दिल्ली-एनसीआर वालों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. जल्द ही नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच एक और एक्सप्रेसवे शुरू हो जाएगा. Demo Pic
नोएडा. दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) वालों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. जल्द ही नोएडा (Noida) और ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) के बीच एक और एक्सप्रेसवे शुरू हो जाएगा. नोएडा अथॉरिटी ने एक्सप्रेसवे का काम शुरू कर दिया है. नया एक्सप्रेसवे यमुना नदी के किनारे बनेगा. नया एक्सप्रेसवे बनाने का मकसद नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे (Noida-Greater Noida Expressway) पर ट्रैफिक दबाव को कम करना है. वहीं यमुना किनारे नया एक्सप्रेसवे बनने से नदी में बाढ़ आने पर उसका पानी नोएडा में नहीं घुसेगा. यह एक्सप्रेसवे कालिंदी कुंज (Kalindi Kunj) से दनकौर तक बनेगा. इसकी लम्बाई करीब 26 किमी होगी.
7 साल पहले शुरू हुआ था एक्सप्रेसवे का काम
साल 2014 में यमुना अथॉरिटी ने 15 किमी लम्बे एक एक्सप्रेसवे को बनाने की योजना पर काम शुरू किया था. यह एक्सप्रेसवे कालिंदी कुंज से हिंडन नदी तक जाना था. उस वक्त इसकी लागत 275 करोड़ रुपये आंकी गई थी. अब करीब यह लागत 300 करोड़ के आसपास पहुंच गई है. अचानक से बीच में ही इसका काम रुक गया था. लेकिन साउथ नोएडा के विकास और नए सेक्टर्स को देखते हुए नोएडा अथॉरिटी ने इस एक्सप्रेसवे को पूरा करने का काम शुरू कर दिया है.
अथॉरिटी से जुड़े अफसरों की मानें तो जब पहली बार इस एक्सप्रेसवे का काम शुरू हुआ था तभी 11 किमी लम्बी सड़क का निर्माण कर लिया गया था. लेकिन उस वक्त सड़क की चौड़ाई सिर्फ 30 मीटर थी. जिसे अब 100 मीटर चौड़ा किया जा रहा है. वहीं बाकी बचे 4 किमी लम्बे हिस्से को भी पूरा किया जाएगा.
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जानें नए एकसप्रेसवे का किसे होगा फायदा
साउथ नोएडा को बसाने की तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं. नोएडा अथॉरिटी भी अपनी योजनाएं जमीन पर उतार रही है. कई नए सेक्टर्स भी बसाए जा रहे हैं. ऐसा दावा किया जा रहा है कि 26 किमी लम्बा नया एक्सप्रेसवे बनने से सबसे ज्यादा सेक्टर-128, सेक्टर-135, सेक्टर-150, सेक्टर-151, सेक्टर-168, छपरौली, मंगरौली, याकूतपुर, झट्टा, बादली, सफीपुर, नंगला, नंगली, नंगली साकपुर और मोमनाथल को होगा. इतना ही नहीं ग्रेटर नोएडा में इस एक्सप्रेसवे के किनारे आने वाले कई सेक्टर्स में नए रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट शुरू हो चुके हैं. जिनहें सीधा-सीधा इस एक्सप्रेसवे का फायदा मिलेगा.
एक्सप्रेसवे के बनने से बाढ़ से भी बचा रहेगा नोएडा
जानकारों की मानें तो कालिंदी कुंज से लेकर दनकौर तक यमुना किनारे साल 1980 में एक तटबंध बनाया गया था. इसको बनाने का मकसद यह था कि यह पूरा इलाका भविष्य में आने वाली यमुना की बाढ़ से बचा रहेगा. फिर बाद में इसी तटबंद को और मजबूत करने के लिए इसके ऊपर एक सड़क बनाने का फैसला किया. नया एक्सप्रेसवे उसी योजना का नतीजा है.
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