रामपुर. समाजवादी पार्टी के रामपुर विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान के सीतापुर जेल से 27 महीन बाद रिहा होने के बाद यूपी का सियासी पारा चढ़ा हुआ है. इस बीच उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव से नाराजगी के सवाल पर कहा कि नाराज होने के लिए कोई आधार चाहिए, मुझे तो कोई वजह समझ नहीं आ रही है. इसके साथ उन्होंने कहा कि मैं खुद ही निराधार हूं, तो आधार कहां से आएगा.
आजम खान ने कहा कि मैं किसी से नाराज होने की हैसियत में नहीं हूं. मैं समाजवादी पार्टी का अदना सा कार्यकर्ता हूं, इसलिए जेल में जो मुझसे मिलने आए और जो किसी वजह से नहीं आए, मैं दोनों का शुक्रिया अदा करता हूं. इसके साथ सपा विधायक ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने वो हक अदा किया जो न मेरे साथ के, न मेरे धर्म के और न मेरे प्रदेश के कर सके, लेकिन इंसाफ के तकाजों को सुप्रीम कोर्ट ने पूरा किया. विधाता ने जो ताकत उन्हें दी है उन्होंने उसका सही और जायज इस्तेमाल करके साबित किया कि कमजोरों के लिए इंसाफ बाकी है. वहीं, उन्होंने कहा कि मैंने बच्चों के हाथों में कॉपी-किताबें देने का काम शुरू किया था, वो अभी भी जारी रहेगा. अगर मेरी यूनिवर्सिटी पर बुलडोजर चल भी गया तो यह इतिहास में दर्ज हो जाएगा.
आजम खान के समर्थकों ने किया था ये काम
बता दें कि आजम खान के सीतापुर जेल में बंद रहने के वक्त शिवपाल सिंह यादव ने उनसे मुलाकात की थी, लेकिन सपा प्रमुख अखिलेश यादव उनसे मिलने नहीं गए थे. यही नहीं, यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के बाद आजम खान समर्थकों ने सपा प्रमुख पर अनदेखी का आरोप लगाकर सियासी पारा चढ़ा दिया था. इस दौरान रामपुर विधायक के कई समर्थकों ने इस्तीफा भी दे दिया था.
शिवपाल के बाद कांग्रेस नेता से मिले, लेकिन सपा नेताओं को नहीं दिया मौका
अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव और आजम खान की सीतापुर जेल में मुलाकात हुई थी. इसके बाद कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने भी सपा विधायक से जेल में मुलाकात की. हालांकि इस दौरान आजम खान सपा नेताओं से मिलने से परहेज करते रहे. दरअसल सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के निर्देश पर कई विधायकों के साथ पूर्व मंत्री रविदास मेहरोत्रा आजम खान से मिलने सीतापुर जेल गए थे, लेकिन उनकी मुलाकात नहीं हो सकी थी. इसके पीछे आजम खान की सपा प्रमुख से नाराजगी बताई गई थी. हालांकि जेल से रिहा होने के बाद आजम ने कहा था,’मैं कहूंगा कि मेरी तबाहियों में मेरा अपना हाथ है. मेरे अपनो लोगों का बड़ा योगदान है. मालिक उन्हें सदबुद्धि दे.
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