सृजित अवस्थी
पीलीभीत. उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिला टाइगर को वन्य जीवों के लिए देश-विदेश में जाना जाता है. लेकिन, कई बार इंसान और जंगली जानवरों के संघर्ष की घटनाएं सुर्खियों की वजह बन जाती हैं. हाल ही में यहां एक मजदूर की बाघ के हमले में उत्तराखंड की सीमा स्थित फार्म में जान चली गई थी. ग्रामीणों के मुताबिक हमला करने वाला बाघ एक बार फिर इस इलाके में देखा गया है.
दरअसल, बीते दिनों पीलीभीत के न्यूरिया इलाके के जोशी कॉलोनी निवासी मजदूर रमेश मंडल को बाघ ने अपना शिकार बना लिया था. टाइगर अटैक की यह घटना पीलीभीत से सटे उत्तराखंड की सीमा स्थित एक फार्म में गन्ने की छिलाई के दौरान हुई थी. हमले के बाद शोर शराबा मचाने पर बाघ जंगल में वापस भाग गया था. लेकिन, अब ग्रामीणों का कहना है कि इस टाइगर की चहलकदमी एक बार फिर इलाके में देखी गई है. ऐसे में लोग अपने खेतों पर काम करने के लिये जाने से कतराने लगे हैं. वहीं, दिन ढलते ही बच्चों और बुजुर्गों को घरों में कैद होना पड़ रहा है.
हमला करने वाला बाघ आबादी में वापस आया
बता दें कि, इस इलाके से पड़ोसी राज्य उत्तराखंड की सीमा सटती है. उत्तराखंड के जंगलों की सुरई रेंज लगती है. वन विभाग की मानें तो हमला करने वाला बाघ सुरई रेंज से निकल कर खेतों में आया था. इस इलाके के आसपास पीलीभीत जिले के कई गांव हैं. ऐसे में ग्रामीणों की सुरक्षा को देखते हुए वन विभाग बाघ की कड़ी निगरानी कर रहा है. अधिकारियों के मुताबिक पूरे इलाके में कैमरा ट्रैप लगाकर टाइगर की लोकेशन ट्रेस की जा रही है.
पूरे मामले पर वन दरोगा सोनी सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि उच्च अधिकारियों के निर्देश पर चार जगहों पर कैमरे लगा कर बाघ की निगरानी की जा रही है. उन्होंने ग्रामीणों से भी सतर्कता बरतने की अपील की है.
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