होमगार्ड वेतन घोटाला: घोटालेबाजों ने सुबूत मिटाने के लिए जला दीं फाइलें, जांच के आदेश
News18 Uttar Pradesh Updated: November 20, 2019, 9:43 AM IST

होमगार्ड वेतन घोटाले से जुड़ी फाइलें जला दी गई हैं.
आशंका जताई जा रही है कि सुबूत को मिटने के उद्देश्य से आग लगाई गई. मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के सख्त रुख के बाद प्लाटून कमांडर और होमगार्ड के दो जवानों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
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- Last Updated: November 20, 2019, 9:43 AM IST
नोएडा. होमगार्डों (Home Guards) की फर्जी ड्यूटी दिखाकर करोड़ों का वेतन भुगतान (Salary Scam) करने के मामले में घोटालेबाजों ने सोमवार को सुबूत मिटाने के लिए होमगार्ड कमांडेंट के दफ्तर में ही आग लगा दी. इसमें घोटाले से जुड़े सभी अहम दस्तावेज जलकर ख़ाक हो गए. बता दें कि सात दिन पहले ही यह घोटाला सामने आया था, जिसके बाद मामले में जांच के आदेश दिए गए थे. आशंका जताई जा रही है कि सुबूत को मिटने के उद्देश्य से यह आग लगाई गई. मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त रुख के बाद प्लाटून कमांडर और होमगार्ड के दो जवानों को गिरफ्तार कर लिया गया.
आनन-फानन में सूरजपुर कोतवाली में अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है. मुख्यमंत्री ने पूरे मामले में रिपोर्ट तलब कर फॉरेंसिक जांच के निर्देश दिए हैं, जिसके बाद डीजीपी ने गुजरात की फॉरेंसिक टीम से अग्निकांड की जांच करने के निर्देश दिए हैं.
घोटाले से जुड़े दस्तावेज ही जलाए गए
एसएसपी वैभव कृष्णा ने बताया कि सूरजपुर स्थित होमगार्ड कमांडेंट के दफ्तर में ब्लॉक ऑर्गेनाइजर कमरे का ताला तोड़कर वर्ष 2014 तक के दस्तावेज में आग लगाई गई. इस आगजनी में अधिकांश दस्तावेज जल गए. शुरुआती जांच में पता चला है कि आरोपियों ने मुख्य दीवार फांदकर दफ्तर में प्रवेश किया. इसके बाद बीओजी दफ्तर का ताला तोड़कर उसी आलमारी को खोला, जिसमें हाजिरी रजिस्टर, मस्टर रोल और वेतन संबंधित दस्तावेज रखे हुए थे. इसके बाद आरोपियों ने सभी दस्तावेजों में आग लगा दी. आग लगने की जानकारी मंगलवार को एक स्वीपर द्वारा दी गई.यह है पूरा मामला
एक हफ्ते पहले जनपद गौतमबुद्ध नगर (Gautambuddh Nagar) में होमगार्डों (Homeguards) की कथित तौर पर फर्जी हाजिरी लगाकर सरकार को करोड़ों रुपये की चपत लगाने का मामला सामने आया था. इसके बाद इस मामले में शासन स्तर की एक समिति ने जांच शुरू कर दी है. मामले में जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) ने अपनी खुद की जांच के बाद होमगार्ड विभाग के अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा लिखने की संस्तुति की थी, लेकिन शासन ने अपने स्तर से भी जांच कराने का निर्णय लिया. अब इस मामले की जांच चार सदस्यीय टीम कर रही है.
फर्जी हस्ताक्षर से घोटाले को दिया अंजामजिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि होमगार्डों की ड्यूटी में बड़ा घोटाला हुआ है. कुछ होमगार्ड ड्यूटी पर नहीं आते, लेकिन विभाग के अधिकारी थानों में उनकी उपस्थिति दिखाकर उनका वेतन निकाल लेते हैं. यह पूरा खेल होमगार्ड विभाग के एक संगठित गिरोह के माध्यम से होता है. पुलिस कप्तान ने बताया कि जब उन्होंने अपने स्तर से जांच कराई तो पता चला कि होमगार्ड विभाग के अधिकारियों ने जिले के थाना प्रभारियों के फर्जी हस्ताक्षर और फर्जी मुहर के सहारे इस घोटाले को अंजाम दिया है.
(इनपुट: कुनाल जायसवाल)
आनन-फानन में सूरजपुर कोतवाली में अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है. मुख्यमंत्री ने पूरे मामले में रिपोर्ट तलब कर फॉरेंसिक जांच के निर्देश दिए हैं, जिसके बाद डीजीपी ने गुजरात की फॉरेंसिक टीम से अग्निकांड की जांच करने के निर्देश दिए हैं.
घोटाले से जुड़े दस्तावेज ही जलाए गए
एसएसपी वैभव कृष्णा ने बताया कि सूरजपुर स्थित होमगार्ड कमांडेंट के दफ्तर में ब्लॉक ऑर्गेनाइजर कमरे का ताला तोड़कर वर्ष 2014 तक के दस्तावेज में आग लगाई गई. इस आगजनी में अधिकांश दस्तावेज जल गए. शुरुआती जांच में पता चला है कि आरोपियों ने मुख्य दीवार फांदकर दफ्तर में प्रवेश किया. इसके बाद बीओजी दफ्तर का ताला तोड़कर उसी आलमारी को खोला, जिसमें हाजिरी रजिस्टर, मस्टर रोल और वेतन संबंधित दस्तावेज रखे हुए थे. इसके बाद आरोपियों ने सभी दस्तावेजों में आग लगा दी. आग लगने की जानकारी मंगलवार को एक स्वीपर द्वारा दी गई.यह है पूरा मामला
एक हफ्ते पहले जनपद गौतमबुद्ध नगर (Gautambuddh Nagar) में होमगार्डों (Homeguards) की कथित तौर पर फर्जी हाजिरी लगाकर सरकार को करोड़ों रुपये की चपत लगाने का मामला सामने आया था. इसके बाद इस मामले में शासन स्तर की एक समिति ने जांच शुरू कर दी है. मामले में जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) ने अपनी खुद की जांच के बाद होमगार्ड विभाग के अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा लिखने की संस्तुति की थी, लेकिन शासन ने अपने स्तर से भी जांच कराने का निर्णय लिया. अब इस मामले की जांच चार सदस्यीय टीम कर रही है.
फर्जी हस्ताक्षर से घोटाले को दिया अंजाम
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(इनपुट: कुनाल जायसवाल)
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First published: November 20, 2019, 8:48 AM IST
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