प्रतापगढ़ : शारदा नहर में दिखी 5 फुटी डॉल्फिन को धारदार हथियारों से ग्रामीणों ने मार डाला

राष्ट्रीय जलीय जीव की इस हत्या के बाद पुलिस और वन अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं.
सूचना मिलने पर पुलिस के आला अफसर और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची. उसने डॉल्फिन के शव को कब्जे में ले लिया. वन विभाग की टीम ने डॉल्फिन के शव का पोस्टमार्टम करने के बाद, वहीं उसका अन्तिम सस्कार भी कर दिया.
- News18Hindi
- Last Updated: December 31, 2020, 7:41 PM IST
प्रतापगढ़. प्रतापगढ़ (Pratapgarh) की सहायक नहर शारदा (Sharda Canal) में दिखी डॉल्फिन (dolphin) मछली को ग्रामीणों ने मार डाला. मामला नवाबगंज थाना के कोथारिया गांव का है. यहां नहर में दिखी डॉल्फिन मछली का ग्रामीणों ने शिकार कर लिया. दर्जन भर ग्रामीणों ने लगभग 5 फीट लंबी डॉल्फिन को धारदार हथियार से मार डाला. सूचना मिलने पर पुलिस के आला अफसर और वन विभाग (Forest department) की टीम मौके पर पहुंची. उसने डॉल्फिन के शव को कब्जे में ले लिया. वन विभाग की टीम ने डॉल्फिन के शव का पोस्टमार्टम करने के बाद, वहीं उसका अन्तिम सस्कार भी कर दिया. इस दौरान डॉल्फिन मछली को देखने के लिए ग्रामीणों का हुजूम उमड़ पड़ा.
संभावना जताई जा रही है कि गंगा नदी से शारदा सहायक नहर में यह डॉल्फिन आई होगी. इस घटना के बाद पुलिस और वन विभाग की टीम मामले की जांच करने में जुटी है. लेकिन अभी तक मछली को मारने वाले ग्रामीणों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की जा सकी है. पुलिस और वन विभाग के अधिकारी इस मामले पर कुछ भी बोलने से बचते नजर आ रहे है,
डॉल्फिन की खासियत
5 अक्टूबर 2009 को गंगेटिक डॉल्फिन को भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया गया था. केंद्र सरकार ने इसे 1972 में भारतीय वन्य जीव संरक्षण कानून के दायरे में लाया था. डॉल्फिन स्तनधारी और नेत्रहीन जलीय जीव होती है. इसे सन ऑफ रिवर भी कहा जाता है.शिकार के पीछे की मंशा
डॉल्फिन मछली के शिकार के पीछे यह आशंका भी जताई जा रही है कि ग्रामीणों ने इसका शिकार भोजन के लिए इरादे से किया हो. शायद यही वजह है कि शुरू में पुलिस या वन विभाग के अधिकारियों को शिकारियों ने सूचना नहीं दी.
संभावना जताई जा रही है कि गंगा नदी से शारदा सहायक नहर में यह डॉल्फिन आई होगी. इस घटना के बाद पुलिस और वन विभाग की टीम मामले की जांच करने में जुटी है. लेकिन अभी तक मछली को मारने वाले ग्रामीणों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की जा सकी है. पुलिस और वन विभाग के अधिकारी इस मामले पर कुछ भी बोलने से बचते नजर आ रहे है,
डॉल्फिन की खासियत
डॉल्फिन मछली के शिकार के पीछे यह आशंका भी जताई जा रही है कि ग्रामीणों ने इसका शिकार भोजन के लिए इरादे से किया हो. शायद यही वजह है कि शुरू में पुलिस या वन विभाग के अधिकारियों को शिकारियों ने सूचना नहीं दी.