इस उद्गम स्थल को गोमत ताल के नाम से जाना जाता है
रिपोर्ट – सृजित अवस्थी
पीलीभीत: उत्तर प्रदेश में 960 किलोमीटर का सफर करने वाली पौराणिक नदी गोमती का उद्गम स्थल पीलीभीत जिले के माधोटांडा कस्बे में स्थित है. इसके प्राकृतिक जल स्रोत को लेकर तमाम तरह की पौराणिक कथाएं भी प्रचलित है. अब राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान रुड़की ( National Institute of Hydrology Roorkee) के विशेषज्ञों की टीम इसके बारे में जानकारी जुटाने पीलीभीत पहुंचेगी.
गोमती नदी उत्तर प्रदेश में तक़रीबन 960 किलोमीटर का सफर तय करती है. यह पीलीभीत से निकलकर बनारस के कैथी इलाके के समीप गंगा नदी में मिलती है. इस नदी पर लखनऊ में बना रिवर फ्रंट अपने आप में अलग पहचान रखता है. बीते कुछ सालों में पीलीभीत स्थित गोमती उद्गम स्थल को अपनी खोई पहचान वापस मिली है.
धार्मिक पर्यटन स्थलों में सबसे प्रमुख
आपको बता दें कि इस उद्गम स्थल को गोमत ताल के नाम से जाना जाता है. यह पीलीभीत के धार्मिक पर्यटन स्थलों में सबसे प्रमुख है. प्रत्येक अमावस्या को हजारों की संख्या में श्रद्धालु इस सरोवर में आस्था की डुबकी लगाते हैं. इस सरोवर के प्राकृतिक स्रोत को लेकर तमाम तरह की पौराणिक मान्यताएं भी प्रचलित हैं. लेकिन नदी को पुराने स्वरूप में वापस लाने के लिए इसके प्राकृतिक जल स्रोत की वैज्ञानिक बारीकियों की जानकारी होना काफी महत्वपूर्ण है. इसी के लिए स्थानीय प्रशासन लंबे समय से टीम को पीलीभीत आमंत्रित कर रहा है.
रुड़की से विशेषज्ञों की आएगी टीम
अब राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान रुड़की से विशेषज्ञों का एक दल गोमती उद्गम स्थल पर जानकारी जुटाने आएगी. इसकी जानकारी रुड़की स्थित संस्थान के हाइड्रोलॉजिकल इन्वेस्टिगेशन डिवीज़न के प्रमुख ने जिला प्रशासन को पत्र भेज कर दी है. उम्मीद जतायी जा रही है कि सर्वे के बाद गोमती उद्गम स्थल को विकसित करने में और तेजी लाई जाएगी.
.
Tags: Gomati