आज़म खान बोले- मदरसों से पैदा नहीं होते नाथूराम गोडसे, प्रज्ञा ठाकुर जैसे लोग
समाजवादी पार्टी के तेज तर्रार नेता आज़म का मानना है कि अगर केंद्र सरकार मदरसों की मदद करना चाहती है तो उन्हें बेहतर बनाना होगा.
- News18 Uttar Pradesh
- Last Updated: June 13, 2019, 12:41 PM IST
समाजवादी पार्टी (SP) के वरिष्ठ नेता और रामपुर के सांसद आज़म खान अक्सर अपने विवादित बयानों की वजह से चर्चा में रहते हैं. उन्होंने महात्मा गांधी के हत्यारे और भाजपा की नवनिर्वाचित सांसद का एक साथ ज़िक्र करते हुए कहा, 'मदरसे नाथूराम गोडसे और प्रज्ञा सिंह ठाकुर जैसे लोगों को पैदा नहीं करते.'
समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, मदरसों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजना पर पूछे गए सवाल के जवाब में आज़म खान ने कहा, 'मदरसे नाथूराम गोडसे के स्वभाव वालों या भोपाल से भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर जैसी शख्सियतों को पैदा नहीं करते. पहले तय करें कि नाथूराम गोडसे के विचारों का प्रचार करने वाले लोकतंत्र के दुश्मन घोषित किए जाएंगे तो आतंकवादी गतिविधियों के लिए दोषी करार दिए गए लोगों को इनाम नहीं दिया जाएगा.'
मदरसों का किया बचाव
सपा के तेज तर्रार नेता आज़म का मानना है कि अगर केंद्र सरकार मदरसों की मदद करना चाहती है तो उन्हें बेहतर बनाना होगा.उन्होंने कहा, 'मदरसों में धार्मिक शिक्षा के साथ अंग्रेज़ी, हिन्दी तथा गणित भी पढ़ाया जाता है. यह हमेशा से होता रहा है. अगर आप मदद करना चाहते हैं तो उनका स्तर सुधारिए और मदरसों के लिए इमारतें बनवाइए. उनके लिए फर्नीचर और मिड-डे मील उपलब्ध कराने का बंदोबस्त कीजिए.'
जमानत पर बाहर हैं प्रज्ञा ठाकुर
आपको बता दें कि साल 2008 में हुए मालेगांव ब्लास्ट केस की आरोपी प्रज्ञा ठाकुर ज़मानत पर बाहर हैं और हाल ही में वह भोपाल से BJP की सांसद चुनी गई हैं. पूरे प्रचार अभियान के दौरान वह अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहीं, जिनमें नाथूराम गोडसे को 'देशभक्त' बताने वाला बयान भी शामिल था.
नकवी ने संभाली अल्पसंख्यकों की बेहतरी की कमान
पीएम मोदी की सबका साथ, सबका विकास और अब सबका विश्वास जीतने की नसीहत रंग लाने लगी है. अल्पसंख्यकों का भरोसे जीतने के लिए मोदी सरकार इस बार जीतोड़ मेहनत कर रही है और विशेष ध्यान लड़कियों पर होगा. जबकि दिल्ली के अंत्योदय भवन में मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन की गवर्निंग बॉडी एवं जनरल बॉडी मीटिंग की अध्यक्षता केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने की और बताया कि अल्पसंख्यक वर्ग की स्कूल ड्रॉपआउट लड़कियों को देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों से ब्रिज कोर्स कराकर उन्हें शिक्षा और रोजगार से जोड़ा जाएगा. देशभर के मदरसों में मुख्यधारा की शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए मदरसा शिक्षकों को विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों से प्रशिक्षण दिलाया. यह काम अगले महीने से शुरू कर दिया जाएगा.
