कांग्रेस के गढ़ रायबरेली की पहचान घंटाघर का इतिहास से बहुत पुराना नाता है. दरअसल कई वर्षों से इस घंटाघर की खराब पड़ी घड़ी को मरम्मत करवाने की किसी ने जहमत नहीं उठाई. कई पर राजनीतिक दलों से लेकर जिला प्रशासन का दरवाजा खटखटाने वाले पोस्ट मास्टर श्रवण कुमार के अथक प्रयास से घड़ी दोबारा चल पड़ी हैं. श्रवण कुमार ने इस धरोहर को जिंदा रखने के लिए चंदा मांगकर घड़ी को ठीक करवाया. बता दें कि 'रायबरेली घंटाघर' का उद्घाटन एक जमाने में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था.
के पोस्ट मास्टर श्रवण कुमार ने बताया कि दो वर्ष पहले उन्होंने यहां ज्वाइन किया था. ज्वाइन करने के बाद घंटाघर की घड़ी ठीक कराने को लेकर उन्होंने आलाधिकारियों से पत्र व्यवहार किया. नगर पालिका को भी चिट्टी लिखी गई. लेकिन किसी ने
को ठीक नहीं करवाया. जनप्रतिनिधि से लेकर जिला प्रशासन तक 'घंटाघर की घड़ी' को ठीक करवाने के लिए पत्र लिखा, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई.
श्रवण कुमार आगे बताते हैं कि जब कोई रास्ता नहीं सूझा तो उन्होंने व्यापार मण्डल से बात की, साथ ही अन्य समाज सेवकों से चंदा लगाकर इस ऐतिहासिक घड़ी को ठीक करवाया. उन्होंने कहा कि आज ये घड़ी शान से रायबरेली के दिल की तरह धड़क रही हैं. पोस्ट मास्टर श्रवण कुमार के इस प्रयास से इलाके में चर्चा बनी हुई है.
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FIRST PUBLISHED : August 27, 2019, 12:07 IST