रिपोर्ट: आदित्य कुमार
नोएडा: सड़कों पर स्टंट करना, शादियों में असलहे लहराना या किसी एसयूवी के की सन रूफ में खड़े होकर हथिरयार लेकर रील बनाना… ऐसी तमाम वायरल वीडियो और रील आपने अक्सर देखी होंगी. लड़के दूसरों से खुद को अलग दिखाने के लिए ऐसे कारनामे जोश में कर जाते हैं. उन्हें चर्चा में बने रहना का जुनून होता है और कई बार उनका ये जुनून उन्हें जेल की हवा तक खिला देता है. लेकिन, डॉक्टरों की मानें तो ये जुनून नहीं, बल्कि एक बीमारी है.
मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट और आईएमए नोएडा के प्रेसिडेंट डॉ. सुनील कुमार अवाना का कहना है कि यह एक तरह का मानसिक रोग है, जिसमें लड़के खुद को अलग दिखाने के लिए इस तरह का व्यवहार करते हैं. इस तरह के किशोरों व युवकों में अटेंशन सीकिंग प्रॉब्लम होती है. कई बार नशे के कारण भी वे ऐसे कदम उठा लेते हैं. ऐसे युवक एंटी सोशल पर्सनेलिटी डिसऑर्डर से ग्रस्त होते हैं. उन्हें लगता है कि लोग उन्हें बस देखें, चाहे वो कुछ सही करें या गलत.
हमेशा खुद को सुपीरियर दिखाने की कोशिश
डॉक्टर ने बताया कि इसी बीमारी के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन मुख्य कारण सोशल और साइकोलॉजिकल हैं. सोशल के तौर पर देखें तो ऐसे युवा सोसाइटी में खुद को सुपीरियर दिखाने के लिए कुछ अलग करने की चाहत रखते हैं. जैसे उन्हें शराब पीकर हंगामा करना पसंद होता है या असलहे लहराना, कुछ भी ऐसा जो दूसरे आसानी से नहीं कर सकते. वहीं, साइकोलॉजिकल कारण में संगति को देखा जाता है. कई बार युवक या युवतियों की ऐसी संगति हो जाती है या उनका साथ ऐसे लोगों के साथ हो जाता है, जहां इस तरह की हरकतें करना आम बात है. ऐसे लोग फिल्म के सीन्स कॉपी करते हैं. डॉक्टर ने आगे कहा, और कई बार पैसे को भी कारण माना गया है. ऐसा युवा जिनके पास बिना परिश्रम के ज्यादा पैसा आ जाए, वे भी शो ऑफ के लिए ऐसी हरकतें करते हैं.
काउंसलिंग बहुत जरूरी
डॉ. अवाना के अनुसार, इसको ठीक करने के लिए काउंसलिंग जरूरी है. कोई दिक्कत हो, उससे अच्छा है कि पहले ही काउंसलिंग करा लें. ध्यान रखें, पेरेंट्स जब भी युवाओं को रुपये दें तो हिसाब से या किश्तों में दें. परिवार में किशोरों या युवकों के पैसे खर्च करने पर अनुशान होना बहुत जरूरी है, नहीं तो आगे चलकर कोई भी बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है.
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