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स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में उतरी OBC महासभा, लखनऊ में जलाईं रामचरित मानस की प्रतियां

ओबीसी महासभा के सदस्यों ने जलाई रामचरित मानस की प्रतियां. (फोटो-वीडियो ग्रैब)

ओबीसी महासभा के सदस्यों ने जलाई रामचरित मानस की प्रतियां. (फोटो-वीडियो ग्रैब)

ओबीसी महासभा ने कहा, ‘जब दुनिया चांद पर जा रही है और आगे बढ़ रही है तो कुछ लोग 85 फीसदी समाज को पीछे ले जाना चाह रहा है ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

लखनऊ में ओबीसी महासभा के सदस्यों ने रामचरित मानस की प्रतियां जलाईं.
ओबीसी महासभा के सदस्यों ने स्वामी प्रसाद मौर्या का समर्थन किया.

लखनऊ. रामचरित मानस (Ramcharit Manas) को लेकर विवाद अब गहराता जा रहा है. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अखिल भारतीय ओबीसी महासभा के सदस्यों ने मानस की प्रतियों को जलाकर विरोध जताया. साथ ही सपना नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) को समर्थन दिया. लखनऊ के वृंदावन योजना में अंबेडकर पार्क के गेट पर सभी लोग एकत्रित हुए थे. श्रीरामचरित मानस की कुछ चौपाइयों को लेकर इन दिनों खूब बयानबाजी हो रही है.

ओबीसी महासभा ने कहा, ‘श्रीरामचरित मानस (Ramcharit Manas) में नारी शक्ति, शूद्र, दलित समाज और ओबीसी समाज के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां है. हम लोग इन टिप्पणियों को श्रीरामचरित मानस से निकलवाना चाहते हैं. जब तक सभी टिप्पणियां नहीं निकाली जाएंगी, हम सभी ऐसे ही प्रदर्शन करते रहेंगे. जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. इसके अलावा उन्होंने कहा, ‘जब दुनिया चांद पर जा रही है और आगे बढ़ रही है तो कुछ लोग 85 फीसदी समाज को पीछे ले जाना चाह रहा है. ऐसे 15 फीसदी लोग हैं. कई सदियों से वो पीछे लेकर जा रहा है. इस ग्रंथ में सर्व समाज को मूर्ख बनाया गया है.’

वहीं स्वामी चक्रपणि महाराज ने कार्रवाई करेन की मांग की है. उन्होंने कहा, ‘मैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से कार्रवाई की मांग करता हूं कि ये कृत्य जिसने भी किया है उन पर कार्रवाई होनी चाहिए. हिन्दू महासभा हिन्दू भावनाओं को ठेस पहुंचाने वालों पर कार्रवाई करती है. अखिल भारतीय ओबीसी महासभा ने मौर्य के समर्थन में लखनऊ के वृंदावन योजना सेक्टर में ‘सांकेतिक’ विरोध प्रदर्शन करते हुए श्रीरामचरित मानस के पन्ने की प्रतियां (फोटोकॉपी) जलायीं.

आपके शहर से (लखनऊ)

महासभा के पदाधिकारी देवेंद्र प्रताप यादव ने ‘पीटीआई—भाषा’ को बताया, ‘जैसा कि मीडिया के एक वर्ग में बताया गया है कि हमने रामचरितमानस की प्रतियां जलाई थीं, यह कहना गलत है. रामचरितमानस की आपत्तिजनक टिप्पणियों की फोटोकॉपी, जो ‘शूद्रों’ (दलितों) और महिलाओं के खिलाफ थीं, और फोटोकॉपी पेज को सांकेतिक विरोध के रूप में जलाया गया.’

यह पूछे जाने पर कि उन्हें ऐसा विरोध दर्ज कराने के लिए किसने प्रेरित किया, यादव ने कहा, ‘स्वामी प्रसाद मौर्य ने पहले ही मांग की थी कि रामचरितमानस में उल्लिखित आपत्तिजनक टिप्पणियों को हटा दिया जाना चाहिए या उन पर प्रतिबंध लगा दिया जाना चाहिए. सरकार ने इस संबंध में कोई कदम नहीं उठाया. इस पर स्वामी प्रसाद मौर्य को हमने समर्थन दिया है और अखिल भारतीय ओबीसी महासभा उनके साथ खड़ी है.’ (इनपुट भाषा से)

Tags: Lucknow news, Uttar pradesh news

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