नोएडा:-आरटीआई यानि कि सूचना का अधिकार जो आम जनता को अधिकार देता है कि वो सरकारी तंत्र से ऐसे सवाल का जवाब मांग सकते हैं जो पब्लिक प्लेटफार्म पर आम लोगों को उपलब्ध नहीं हैं.आरटीआई के माध्यम से देश में न सिर्फ कई सुधार हुए हैं बल्कि कई घोटालों का भी राजफाश हुआ है.आज आप को मिलवातें हैं नोएडा के एक आरटीआई कार्यकर्ता से जिनकी आरटीआई के सवाल पर जब महाराष्ट्र और एमपी सरकार दोनों विपक्ष के तीखे सवालों से घिर गए थे.
क्या था सवाल?
नोएडा के आरटीआई कार्यकर्ता रंजन तोमर ने डब्लूसीसीबी (वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो) से आरटीआई के माध्यम से हाथी और शेर के अवैध शिकार के बारे में सभी राज्यों के आंकड़े मांगे थे.जिसमें पता चला कि महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा इन जानवरों के शिकार अवैध रूप से किये गए थे.रंजन तोमर ने बताया कि मैंने साल 2020 के आंकड़े की मांग की थी.यह आरटीआई के तहत मैंने अप्रैल 2021 में ही मांगा था.लेकिन दिसम्बर माह में इसका असर दिखा जब दोनों राज्यों के विपक्ष ने इस मुद्दे को उठाया.जिसके बाद विधानसभा में उद्धव ठाकरे सरकार को इस बारे में लिखित जवाब देना पड़ा.जिसमे उन्होंने कहा कि इन जंगली जानवरों की सुरक्षा को लेकर और ठोस कदम उठाए जाएंगे.
चीन जैसे देशों में है इन जानवरों की अधिक मांग
रंजन तोमर बताते हैं कि चीन जैसे देशों में हाथियों के दांत की ज्यादा मांग होती है वहीं इसकी तस्करी भी ज्यादा होती है.वैसे तो वैज्ञानिक आधार पर कोई पुष्टि नहीं है कि हाथी के दांत से कोई बीमारी ठीक होती हो लेकिन इस वजह से भी हाथियों की तस्करी खूब होती है.
(रिपोर्ट:- आदित्य कुमार)
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