश यादव को सीएम बनाने की अपील की. जनसभा में कुमार ने कहा कि बहुजन समाज के हित गठबंधन में सुरक्षित हैं. आप यहां से गठबंधन के प्रत्याशी को विधानसभा में भेजकर अखिलेश यादव और जयंत चौधरी को मजबूत करने का काम करें.
गांव में जनसपंर्क करने निकले प्रबुद्ध कुमार ने न्यूज18 इंडिया से कहा कि मायावती जी मेरी मौसी हैं. मैं उनका सम्मान करता हूं. लेकिन बसपा में दलितों और वंचित/शोषितों की आवाज अब नहीं उठाई जा रही. बसपा मौजूदा राजनीतिक लड़ाई में कहीं दिखाई नहीं दे रही है. उत्तर प्रदेश में जयंत चौधरी के सहयोग से अखिलेश यादव सीएम बनने जा रहे हैं.
प्रबुद्ध कुमार के रालोद में शामिल होने के बाद पार्टी जगह-जगह उनकी जनसभाएं आयोजित करवा रही है. रालोद दलितों को पार्टी से जोड़ने के लिए ‘बहुजन उदय अभियान’ चला रही है. राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय सचिव राजपाल बालियान ने प्रबुद्ध कुमार के पार्टी से जुड़ने पर लाभ की उम्मीद जताई. रालोद के राष्ट्रीय सचिव राजपाल बालियान ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि इनके समझाने से हमारी पार्टी को लाभ होगा. दलित समाज की समझ में आएगा कि जहां उनकी सुरक्षा होती थी, वहां अब कमी आई है. इन्होंने अब रालोद और जयंत चौधरी में विश्वास जताया है.’
बता दें कि 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव होने हैं. यूपी में सपा और रालोद में गठबंधन से वेस्ट यूपी में सियासी लड़ाई रोचक हो गई है. हाल में अखिलेश-जयंत ने मेरठ में साझा रैली की थी. आने वाले दिनों में अखिलेश-जयंत कई और साझा रैली करने वाले हैं.
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