Allahabad High Court: कोर्ट ने याचियों को मानदेय घटाने के खिलाफ अलग से याचिका दाखिल करने की छूट दी है.
Allahabad High Court, Prayagraj News: प्रदेश के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत अनुदेशकों को इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले से बड़ा झटका लगा है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के उच्च प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत अनुदेशकों को 17000 मानदेय दिए जाने को लेकर राज्य सरकार की स्पेशल अपील पर फैसला सुनाते हुए अनुदेशकों को केवल एक साल सत्र 2017-2018 के लिए 17000 रुपये मानदेय दिए जाने का आदेश दिया है. राज्य सरकार की ओर से दाखिल स्पेशल अपील पर चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस जे जे मुनीर की डिवीजन बेंच ने ये फैसला सुनाया है.
जस्टिस राजेश चौहान की सिंगल बेंच ने 3 जुलाई 2019 को अनुदेशकों को 17000 रुपए मानदेय देने का आदेश दिया था. सिंगल बेंच के इस फैसले को राज्य सरकार ने स्पेशल अपील दाखिल कर चुनौती दी थी. राज्य सरकार की स्पेशल अपील पर सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने 8 सितंबर 2022 को फैसला रिजर्व कर लिया था.
हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुएकहा है कि प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड से अनुदेशकों की नियुक्ति एक साल की होती है. इसलिए इन्हें एक साल का ही 17000 मानदेय मिलना चाहिए. हांलाकि कोर्ट ने याचियों को मानदेय घटाने के खिलाफ अलग से याचिका दाखिल करने की छूट दी है. हाईकोर्ट ने अनुदेशकों के मानदेय को लेकर राज्य सरकार को भी आगे निर्णय लेने का निर्देश दिया है.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत लगभग 27 हजार अनुदेशकों का मानदेय 2017 में केंद्र सरकार ने बढ़ाकर 17000 रुपये कर दिया था. जिसको यूपी सरकार ने लागू नहीं किया था. इसी मानदेय को बढ़ाने की मांग को लेकर अनुदेशकों ने हाईकोर्ट में रिट दाखिल की थी. हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने अनुदेशकों को 17 हजार मानदेय देने का आदेश दिया था. कोर्ट ने अनुदेशकों को 2017 से 17000 मानदेय 9% व्याज के साथ देने का आदेश दिया था. याची विवेक सिंह,आशुतोष शुक्ला और भोला नाथ पांडेय की ओर से याचिका दाखिल की गई थी. सिंगल बेंच के इसी फैसले को राज्य सरकार ने स्पेशल अपील दाखिल कर चुनौती दी थी.
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