सरकार का 3E पर जोर
नकवी ने कहा, "3E- ऐजुकेशन (शिक्षा), एम्प्लायमेंट (रोजगार व रोजगार के मौके) एवं इम्पावरमेंट (सामाजिक-आर्थिक-सशक्तिकरण) कार्यक्रम के तहत अगले पांच वर्षों में प्री-मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक एवं मेरिट-कम-मीन्स जैसी योजनाओं द्वारा 5 करोड़ विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप दी जाएगी, जिनमें 50 प्रतिशत से ज्यादा लड़कियों को शामिल किया जाएगा. इनमे आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग की लड़कियों के लिए 10 लाख से ज्यादा बेगम हजरत महल बालिका स्कॉलरशिप्स भी शामिल हैं.
जिन क्षेत्रों में शैक्षणिक संस्थाओं के पास पर्याप्त ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं, मोदी सरकार ने वहां प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (पीएमजेवीके) के तहत पॉलिटेक्निक, आईटीआई, गर्ल्स हॉस्टल, स्कूल, कॉलेज, गुरुकुल टाइप आवासीय विद्याालय, कॉमन सर्विस सेंटर का युद्ध स्तर पर निर्माण शुरू किया है.
बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करेगी सरकार
सरकार जानती है कि 'पढ़ो व बढ़ो' जागरूकता अभियान के अंतर्गत उन सभी दूरदराज के क्षेत्रों में जहां सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़ापन है और जहां लोग अपने बच्चों को शैक्षणिक संस्थानों में नहीं भेज पा रहे हैं, वहां बच्चों को शैक्षणिक संस्थानों में भेजने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. इसमें विशेष रूप से लड़कियों की शिक्षा पर फोकस किया जाएगा. साथ ही शैक्षणिक संस्थाओं को सुविधा एवं साधन उपलब्ध कराने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे.
इस अभियान के तहत नुक्कड़ नाटकों, लघु फिल्मों आदि जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से जागरूकता और प्रोत्साहन का अभियान चलाया जाएगा. इस कड़ी में पहले चरण में देश के 60 अल्पसंख्यक बहुल जिलों को चयनित कर इस अभियान को प्रारंभ किया जाएगा. इसके अलावा, आर्थिक रूप से कमजोर अल्पसंख्यक- मुस्लिम, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी- युवाओं को केंद्र एवं राज्य की प्रशासनिक सेवाओं, बैंकिंग, कर्मचारी चयन आयोग, रेलवे एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए फ्री-कोचिंग की व्यवस्था की जाएगी.
ये भी पढ़ें: लखनऊ को अवैध डेयरियों से मिलेगी निजात, 21 से चलेगा ऑपरेशन ऑल आउट
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समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, मदरसों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजना पर पूछे गए सवाल के जवाब में आज़म खान ने कहा, 'मदरसे नाथूराम गोडसे के स्वभाव वालों या भोपाल से भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर जैसी शख्सियतों को पैदा नहीं करते. पहले तय करें कि नाथूराम गोडसे के विचारों का प्रचार करने वाले लोकतंत्र के दुश्मन घोषित किए जाएंगे तो आतंकवादी गतिविधियों के लिए दोषी करार दिए गए लोगों को इनाम नहीं दिया जाएगा.'
मदरसों का किया बचाव
सपा के तेज तर्रार नेता आज़म का मानना है कि अगर केंद्र सरकार मदरसों की मदद करना चाहती है तो उन्हें बेहतर बनाना होगा.उन्होंने कहा, 'मदरसों में धार्मिक शिक्षा के साथ अंग्रेज़ी, हिन्दी तथा गणित भी पढ़ाया जाता है. यह हमेशा से होता रहा है. अगर आप मदद करना चाहते हैं तो उनका स्तर सुधारिए और मदरसों के लिए इमारतें बनवाइए. उनके लिए फर्नीचर और मिड-डे मील उपलब्ध कराने का बंदोबस्त कीजिए.'
