लक्ष्मी सिंह की ईमानदार और तेजतर्रार छवि से प्रभावित होकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने गौतमबुद्धनगर जिले का पुलिस उपायुक्त बनाया है.
नोएडा. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) ने कानून व्यवस्था को और दुरुस्त करने के लिए प्रशासनिक स्तर पर कई बदलाव किए हैं. योगी सरकार ने हाल ही में कमिश्नरेट प्रणाली (Commissionerate System) लागू करने की घोषणा के बाद गाजियाबाद, आगरा और प्रयागराज जिलों में नए पुलिस कमिश्नर (Police Commissioner) की तैनाती कर दी है. वहीं, गौतमबुद्धनगर और वाराणसी के पुलिस कमिश्नर को बदल दिया है. दिल्ली से सटे गाजियाबाद की कमान आईपीएस (IPS) अधिकारी अजय मिश्रा को सौंपी गई है. वहीं, गौतमबुद्धनगर जिले की कमान आईपीएस अधिकारी आलोक सिंह की जगह अब तेज तर्रार आइपीएस अधिकारी लक्ष्मी सिंह (IPS Laxmi Singh) को सौंपी गई है. आइए जानते हैं कौन हैं आईपीएस अधिकारी लक्ष्मी सिंह, जो यूपी के किसी जिले की पहली महिला पुलिस आयुक्त बनी हैं.
गौतमबुद्धनगर जिले की पुलिस आयुक्त बनने के बाद लक्ष्मी सिंह ने कहा है कि शासन की नीतियों के मुताबिक ही नोएडा पुलिस परफॉर्म करेगी. नोएडा में निवेशकों को सुरक्षित माहौल देना प्राथमिकता होगी. लड़कियों, महिलाओं की सुरक्षा पर पूरा ध्यान रखा जाएगा. इसके साथ ही बायर्स-बिल्डर्स,सोसाइटी के विवादों को बड़ा नहीं होने दिया जाएगा. नागरिकों के सम्मान और अधिकार पर पूरा ध्यान दिया जाएगा. 2000 बैच की यूपी कैडर की तेज तर्रार आईपीएस अधिकारी लक्ष्मी सिंह पिछले कई सालों से चर्चा में हैं. योगी राज में हुए कई आपराधिक घटनाओं की जांच जिम्मेदारी लक्ष्मी सिंह को मिल चुकी है.
लक्ष्मी सिंह का ऐसा है परिवार और उपलब्धियां
लक्ष्मी सिंह के पति राजेश्वर सिंह भी एक तेज तर्रार पुलिस अधिकारी रह चुके हैं. राजेश्वर सिंह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के ज्वाइंट डायरेक्टर के पद पर रहते हुए कई बड़े-बड़े केसों को हैंडल कर चुके हैं. यूपी चुनाव से ठीक पहले उन्होंने पुलिस सेवा छोड़ कर राजनीति ज्वाइन कर लिया था. राजेश्वर सिंह फिलहाल लखनऊ के सरोजनी नगर सीट से बीजेपी के विधायक हैं. लक्ष्मी सिंह के ससुर रणबहादुर सिंह राष्ट्रपति का वीरता पदक पाने वाले रिटायर्ड डीआईजी रह चुके हैं. वहीं, उनके बड़े जेठ (राजेश्वर सिंह के बड़े भाई) रामेश्वर सिंह मुख्य आयकर आयुक्त के पद पर कार्यरत हैं. लक्ष्मी सिंह की बड़ी ननद आभा सिंह इंडियन पोस्टल सर्विस की डायरेक्टर रह चुकी हैं. लक्ष्मी सिंह की छोटी ननद मीनाक्षी सिंह आयकर आयुक्त के पद पर हैं. राजेश्वर सिंह के बड़े बहनोई योगेश प्रताप सिंह आईपीएस थे. लक्ष्मी सिंह के पति के छोटे बहनोई राजीव कृष्ण यूपी पुलिस में एडीजी के पद पर तैनात हैं. राजेश्वर की भांजी ईशा सिंह भी आईपीएस अधिकारी हैं.
