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ग्रेटर नोएडा की 700 एकड़ जमीन से चीन-ताइवान को मिलेगी चुनौती, जानें प्लान

यमुना अथॉरिटी से जुड़े अफसरों की मानें तो अथॉरिटी अपने दूसरे सेक्टर्स में और कलस्टर बनाने की तैयारी कर रही है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)

यमुना अथॉरिटी से जुड़े अफसरों की मानें तो अथॉरिटी अपने दूसरे सेक्टर्स में और कलस्टर बनाने की तैयारी कर रही है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)

यमुना अथॉरिटी  (Yamuna Authority) के अलग-अलग सेक्टर्स में लेदर पार्क (Lether Park), प्लास्टिक पार्क, हैंडलूम एंड हैंडीक ...अधिक पढ़ें

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नोएडा. जल्द ही चीन (China)-ताइवान को चुनौती मिलने वाली है. यह चुनौती कोई और नहीं यूपी सरकार (UP Government) ग्रेटर नोएडा की 700 एकड़ जमीन से देगी. सरकार के इस कदम से कोरोना-लॉकडाउन के चलते सेमीकंडक्टर (Semiconductor) की परेशानी उठाने वाली इंडस्ट्रियों को राहत मिलेगी. यूपी कैबिनेट ने ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) की 700 एकड़ जमीन पर सेमीकंडक्टर कलस्टर लगाने की मंजूरी दे दी है. कलस्टर के लिए यमुना अथॉरिटी अपने सेक्टर में जमीन देगी. इसके अलावा 10 और कलस्टर पर भी अथॉरिटी काम कर रही है. इसके साथ ही कलस्टर में फ्लैटेड फैक्ट्री सिस्टम पर भी यमुना अथॉरिटी (Yamuna Authority) काम कर रही है.

सेमीकंडक्टर बनाने की योजना पर ऐसे हो रहा काम

गौरतलब रहे अभी तक देश में कार, मोबाइल फोन और लैपटॉप के लिए सेमीकंडक्टर चीन और ताइवान से मंगाने पड़ते हैं. लेकिन कोरोना-लॉकडाउन के चलते चीन और ताइवान से सेमीकंडक्टर मंगाने में बड़ी परेशानी सामने आ रही थी. इसी परेशानी को दूर करने के लिए यूपी सरकार ने एक योजना तैयार की है. योजना के मुताबिक यमुना अथॉरिटी 1000 एकड़ जमीन देगी. इस जमीन में से 700 एकड़ पर सेमीकंडक्टर और 300 एकड़ पर इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग कलस्टर विकसित किया जाएगा. अथॉरिटी यह जमीन सेक्टर-10 में देगी.

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देश में अभी तक सेमीकंडक्टर चीन-ताइवान से आयात कर असेंबल किए जाते हैं. इसका इस्तेमाल कार, मोबाइल और लैपटॉप में किया जाता है. सेमिकंडक्टर चिप किसी भी मशीनरी को कंट्रोल करने के लिए लगाई जाती है. कोराना काल में सेमीकंडेक्टर की कमी का असर वाहन और मोबाइल उत्पादन पर साफ दिखा था. बाजार में मांग होने के बावजूद कंपनियां उत्पादन नहीं कर पा रही थीं.

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5 कलस्टर तैयार हैं और 5 पर चल रहा है काम

यमुना अथॉरिटी से जुड़े अफसरों की मानें तो अथॉरिटी अपने दूसरे सेक्टर्स में और कलस्टर बनाने की तैयारी कर रही है. 5 कलस्टर ऐसे हैं जिन पर आधे से ज्यादा काम हो चुका है. वहीं 5 अन्य पर काम शुरू किया जा रहा है. लेदर पार्क, प्लास्टिक पार्क, हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट पार्क, इलेक्ट्रिकल पार्क, ट्रांसपोर्ट पार्क कलस्टर बनाने की चल रही है तैयारी. अभी इसकी योजना पर काम हो रहा है. जबकि अपैरल, एमएसएमई, हैंडीक्राफ्ट, टॉय सिटी पार्क और मेडिकल डिवाइस पार्क कलस्टर को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है. जमीन का आवंटन भी हो चुका है.

फ्लैटेड फैक्ट्री सिस्टम पर बनेंगे कलस्टर

यूपी में फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स पर काम शुरू हो चुका है. जिलों में फैक्ट्रियों बनाने को लेकर योगी सरकार भी बड़ा ऐलान कर चुकी है. गौतम बुद्ध नगर के अलावा अब आगरा-कानपुर और गोरखपुर में भी फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स बनाने की तैयारी चल रही है. यमुना अथॉरिटी ने भी अपनी बोर्ड मीटिंग में फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स को मंजूरी दे दी है. गौरतलब रहे सबसे पहले नोएडा और ग्रेटर नोएडा में फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स योजना शुरू की गई थी. अथॉरिटी के अलग-अलग सेक्टर्स में बनने वाले कलस्टर भी इसी सिस्टम पर बनाए जाएंगे.

इस तरह के कारोबार में होता है फ्लैटेड फैक्ट्री का इस्तेमाल 

जानकारों की मानें तो फ्लैटेड फैक्ट्री का कॅन्सेप्ट विदेशी है. इसके तहत फ्लैटनुमा बहुमंजिला इमारतों का निर्माण किया जाता है. इमारत के हर फ्लोर पर काम के हिसाब से स्ट्राक्चर तैयार किया जाता है. जैसे जूता सिलाई, रेडीमेड गारमेंट, इलेक्ट्रॉनिक-इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट, हैंडीक्राफ्ट, फैशन डिजाइन, आईटी सेक्टर से जुड़े केपीओ, बीपीओ, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, डिजाइनिंग, असेंबलिंग की छोटी फैक्ट्रियां आदि. खास बात यह है कि फ्लैटेड फैक्ट्रियों में काम से जुड़े जरूरी संसाधन पहले से ही स्थापित होते हैं.

Tags: China, Greater noida news, Yamuna Authority

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