नाव के सहारे शारदा नदी पार करते लोग. (फाइल फोटो)
रिपोर्ट – सृजित अवस्थी
पीलीभीत: पूरे उत्तर भारत में बीते दो दिनों से बारिश देखने को मिल रही है. इस बेमौसम बारिश ने किसानों समेत तमाम लोगों की चिंताएं बढ़ा दी है. वहीं पीलीभीत में भी बारिश के चलते 80 हजार की आबादी के ट्रांस शारदा इलाके का संपर्क भी जिला मुख्यालय से टूट गया है. रास्ते खराब होने के चलते अब लोगों को तकरीबन 150 किमी. अधिक सफर तय करना पड़ रहा है.
दरअसल, उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में नेपाल की सीमा पर शारदा नदी के पार सैकड़ों गांव बसे हैं. लगभग 80 हजार की आबादी वाला यह इलाका ट्रांस शारदा क्षेत्र कहलाता है. यहां से पीलीभीत जिला मुख्यालय आने-जाने के लिए शारदा नदी को पार करना पड़ता है. जिसके लिए पैंटून पुल ही एकमात्र सहारा है. वहीं अधिकांश रास्ता भी कच्चा ही है. ऐसे में थोड़ी बारिश होने पर ही यह मार्ग आवाजाही के लिहाज से खराब हो जाता है.
जिला मुख्यालय से कट गया संपर्क
दो दिन हुई बारिश के बाद एक बार फिर इस इलाके का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है. कच्चे रास्ते बारिश के चलते बदहाल स्थिति में आ गए और यहां से गुजरने वाले तमाम चौपहिया वाहनों की कीचड़ में फसने की खबरें सामने आईं. इस को देखते हुए पैंटून पुल के मुंशी ने सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों से चार पहिया वाहन लेकर रास्ते से न गुजरने की अपील की है.
हलांकि दो पहिया वाहन अभी भी इस रास्ते पर चल रहे हैं. ऐसे में अब कुछ दिनों तक इस रूट पर बसों का संचालन प्रभावित रहेगा. जिन लोगों को जिला मुख्यालय या तहसील मुख्यालय पहुंचना है उन्हें पलिया, मैलानी व खुटार आदि के रास्ते से तकरीबन 150 किमी. अधिक सफर तय करना होगा.
हर साल 6 महीने रहती है यही स्थिति
बरसात के मौसम के दौरान शारदा नदी उफान पर रहती है. ऐसे में नदी के ऊपर बने पैंटून पुल को 15 जून से लेकर 15 अक्टूबर तक हटा दिया जाता है. पुल हटा तो तय 15 जून को ही दिया जाता है. लेकिन विभागीय देर सवेर के चलते बरसात के बाद पुल बनाने में लगभग हर साल ही देरी होती है.
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