जमानत पर बाहर हैं प्रज्ञा ठाकुर
आपको बता दें कि साल 2008 में हुए मालेगांव ब्लास्ट केस की आरोपी प्रज्ञा ठाकुर ज़मानत पर बाहर हैं और हाल ही में वह भोपाल से BJP की सांसद चुनी गई हैं. पूरे प्रचार अभियान के दौरान वह अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहीं, जिनमें नाथूराम गोडसे को 'देशभक्त' बताने वाला बयान भी शामिल था.
नकवी ने संभाली अल्पसंख्यकों की बेहतरी की कमान
पीएम मोदी की सबका साथ, सबका विकास और अब सबका विश्वास जीतने की नसीहत रंग लाने लगी है. अल्पसंख्यकों का भरोसे जीतने के लिए मोदी सरकार इस बार जीतोड़ मेहनत कर रही है और विशेष ध्यान लड़कियों पर होगा. जबकि दिल्ली के अंत्योदय भवन में मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन की गवर्निंग बॉडी एवं जनरल बॉडी मीटिंग की अध्यक्षता केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने की और बताया कि अल्पसंख्यक वर्ग की स्कूल ड्रॉपआउट लड़कियों को देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों से ब्रिज कोर्स कराकर उन्हें शिक्षा और रोजगार से जोड़ा जाएगा. देशभर के मदरसों में मुख्यधारा की शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए मदरसा शिक्षकों को विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों से प्रशिक्षण दिलाया. यह काम अगले महीने से शुरू कर दिया जाएगा.
सरकार का 3E पर जोर
नकवी ने कहा, "3E- ऐजुकेशन (शिक्षा), एम्प्लायमेंट (रोजगार व रोजगार के मौके) एवं इम्पावरमेंट (सामाजिक-आर्थिक-सशक्तिकरण) कार्यक्रम के तहत अगले पांच वर्षों में प्री-मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक एवं मेरिट-कम-मीन्स जैसी योजनाओं द्वारा 5 करोड़ विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप दी जाएगी, जिनमें 50 प्रतिशत से ज्यादा लड़कियों को शामिल किया जाएगा. इनमे आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग की लड़कियों के लिए 10 लाख से ज्यादा बेगम हजरत महल बालिका स्कॉलरशिप्स भी शामिल हैं.
जिन क्षेत्रों में शैक्षणिक संस्थाओं के पास पर्याप्त ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं, मोदी सरकार ने वहां प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (पीएमजेवीके) के तहत पॉलिटेक्निक, आईटीआई, गर्ल्स हॉस्टल, स्कूल, कॉलेज, गुरुकुल टाइप आवासीय विद्याालय, कॉमन सर्विस सेंटर का युद्ध स्तर पर निर्माण शुरू किया है.
बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करेगी सरकार
सरकार जानती है कि 'पढ़ो व बढ़ो' जागरूकता अभियान के अंतर्गत उन सभी दूरदराज के क्षेत्रों में जहां सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़ापन है और जहां लोग अपने बच्चों को शैक्षणिक संस्थानों में नहीं भेज पा रहे हैं, वहां बच्चों को शैक्षणिक संस्थानों में भेजने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. इसमें विशेष रूप से लड़कियों की शिक्षा पर फोकस किया जाएगा. साथ ही शैक्षणिक संस्थाओं को सुविधा एवं साधन उपलब्ध कराने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे.
इस अभियान के तहत नुक्कड़ नाटकों, लघु फिल्मों आदि जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से जागरूकता और प्रोत्साहन का अभियान चलाया जाएगा. इस कड़ी में पहले चरण में देश के 60 अल्पसंख्यक बहुल जिलों को चयनित कर इस अभियान को प्रारंभ किया जाएगा. इसके अलावा, आर्थिक रूप से कमजोर अल्पसंख्यक- मुस्लिम, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी- युवाओं को केंद्र एवं राज्य की प्रशासनिक सेवाओं, बैंकिंग, कर्मचारी चयन आयोग, रेलवे एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए फ्री-कोचिंग की व्यवस्था की जाएगी.
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