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अनन्या दीक्षित की मौत की जांच CBI को सौंपी गई, 5 साल पहले हॉस्टल में पंखे से लटका मिला था MBBS छात्रा का शव, जानें पूरा मामला

बरेली के श्री राम मूर्ति स्मारक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में फांसी के फंदे से लटकी मिली थी अनन्या दीक्षित. (फोटो: ट्विटर)

बरेली के श्री राम मूर्ति स्मारक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में फांसी के फंदे से लटकी मिली थी अनन्या दीक्षित. (फोटो: ट्विटर)

Ananya Dixit Death Case: अनन्या जब पांचवीं कक्षा में थी, तभी से उसका सपना था कि वे बहुत बड़ी डॉक्टर बनें, जिसके लिए उसने ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

अनन्या दीक्षित की मौत की जांच CBI को सौंपी गई
बरेली के श्री राम मूर्ति स्मारक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में फंदे से लटकी मिली थी अनन्या
अनन्या की मां ने इसे आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या बताया था

नोएडा. 17 साल की अनन्या की मौत (Ananya Death Case) की गुत्थी अभी तक नहीं सुलझी है. 2017 में फर्स्ट अटेम्प्ट में ही नीट परीक्षा पास करने वाली अनन्या अपने कॉलेज के हॉस्टल में 6 सितंबर को फांसी के फंदे से लटकी मिली थी.  मृतका की मां ने इसे आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या करार दिया था और कहा कि उनकी बेटी के केस की जांच में बाधा डालने की कोशिश की गई. केस की जांच के लिए दो एजेंसियां लगाई गईं, लेकिन निष्कर्ष नहीं निकल सका. अब, पांच साल से अधिक समय के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई (CBI) को मामले की जांच करने का आदेश दिया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अनन्या जब पांचवीं कक्षा में थी, तभी से उसका सपना था कि वे बहुत बड़ी डॉक्टर बनें, जिसके लिए उसने 12वीं कक्षा के बाद नीट का एग्जाम दिया और पहले ही अटेम्प्ट में वह पास हो गई. उसे बरेली (Bareilly) के ‘श्री राम मूर्ति स्मारक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज’ (Shri Ram Murti Smarak Institute of Medical Sciences) में एडमिशन मिला. वह केवल सात दिनों के लिए ही उस कॉलेज में गई थी. कॉलेज के अपने पहले दिन, उसने अपनी डायरी में लिखा ‘डॉक्टर के रूप में अपने सपने को पूरा करने की दिशा में यह मेरा पहला कदम है.’ 6 सितंबर, 2017 को वह हॉस्टल के कमरे में लटकी पाई गई थी.

अनन्या की मां शैलजा ने कहा, ‘हम शुरू से ही सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं. हम आभारी हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया है. मैं सिर्फ यह जानना चाहती हूं कि मेरी बेटी के साथ क्या हुआ है. कई अधिकारियों ने हमें डराया, धमकाया. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि ‘वे कभी भी हमारा सहयोग नहीं किये, बल्कि अपराध के दृश्य के साथ छेड़छाड़ की. उन्होंने उसके रूममेट को भी अपना सामान लेने की अनुमति दी. जांच से पहले यह कैसे किया जा सकता है? अनन्या का सामान पैक किया और मेरे पास भेज दिया गया. क्या जांच पूरी होने तक कमरे को बंद नहीं कर देना चाहिए था?’

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इस मामले में काफी उतार-चढ़ाव देखे गए हैं- दो जांच एजेंसियां ​​अलग-अलग निष्कर्षों के साथ सामने आईं, एक ने क्लोजर रिपोर्ट पेश की, जबकि दूसरे ने कहा कि यह आत्महत्या थी. इस मामले में दो व्यक्तियों पर शिकायत दर्ज की गई. चार्जशीट के मुताबिक, बरेली पुलिस ने अनन्या के एक दोस्त पर आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और कॉलेज के तत्कालीन प्रिंसिपल पर धारा 201 (सबूतों को मिटाना या गलत जानकारी देना) के तहत मामला दर्ज किया था. जांच में पाया गया कि घटना से एक दिन पहले 5 सितंबर, 2017 को, उसके दोस्त ने कथित तौर पर अनन्या को कई बार फोन किया और उन्होंने आखिरी बार रात 10.29 बजे बात की. इसके बाद उन्होंने अपने फोन बंद कर दिए. दोस्त ने अगले दिन दोपहर 1 बजे फोन ऑन किया.

Tags: Bareilly Big News, Hanged, Medical student, Noida news

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