होम /न्यूज /उत्तर प्रदेश /यमुना अथॉरिटी के सेक्टर-29 में बनेगा फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स, जानें कैसा होता है

यमुना अथॉरिटी के सेक्टर-29 में बनेगा फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स, जानें कैसा होता है

फ्लैटेड फैक्ट्री कॉन्सेप्ट से ऐसे कारोबारी भी कारोबार शुरु कर सकते हैं जिनके पास कम पूंजी है. Demo Pic

फ्लैटेड फैक्ट्री कॉन्सेप्ट से ऐसे कारोबारी भी कारोबार शुरु कर सकते हैं जिनके पास कम पूंजी है. Demo Pic

नोएडा-ग्रेटर नोएडा (Noida-Greater Noida) में फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स की शुरुआत मेडिकल डिवाइस पार्क (Medical Device ...अधिक पढ़ें

 नोएडा. यूपी में फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स (Flatted Factory Complex) पर काम शुरू हो चुका है. जिलों में फैक्ट्रियों बनाने को लेकर योगी सरकार भी बड़ा ऐलान कर चुकी है. गौतम बुद्ध नगर (Gautam Budh Nagar) के अलावा अब आगरा (Agra)-कानपुर और गोरखपुर में भी फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स बनाने की तैयारी चल रही है. यमुना अथॉरिटी (Yamuna Authority) ने भी अपनी बोर्ड मीटिंग में फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स को मंजूरी दे दी है. जेवर एयरपोर्ट से कुछ ही दूरी पर सेक्टर-29 में यह कॉम्प्लेक्स बनेगा. 20 और 18 हजार वर्गमीटर में दो कॉम्प्लेक्स बनाए जाएंगे. गौरतलब रहे सबसे पहले नोएडा (Noida) और ग्रेटर नोएडा में फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स योजना शुरू की गई थी.

 इस तरह के कारोबार में होता है फ्लैटेड फैक्ट्री का इस्तेमाल 

जानकारों की मानें तो फ्लैटेड फैक्ट्री का कॅन्सेप्ट विदेशी है. इसके तहत फ्लैटनुमा बहुमंजिला इमारतों का निर्माण किया जाता है. इमारत के हर फ्लोर पर काम के हिसाब से स्ट्राक्चर तैयार किया जाता है. जैसे जूता सिलाई, रेडीमेड गारमेंट, इलेक्ट्रॉनिक-इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट, हैंडीक्राफ्ट, फैशन डिजाइन, आईटी सेक्टर से जुड़े केपीओ, बीपीओ, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, डिजाइनिंग, असेंबलिंग की छोटी फैक्ट्रियां आदि. खास बात यह है कि फ्लैटेड फैक्ट्रियों में काम से जुड़े जरूरी संसाधन पहले से ही स्थापित होते हैं.

आपके शहर से (नोएडा)

नोएडा
नोएडा

संसाधनों के साथ किराए पर मिल जाती है फैक्ट्री

जानकारों की मानें तो फ्लैटेड फैक्ट्री कॉन्सेप्ट से ऐसे कारोबारी भी कारोबार शुरु कर सकते हैं जिनके पास कम पूंजी है. ज़मीन खरीदने और फैक्ट्री बनवाने से लेकर उसका स्ट्राक्चर तक तैयार कराने लायक लागत नहीं है.ऐसे में फ्लैटेड फैक्ट्री कॅन्सेप्ट बहुत ही काम आता है. इसके तहत अपने काम के हिसाब से फैक्ट्री में पहले से तैयार फ्लोर किराए पर लेकर काम शुरु किया जा सकता है.

Twin Tower Blast के दौरान आने-जाने को इन रास्तों का कर सकते हैं इस्तेमाल

इस कॅन्सेप्ट से ज़मीन और फैक्ट्री के लिए मोटी रकम का इंवेस्टमेंट नहीं करना होता है. प्रोजेक्ट के हिसाब से फ्लैटेड फैक्ट्री में स्ट्राक्चर तैयार मिल जाता है. अच्छी बात यह भी है कि इस तरह की फैक्ट्री किराए पर भी मिल जाती हैं.

फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स में इन्हें भी मिलेगा कारोबार करने का मौका

यमुना अथॉरिटी से जुड़े अफसरों की मानें तो सभी 5 नए इंडस्ट्रियल कलस्टर 200 एकड़ जमीन पर बसाए जाएंगे. इंडस्ट्रियल कलस्टर में लेदर पार्क, प्लास्टिक पार्क, हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट पार्क, इलेक्ट्रिकल मोटर व्हीकल पार्क और ट्रांसपोर्ट पार्क शामिल होंगे.

जबकि इससे पहले जिन 5 इंडस्ट्रियल कलस्टर पर काम चल रहा है उसमे अपैरल, एमएसएमई, हैंडीक्राफ्ट, टॉय सिटी पार्क और मेडिकल डिवाइस पार्क शामिल है. जरूरी कार्रवाई के बाद सभी 5 पार्क को जमीन भी आवंटित कर दी गई है. अथॉरिटी का यह भी कहना है कि अगर नए 5 इंडस्ट्रियल कलस्टर में कारोबारियों की संख्या बढ़ती है तो जमीन का दायरा भी बढ़ा दिया जाएगा.

Tags: Agra news, Gorakhpur city news, Noida news, Yamuna Authority

टॉप स्टोरीज
अधिक पढ़ें