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रायबरेली: यहां सिंदूरी नहीं श्याम वर्ण में दर्शन देते हैं हनुमान जी, जानें रोचक कथा

रायबरेली: यहां सिंदूरी नहीं श्याम वर्ण में दर्शन देते हैं हनुमान जी.

रायबरेली: यहां सिंदूरी नहीं श्याम वर्ण में दर्शन देते हैं हनुमान जी.

Rae Bareli Hanuman Mandir: हिंदुस्तान में शायद ही आपको हनुमान जी का श्याम रूप देखने को मिले. रायबरेली के अभय दाता मंदिर ...अधिक पढ़ें

रायबरेली. आपने हनुमान जी के कई रूपों के दर्शन किए होंगे. एक से बढ़कर एक मंदिर गए होंगे, लेकिन हिंदुस्तान में शायद ही आपको हनुमान जी का श्याम रूप देखने को मिले. रायबरेली के अभय दाता मंदिर में हनुमान जी श्याम वर्ण में नजर आते हैं और लोग उन्हें सांवले सरकार कहते हैं. इस मंदिर का खास महत्व माना गया है. यही कारण है कि यहां दूर दूर से लोग दर्शन के लिए पहुंचते हैं.

प्रयागराज में लेटे हुए हनुमान जी के भी दर्शन होते हैं. यहां मां गंगा और बेटे हनुमान के मिलन का भी प्रसंग आता है, लेकिन आपने शायद ही हनुमान जी के श्याम वर्ण को कहीं देखा हो. रायबरेली जिला मुख्यालय से तकरीबन 20 किलोमीटर दूर अभय दाता का मंदिर है. अभय दाता के इस मंदिर में बजरंगबली की मूर्ति श्याम वर्ण में स्थापित है. बजरंगबली के श्याम रूप के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं और श्रद्धा से शीश नवाते हैं.

मंदिर के पुजारी ओमप्रकाश मिश्रा का कहना है कि देश में बजरंगबली की यह इकलौती मूर्ति है जो श्याम वर्ण में है. आमतौर पर हनुमान जी की मूर्ति सिंदूरी रहती है, लेकिन यहां रायबरेली में हनुमान जी श्याम वर्ण में नजर आते हैं. श्याम वर्ण में हनुमान जी क्यों नजर आए इसे लेकर भी पंडित ओम प्रकाश मिश्रा प्रसंग सुनाते हैं. पंडित ओम प्रकाश मिश्रा कहते हैं कि इन्द्र के वज्र से जब हनुमान मुर्छित हो गये थे तब पुत्र को छटपटाते हुए देखकर पिता वायुदेव ने अपना वेग रोक दिया और उस समय हनुमान जी को देवताओं ने विभिन्न वरदान दिए थे.

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ब्रह्माजी ने हनुमान को वरदान दिया कि ‘इस बालक को कभी ब्रह्मशाप नहीं लगेगा और यह शत्रुओं के लिए भयंकर और मित्रों के लिए अभयदाता बनेगा एवं इच्छानुसार स्वरुप पा सकेगा.’ इन्द्रदेव ने हनुमानजी को वरदान दिया कि ‘मेरा वज्र भी इस बालक को नुकसान नहीं पहुंचा पायेगा.’ सूर्यदेव ने भी कहा कि ‘इस बालक को में अपना तेज प्रदान करता हूं’ यमदेव ने वरदान दिया कि ‘यह बालक सदा निरोगी एवं मेरे दण्ड से मुक्त रहेगा’ कुबेर ने आशीर्वाद दिया कि ‘युद्ध में हनुमान कभी विषादित नहीं होंगे तथा राक्षस भी इनको कभी हरा नहीं पाएंगे’ देवो के देव शिव ने भी अपना अभय वरदान हनुमान को दिया.

इन सभी वरदानों को प्राप्त कर, भगवान हनुमान जी कलयुग के प्रमुख एवं पूजनीय देवों में गिने जाते हैं. तुलसीदास जी द्वारा लिखी गयी, काव्यात्मक कृति ‘हनुमान चालीसा’ खुद में हज़ारों और लाखों मन्त्रों के समान शक्तिशाली बताई गई है. वैसे तो पूरी ही हनुमान चालीसा बहुत महत्वपूर्ण है.

रायबरेली के इस अभय दाता यानी सांवले सरकार के दरबार में भंडारा करने के लिए महीनों की वेटिंग रहती है. यहां भक्तों की इतनी लंबी कतार हैं कि कई महीनों बाद अभिषेक के लिए वक्त मिलता है.

Tags: Hanuman mandir, Rae Bareli News

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