रिपोर्ट: आदित्य कुमार
नोएडा: उत्तर प्रदेश का शो विंडो कहे जाने वाले शहर नोएडा में हर रोज नए विकास के कार्य हो रहे हैं. देश का पहली पॉड टैक्सी, देश के साथ-साथ पूरे एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट भी नोएडा में ही बनने जा रहा है. लेकिन, इस सबके बीच नोएडा में यात्रा करने के लिए लोग नाव पर निर्भर हैं. रोज हजारों लोग सुबह और शाम अपनी जान दांव पर लगाकर सफर पूरा करते हैं. इस नाव को चलाने का तरीका भी गजब है, ये नाव पतवार से नहीं, बल्कि रस्सी के सहारे खींची जाती है. इसके लिए रस्सी को इस पार से उस पार तक बांधा गया है. यहां नाव पर एक बार में 40 सवारी तक बैठाई जाती है.
नोएडा में हिंडन नदी के किनारे दो गांव बहलोलपुर और हैबतपुर पड़ते हैं. इन दोनों गांवों के बीच हिंडन नदी बहती है. रोज लाखों लोग हैबतपुर से बहलोलपुर कारखाने में काम करने जाते हैं. हालांकि, एक और रास्ता भी है लेकिन उसके लिए 10-12 किलोमीटर का चक्कर लगाना होगा. जितेंद्र सिंह बिहार से नोएडा कमाने के लिए साल 2006 में आए थे, वह बताते हैं कि जब से मैं नोएडा आया था, तब से मैं हैबतपुर में रह रहा हूं. यहां किराया कम है, लेकिन मुझे काम करने बहलोलपुर सेक्टर-63 जाना पड़ता है. मेरी सैलरी 12,000 है. ऐसे में नदी पार करना ही हमारी मजबूरी है, नाव वाला 5 रुपये में नदी पार करा देता है. वहीं मुख्य मार्ग से जाने पर 60 रुपये रोज खर्च करने पड़ेंगे.
हो सकती है बड़ी घटना
रामाशीष क्षेत्रीय निवासी हैं, वह बताते हैं कि एक पुल बन जाता तो दोनों गांव में रहने वाली आठ लाख की आबादी को आसानी होती. नाव से लोग आना-जाना करते हैं. छोटे-बड़े काम नाव से ही करते हैं. ऐसे में कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है. एक बार में एक नाव पर चालीस से पचास लोग यात्रा करते हैं. नोएडा अथॉरिटी से मसले पर जानकारी केलिए संपर्क किया गया तो उसने संपर्क नहीं हो पाया.
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