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Saharanpur News : प्रयागराज ही नहीं यूपी में इस जगह भी है गंगा-यमुना का संगम, यह है आस्था

सहारनपुर में भी अब प्रयागराज की तरह गंगा-यमुना का संगम होने लगा है. जनपद के नानौता क्षेत्र में कुआंखेड़ा गांव के पास गं ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट – निखिल त्यागी
सहारनपुर. भारत पौराणिक काल से ही सनातन धर्म को मानने वाला देश है. भारत में लोग देवी देवताओं का पूजन करने के साथ-साथ ऋषि मुनि व पंडितों को भी आराध्य का ही दर्जा देते हैं. सनातन धर्म में मूर्ति पूजा होती है. इसके साथ ही गाय को भी माता का दर्जा दिया गया है. ऐसे ही भारत के लोग नदियों के प्रति भी अटूट आस्था रखते हैं. आदिकाल से ही गंगा, यमुना व सरस्वती तीनों नदियों को शास्त्रों में मां का दर्जा दिया हुआ है. उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में तीनों नदियों के मिलन का जिक्र सभी धार्मिक ग्रंथों में उल्लिखित है. जिसके अनुसार गंगा व यमुना के पानी का मिलन इलाहाबाद में होता है, जहां पर सरस्वती नदी को अदृश्य बताते हुए तीनों नदियों के मिलन को ग्रंथो में उल्लेख किया गया है. शास्त्रों में इसे संगम कहा गया है. यहां पर अमावस्या व कुंभ आदि तिथियों पर श्रद्धालु स्नान ध्यान करते हैं.

यमुना नदी से निकलने वाली दो नहर

जनपद सहारनपुर में भी अब गंगा-यमुना का संगम होने लगा है. जनपद के नानौता क्षेत्र में कुआं खेड़ा गांव के पास गंगा व यमुना नदी से निकलने वाली दो नहरों का संगम होता है. यहां पर भी कई प्रदेशों के हजारों श्रद्धालु आकर स्नान करते हैं. तथा पूजा कर अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए याचना मांगते हैं.

ऐतिहासिक स्थल बन गया है कुआखेड़ा

ओमकार सिंह ने जनपद के कुआखेड़ा गांव में होने वाले संगम के विषय मे जानकारी देते हुए बताया कि हथनी कुंड बैराज से निकली नहर व गंगा नदी से निकली नहर का पानी कुआखेड़ा में आकर मिल जाता है. जिसे शास्त्रों के अनुसार संगम कहा गया है.उन्होंने बताया कि यह भी महत्वपूर्ण बात है कि इलाहाबाद के बाद देश में कुआखेड़ा का दूसरा स्थान है, जहां पर संगम होता है. जो हमारे जनपद के लिए बहुत ही गौरव की बात है. ओमकुमार ने बताया कि किसी ने इस बात को कभी सोचा भी नहीं था कि स्थानीय स्तर पर दोनों नदियों का मिलन होकर यहां पर ऐतिहासिक संगम होगा. अब यह क्षेत्र संगम के कारण दूर-दूर तक प्रसिद्ध हो गया है.

कई प्रदेश के हजारों  श्रद्धालु आते हैं

ओमकार सिंह ने बताया कि हरियाणा,पंजाब, हिमाचल, उत्तराखंड, दिल्ली आदि प्रदेशो से हजारों श्रद्धालु इस संगम तट पर आते हैं. स्नान करते हैं. पूजा करते हैं. ऐतिहासिक रूप से यह स्थान अब कई प्रदेशों में प्रसिद्ध हो गया है. उन्होंने बताया कि संगम स्नान के दौरान संगम तट पर मेला भी लगने लगा है. संगम पर स्नान के लिए निश्चित तिथि पर श्रद्धालु यहां मेले का आनंद भी उठाते हैं.

मंदिर व आश्रम बनकर हुए तैयार

ओमकार सिंह ने बताया कि कुआंखेड़ा के ऐतिहासिक संगम स्थल बनने पर अब यहां पर धार्मिक रूप से लोगों की आस्था जुड़ चुकी है. क्षेत्र में अब कई मंदिर व आश्रम बन रहे हैं. उन्होंने बताया कि मंदिर व आश्रम बनने से यहां श्रद्धालुओं को धार्मिक रूप से और आनंद मिलना शुरू हो जाएगा. श्रद्धालुओं के रहने-खाने की व्यवस्था भी सुचारू हो जाएगी. जिसके फल स्वरूप कुआं खेड़ा क्षेत्र में धार्मिक स्थल के साथ-साथ विकास के भी पंख लग जाएंगे.

सड़क मार्ग बनना अति आवश्यक

कुआंखेड़ा में ऐतिहासिक संगम स्थल पर आने के लिए श्रद्धालुओं को अच्छी सड़कों की आवश्यकता होगी. ओमकार सिंह ने कहा कि यहां पर सड़कों का विस्तारीकरण होना अति आवश्यक है. उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि संगम ऐतिहासिक स्थल के लिए जाने वाली सभी सड़कों का विस्तारीकरण किया जाए. जिससे श्रद्धालुओं को आने जाने में किसी प्रकार की कोई समस्या उत्पन्न न हो. ओमकार सिंह ने कहा कि क्षेत्र के लोग भविष्य में संगम स्थल को तीर्थ स्थल के रूप में देखना चाहते हैं. जिससे इस क्षेत्र में प्रसिद्धि और बढ़े तथा क्षेत्र का विकास भी हो.

ऐसे हुआ संगम स्नान का शुभारम्भ

ओमकार सिंह ने बताया कि करीब 10 वर्ष पहले जब कुआं खेड़ा गांव के पास यमुना व गंगा नदी से निकली नहरों के पानी का मिलन हुआ था. तब किसी ने यह बात नहीं सोची थी कि इसको संगम का नाम दिया जाए. उन्होंने बताया कि सर्वप्रथम स्थानीय स्तर पर धार्मिक प्रवृत्ति के लोगों ने इस बात प्रचार करते हुए इसे संगम बताया, तथा स्थानीय स्तर पर ही इसका प्रचार करना शुरू किया. जिससे लोगों का रुझान इस ओर धार्मिक रूप से बढ़ना शुरू हुआ. ओमकार सिंह ने बताया कि इसमें मीडिया ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. समाचार पत्रों व चैनलों के माध्यम से भी कुआं खेड़ा गांव के पास गंगा यमुना नदी के मिलन को संगम बताकर प्रचारित किया गया और धीरे-धीरे यहां पर श्रद्धालुओं की आस्था जुड़ने लगी. जिसका परिणाम यह है कि अब यहां पर निश्चित तिथियों पर श्रद्धालु आकर संगम पर स्नान करते हैं.

Tags: Saharanpur news, UP news, Uttar pradesh news

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