एनसीआर के मुकाबले नॉन एनसीआर शहरों में फ्लैट की डिमांड बनी हुई है. Demo Pic
नोएडा. लखनऊ-आगरा और नोएडा-गाजियाबाद ही नहीं अब बदायूं और गोंडा जैसे शहरों में भी फ्लैट की डिमांड हो रही है पहली बार यूपी भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण में बदायूं और गोंडा जैसे शहरों से भी एक-एक प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड हुए हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि एनसीआर के शहरों को छोड़ नॉन एनसीआर के शहरों में सबसे ज्यादा फ्लैट की डिमांड है. सितम्बर 2022 में रजिस्टर्ड 36 प्रोजेक्ट में से 24 प्रोजेक्ट नॉन एनसीआर के शहरों से रजिस्टर्ड हुए हैं. साल 2022 की पहली छमाही में भी प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड कराने के मामले में नॉन एनसीआर के शहर आगे थे.
यूपी रेरा की रिपोर्ट के मुताबिक 36 रजिस्टर्ड हुए प्रोजेक्ट के तहत कुल 8116 यूनिट तैयार की जाएंगी. इसमे से 6931 आवासीय और 1185 व्यवसायिक यूनिट होंगी. नॉन एनसीआर शहरों में शामिल शहरों में लखनऊ में 4, आगरा 4, कानपुर 3, वृंदावन 3, मुरादाबाद 3, गोरखपुर 2, वाराणसी 1, प्रयागराज 1, बदायूं 1, गोण्डा 1, झांसी में 1 प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड कराया गया है.
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125 में से 42 प्रोजेक्ट एनसीआर से
यूपी रेरा की 2022 की पहली छमाही की रिपोर्ट के मुताबिक यूपी में 6 महीने के अंदर 125 प्रोजेक्ट यूपी रेरा में रजिस्टर्ड कराए गए थे. लेकिन 125 में से सिर्फ 34 फीसद प्रोजेक्ट ही एनसीआर से लगे गौतम बुद्ध नगर, मेरठ और गाजियाबाद के लिए रजिस्टर्ड हुए हैं. 42 प्रोजेक्ट नोएडा, ग्रेटर नोएडा समेत एनीआर के हिस्से में आए हैं. जबकि साल 2021 में आई यूपी रेरा की एक और रिपोर्ट एनसीआर के खराब हालात को दर्शा रही थी. रिपोर्ट के मुताबिक नवंबर 2021 से फरवरी 2022 तक यूपी रेरा में 116 प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड हुए थे. इसमे से सिर्फ 33 प्रोजेक्ट एनसीआर के शहरों से दर्ज हुए थे. जबकि नॉन एनसीआर के शहरों से रजिस्टर्ड होने वाले प्रोजेक्ट का आंकड़ा 83 था.
पटरी पर लौटने लगा है रियल एस्टेट कारोबार
कोरोना और लाकडाउन के चलते साल 2020 और 2021 में रियल एस्टेट कारोबार की हालत से हर कोई वाकिफ है. लेकिन नवंबर 2021 के बाद से अब रियल एस्टेट कारोबार एक बार फिर से पटरी पर लौटने लगा है. इस बात की गवाही यूपी रेरा की पहली छमाही और सितम्बर 2022 की रिपोर्ट दे रही हैं. 2022 की पहली छमाही की रिपोर्ट भी उम्मीदों से भरी है.
2021 की पहली छमाही में यूपी रेरा में 100 प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड हुए थे. जबकि इस साल की पहली छमाही में यह आंकड़ा 100 से बढ़कर 125 हो गया है. रियल एस्टेट में 125 के आंकड़े को अहम माना जा रहा है. इसमे सबसे ज्यादा प्रोजेक्ट 75 फीसद आवासीय हैं. बाकी 25 फीसद में कमर्शियल और दूसरे प्रोजेक्ट हैं. यूपी रेरा के मुताबिक इस वक्त उनके यहां करीब 32 सौ प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड हैं.
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