दो एक्सप्रेसवे भी आधा से एक घंटे के लिए बंद किए जा सकते हैं. सर्विस रोड भी कई घंटे के लिए बंद हो जाएंगे.(News18 Hindi )
नोएडा. 22 मई की दोपहर नोएडा के एक खास इलाके के 5 किमी के दायरे में विमान उड़ान नहीं भरेंगे. इतना ही नहीं दो एक्सप्रेसवे भी आधा से एक घंटे के लिए बंद किए जा सकते हैं. सर्विस रोड भी कई घंटे के लिए बंद हो जाएंगे. सुपरटेक एमराल्ड योजना के तहत बने ट्विन टावर (Supertech Twin Tower) सियान और एपेक्स को गिराए जाने के वक्त यह कदम उठाया जा सकता है. गौरतलब रहे कंट्रोल ब्लास्ट कर ट्विन टावर गिराए जाएंगे. धूल का गुबार उठने के चलते टावर गिराने वाली कंपनी और नोएडा अथॉरिटी इस संबंध में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया से बातचीत कर रही है. 2 दिन पहले 10 अप्रैल को इसी टावर में ट्रायल ब्लास्ट भी किया गया था.
इसलिए नो फ्लाइंग जोन बनाने की चल रही है बात
जानकारों का कहना है कि 22 मई को ब्लास्ट कर ट्विन टावर को गिराया जाएगा. टावर गिरने के दौरान धूल का गुबार भी बनेगा. यह 60 मीटर ऊंचाई तक जा सकता है. इतना ही नहीं निचली सतर पर इसका ज्यादा असर देखने को मिल सकता है. प्रदूषण के कण पीएम-10 और पीएम-2.5 से निपटना भी एक बड़ी चुनौती होगा. हालांकि बहुत कुछ हवा के रुख पर भी निर्भर करेगा. लेकिन ट्विन टावर गिराने वाली कंपनी एफिडिस, बिल्डर और नोएडा अथॉरिटी कोई चांस नहीं लेना चाहते हैं.
हेलीकॉप्टर से पानी के छिड़काव पर भी हो रहा विचार
सुपरटेक के ट्विन टावर सियान और एपेक्स को गिराने के दौरान उठने वाली धूल को रोकने के लिए हेलीकॉप्टर से पानी भी गिराया जा सकता है. करीब 60 मीटर की ऊंचाई तक उठने वाली धूल के गुबार को रोकने के लिए एफिडिस कंपनी यह कदम उठा सकती है. गौरतलब रहे पहले भी कंपनी ने इस बारे में चर्चा की थी. लेकिन यह बात कितनी आगे बढ़ी और इस पर क्या फैसला लिया गया यह अब मई में ही पता चलेगा.
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ट्विन टावर गिराने से पहले यह 8 बड़े काम करेगी कंपनी
सुपरटेक के ट्विन टावर सियान और एपेक्स को विस्फोटक से गिराने का काम अमेरिका और साउथ अफ्रीका की कंपनी एडिफिस कर रही है. कंपनी के भारतीय अफसरों की मानें तो ट्विन टावर के गिरने का असर किसी भी तरह से आसपास के टावर पर नहीं होगा. इसके लिए कंपनी कुछ काम पहले से कर रही है.
ट्विन टावर के आसपास मौजूद कुछ टावर्स का 100 करोड़ रुपये का बीमा कराया गया है.
ट्विन टावर और अन्य टावर्स के बीच कंटेनर की दीवार बनाई जाएगी, जिससे मलबा उन पर न गिरे.
जीओ फाइबर क्लाथ का जाल लगाया जाएगा. इससे तेज आवाज और धूल दूसरे टावर्स तक नहीं जाएगी.
आसपास के टावर्स की वाइब्रेशन क्षमता और विस्फोट के वाइब्रेशन की जांच की गई है.
धूल के गुबार से बचाने के लिए फायर टेंडर के साथ ही हेलीकॉप्टर से पानी छिड़कने में मदद ली जा सकती है.
22 मई विस्फोट वाले दिन एमरॉल्ड टावर खाली कराने के साथ पार्किंग भी खाली कराई जाएंगी.
नोएडा और ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे को बंद कराया जा सकता है.
यमुना एक्सप्रेसवे को भी कुछ देर के लिए बंद करने का फैसला हो सकता है.
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