नोएडा. यमुना एक्सप्रेसवे पर एक्सीडेंट में बहुत सारे लोगों की मौत इसलिए हो जाती है कि उन्हें वक्त पर इलाज नहीं मिल पाता. लूट की वारदात भी एक्सप्रेसवे पर लगातार बढ़ रही हैं. इसी के चलते यमुना अथॉरिटी और जेपी इंफ्राटेक ने एक प्लान बनाया है कि एक्सीडेंट में घायलों को एक्सप्रेसवे के किनारे ही इलाज मिल जाए. सेफ्टी-सिक्योरिटी प्लान में भी बदलाव किया जा रहा है.
यमुना अथॉरिटी के अफसरों के मुताबिक़ अभी यमुना एक्सप्रेसवे पर पुलिस पीसीआर की संख्या 14 है. ये पीसीआर नोएडा जीरो पाइंट से लेकर आगरा तक गश्त करती हैं. बावजूद इसके आए दिन एक्सप्रेसवे पर लूट की वारदात हो रही हैं. इसे रोकने के लिए पीसीआर की संख्या बढ़ाई जा रही है. जल्द ही एक्सप्रेसवे पर 14 की जगह 28 पीसीआर पेट्रोलिंग करेंगी.
एक्सप्रेसवे की सुरक्षा के लिए 4 नए पुलिस स्टेशन खोले जा रहे हैं. सभी नए पुलिस स्टेशन गौतम बुद्ध नगर, अलीगढ़, मथुरा और आगरा में यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे खोले जाएंगे. यूपी सरकार ने पुलिस स्टेशन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. पुलिस स्टेशन के लिए जमीन यमुना अथॉरिटी फ्री में देगी. वहीं अथॉरिटी स्टेशन की बिल्डिंग भी अपनी तरफ से तैयार करवाकर देगी.
CM Yogi तक पहुंची यमुना और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को रात में 3 घंटे बंद करने की मांग, जानें वजह
जेवर के बीजेपी विधायक धीरेन्द्र सिंह का कहना है कि जेवर और उसके आसपास बहुत तेजी से रेजिडेंशियल, कमर्शियल और इंडस्ट्रियल डवलपमेंट हो रहा है. इंटरनेशनल जेवर एयरपोर्ट और फिल्म सिंटी भी बन रही है. ऐसे में इमरजैंसी स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत भी होगी. और फिर यमुना एक्सप्रेस वे पर हर रोज छोटे-बड़े एक्सीडेंट होते हैं. एक्सीडेंट में बहुत से लोगों की जान तो सिर्फ इसलिए ही चली जाती है कि वक्त रहते उन्हें इलाज नहीं मिल पाता है. एक्सप्रेस वे जेवर, मथुरा और आगरा को जोड़ता है. लेकिन उसके किनारे कोई अस्पताल नहीं है. इसे ध्यान में रखते हुए ट्रॉमा सेंटर बनाया जा रहा है.
दो से तीन महीने में ट्रॉमा सेंटर बनना शुरु हो जाएगा. यह 200 बेड का होगा. इसका फायदा वर्तमान में तो मिलेगा ही साथ में यहां जल्द होने वाली बसावट को भी इसका फायदा मिलेगा. नियमों के मुताबिक जेपी कंपनी को एक्सप्रेस वे के किनारे अस्पताल का निर्माण कराना था, लेकिन उसने नोएडा में अंदर जाकर अपना अस्पताल बनाया, जिसका फायदा एक्सप्रेस वे पर एक्सीडेंट का शिकार लोगों को नहीं मिल पाता है.
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता केसी जैन को आरटीआई से मिले जवाब के मुताबिक यमुना एक्सप्रेस वे पर जनवरी 2017 तक करीब 4505 हादसे हुए, इनमें 626 लोगों की मौत हो चुकी है. साल दर साल हादसों में तेजी दिख रही है. 2015 की तुलना में एक्सप्रेस वे पर 2016 में 30 फीसद हादसे ज्यादा हुए थे. 2016 में एक्सप्रेसवे पर 1193 एक्सीडेंट हुए थे . इनमें 128 लोगों की मौत हुई थी. वहीं 2015 में यहां 919 हादसे हुए थे जिसमें 143 लोगों की मौत हो गई थी.
2013 में यहां 896 हादसे हुए जिसमें 118 लोगों की मौत हुई थी. 2014 में इस एक्सप्रेस वे पर 771 हादसे हादसे हुए जिसमें 127 लोगों की अपनी जान गई . अगस्त 2012 में एक्सप्रेस वे चालू हुआ था. तब दिसंबर 2012 तक 294 हादसे हुए थे जिसमें 33 लोगों की जान गई थी.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Noida news, UP police, Yamuna Authority, Yamuna Expressway