शॉर्ट टर्म कोर्स को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन ड्रोन टेक्नोलॉजी नाम दिया गया है. demo pic
नोएडा. दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) वालों के लिए एक बड़ी खबर है. जल्द ही यहां रहने वालों को अब ड्रोन से जुड़े तीन कोर्स कर सकेंगे. यह शॉर्ट टर्म कोर्स होंगे. नोएडा (Noida) की गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी (GBU) शॉर्ट टर्म कोर्स का आयोजन करेगी. कोर्स को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन ड्रोन (Drone) टेक्नोलॉजी नाम दिया गया है. यूनिवर्सिटी ने भारत सरकार के नेशनल स्किल डिवीजन कारपोरेशन के स्किल सेट काउंसिल से इंस्ट्रूमेंट्स ऑटोमेशन सर्विलांस कम्युनिकेशन के लिए एक कांट्रेक्ट साइन किया है. वहीं ट्रेनिंग देने वाली कंपनी ओमनी प्रेजेंट रोबोटेक से भी कांट्रेक्ट साइन कर लिया लिया गया है.
यह तीन कोर्स कराएगी जीबीयू
जीबीयू, नोएडा के मुताबिक यूनिवर्सिटी ड्रोन से जुड़े तीन तरह के शॉर्ट टर्म कोर्स कराएगी. यह कोर्स ड्रोन डिजाइनिंग एंड मेन्युफैक्चरिंग, ड्रोन टेक्नीशियन और ड्रोन पायलट ट्रेनिंग के होंगे. यह तीनों ही कोर्स दो से छह महीने तक के होंगे. यूनिवर्सिटी के मुताबिक उसके इंफारमेंशन टेक्नोलॉजी विभाग के 150 छात्रों ने ड्रोन से जुड़े कोर्स करने की इच्छा जताते हुए रजिस्ट्रेशन कराया है.
10 राज्यों में यहां खोले गए ड्रोन ट्रेनिंग स्कूल
10 राज्यों में शामिल यूपी के अलीगढ़ में धनीपुर हवाई पट्टी पर दो ड्रोन पायलट ट्रेनिंग स्कूल खोले गए हैं. वहीं हरियाणा में तीन गुरुग्राम और एक बहादुरगढ़ में स्कूल खोला गया है. मध्य प्रदेश में ग्वालियर, गुजरात में अहमदाबाद, हिमाचल प्रदेश में शाहपुर, झारखंड में जमशेदपुर, कर्नाटक बेंगलूरु, महाराष्ट्र में 4 में से दो पुणे, एक मुम्बई और एक बारामती में खोला गया है. तेलंगाना में सिकंदराबाद और हैदराबाद में एक-एक खोले गए हैं. तमिलनाडू में चेन्नई में एक ट्रेनिंग स्कूल खोला गया है. देशभर में अभी सिर्फ 18 स्कूल ही खोले गए हैं.
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इस फील्ड में ड्रोन के इस्तेमाल को दी गई है मंजूरी
केन्द्र सरकार के मुताबिक अभी मेडिकल, एग्रीकल्चरल, पंचायतीराज, रक्षा मंत्रालय, गृहमंत्रालय, आवास और शहरी मामले, खनन, परिवहन, बिजली, पेट्रोलियम और गैस, पर्यावरण और सूचना-प्रसारण की फील्ड में ड्रोन का इस्तेमाल करने के लिए मंजूरी दी गई है. कोरोना वैक्सीन की सप्लाई के लिए तो मेघालय में ड्रोन का इस्तेमाल करने की मंजूरी दी गई थी.
वजन के हिसाब से ड्रोन के लिए ये होंगे मानक
ड्रोन को वजन के अनुसार विभिन्न श्रेणियों में रखा गया है. 250 ग्राम या इससे कम वजन वाले नैनो ड्रोन कहे जाएंगे. जबकि इससे अधिक वजन वाले माइक्रो या मिनी ड्रोन के लिए यूआइडी के अलावा अन्य नियमों का पालन करना जरूरी होगा.
नए नियमों के अनुसार 250 ग्राम से 2 किलो वजन तक के माइक्रो ड्रोन, 2 किलो से 25 किलो, 25 किलो-150 किलो और उससे ज्यादा वजन वाले मिनी एवं बड़े ड्रोन पर यूआइडी प्लेट के अलावा आरएफआइडी/सिम, जीपीएस, आरटीएच (रिटर्न टू होम) और एंटी कोलीजन लाइट लगाना जरूरी होगा. हालांकि 2 किलो से अधिक वजन वाले मानव रहित मॉडल एयरक्राफ्ट पर केवल आइडी प्लेट लगाना जरूरी होगा.
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