पति राजेश्वर सिंह पहले से ही हैं देश में चर्चित
अगर बात करें आईपीएस अधिकारी लक्ष्मी सिंह की उपलब्धि की तो उनके नाम कई पुलिस पदक है. सिंह को इसके साथ-साथ कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है. लक्ष्मी सिंह को मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पुलिस पदक से भी सम्मानित किया जा चुका है. इससे पहले सरदार वल्लभ भाई पटेल नेशनल पुलिस अकेडमी हैदराबाद में ट्रेनिंग के दौरान सिंह को बेस्ट प्रोबेशनर भी घोषित की चुकी हैं. लक्ष्मी सिंह को प्रधानमंत्री पीएम मोदी की ओर से सिल्वर बेटन भी मिल चुका है.
उन्नाव कांड का 72 घंटे के अंदर ही कर दिया खुलासा
लक्ष्मी सिंह यूपी के कई जिलों में अपनी सेवाएं देते हुए बड़े-बडे केसों को हैंडल कर चुकी हैं. वाराणसी, चित्रकूट, गोंडा, फर्रुखाबाद, बागपत और बुलंदशहर में बतौर एसपी और एसएसपी भी रह चुकी हैं. एसटीएफ में भी बतौर डीआईजी तैनात रहीं हैं और अपराधियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई के लिए सुर्खियां बटोर चुकी हैं. इस दौरान सिंह ने कई इनामी डकैतों और दुर्दांत अपराधियों का एनकाउंटर करने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया.
योगी राज में किए खूब कारनामे
राज्य में योगी सरकार के आने के बाद पहली बार लक्ष्मी सिंह को साल 2014 में आगरा का डीआईजी बनाया गया. इस दौरान सिंह ने आगरी के कई बड़े-बड़े क्रिमिनलों को सलाखों के पीछे पहुंचाया. आगरा के बाद लक्ष्मी सिंह को मेरठ की जिम्मेदारी दी गई. यहां भी उन्होंने कई केसों का उदभेदन किया.
ईमानदार और कड़क महिला अधिकरी हैं लक्ष्मी सिंह
लक्ष्मी सिंह की ईमानदार और तेजतर्रार छवि से प्रभावित होकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें प्रमोशन देकर 2019 में उनको राजधानी लखनऊ की जिम्मेदारी दी थी. इसी दौरान विकास दुबे कांड की जांच भी सीएम योगी ने लक्ष्मी सिंह को सौंप दिया. उन्नाव में खेत में रस्सी से बंधी हुई मिली तीन लड़कियों का केस की जिम्मेदारी भी लक्ष्मी सिंह ने निभाई और उन्नाव केस में अभियुक्तों को तीन दिन के अंदर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया था.
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कुछ सालों पहले तक आईपीएस अधिकारी लक्ष्मी सिंह से ज्यादा चर्चे उनके पति राजेश्वर सिंह का हुआ करता था. ईडी के ज्वाइंट डायरेक्टर पद पर रहते हुए राजेश्वर सिंह ने कई बड़े-बड़े कारनामे किए. इस दौरान 2जी घोटाला, जगन रेड्डी केस, कोलगेट केस, कॉमनवेल्थ गेम घोटाला, अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर डील केस, ओपी चौटाला जैसे हाई प्रोफाइल मामलों की जांच की. इन केसों के जांच को लेकर सिंह हमेशा चर्चा में रहते थे. 2009 में झारखंड के तत्कालीन सीएम मधु कोड़ा समेत आठ मंत्रियों को चार हजार करोड़ के घोटाले में गिरफ्तार किया था. हालांकि, राजेश्वर सिंह का बड़ी-बड़ी जांचों के साथ बड़े-बड़े विवादों से भी नाम जुड़ा. उनके खिलाफ कई बार सुप्रीम कोर्ट में शिकायत की गई थी.
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