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सहारनपुर में कुत्तों के बढ़ते कहर से हो जाएं सावधान, खूंखार आवारा डॉगी ले चुके हैं कई छोटे बच्चों की जान

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छोटे बच्चों पर कुत्तों के हमले की बढ़ती घटनाओ से लोग चिंतित.

लगातार बढ़ रही कुत्तों की संख्या ने शहरवासियों के लिए आफत बढ़ा दी है. कुत्तों की बढ़ती आबादी के साथ ही डॉग बाइट के मामल ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट: निखिल त्यागी
सहारनपुर. कुत्ता इंसान के लिए सबसे वफादार मना जाने वाला जानवर है. इस पशु को इंसान अमूमन अपने घर, खेत- खलिहानों के लिए पहरेदार के रूप में पालता है. लेकिन पिछले कुछ दिनों से पालतू व आवारा कुत्तों के हमले की घटनाओं में इजाफा देखने को मिला है. हमले की इन घटनाओं में आवारा व पालतू कुत्तो का काटने से कई मासूमो की जान भी चली गयी है.

अब सरकार द्वारा खासकर शहरों व कस्बो में कुत्ता पालने वाले व्यक्तियों द्वारा सम्बंधित विभाग में पालतु कुत्ते की जानकारी देने के निर्देश दिए गए. इतना ही नही बल्कि उक्त व्यक्ति को कुत्ते की प्रजाति के विषय मे भी जानकारी देनी होगी. एक या दो प्रजाति का कुत्ता पालने पर तो सरकार ने प्रतिबंध भी लगाया है. जनपद के डॉ अशोक मलिक ने कहा कि कुत्तो के काटने की घटना से कई मासूम अपनी जान से हाथ धो बैठे हैं. उन्होंने आवारा कुत्तों की वजह से होने वाली सड़क दुर्घटनाओ पर भी चिंता जताई. डॉ अशोक मलिक के अनुसार लोगो द्वारा जो कुत्तो का पालन व्यापार के लिए किया जा रहा है, उसके लिए भी सरकार को कड़ा कानून बनाना चाहिए.

पिटबुल समेत कई प्रजाति के कुत्तो के पालन पर लगे प्रतिबंध
उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त विद्यालय महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अशोक मालिक ने कहा कि शहरों में जो लोग विभिन्न प्रजाति के कुत्तो को पालते हैं. कभी कभी ये पालतू जानवर अपने मालिक को ही काट लेता है. उन्होंने सरकार से इस संबंध में गाईडलाइन जारी करने की अपील की है. डॉ अशोक मालिक ने कुत्ता पालने वाले लोगो से सावधानी बरतने की सलाह देते हुए कहा कि अपने पड़ोस में रहने वाले लोगो की सुरक्षा का ध्यान रखना भी उक्त व्यक्ति की जिम्मेदारी है.

आवारा कुत्ते बनते है सड़क हादसों का कारण
डॉ अशोक मलिक ने कहा कि गलियों में घूमने वाले आवारा कुत्तों के कारण बहुत से सड़क हादसे होते है. कई बार तो इन हादसों में लोगो की जान तक चली गयी. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अभियान भी चलाकर आवारा कुत्तों को पकड़ा भी जाता है, लेकिन यह केवल खाना पूर्ति के लिए ही होता है. इस समस्या को जड़ से समाप्त करने के लिए अभियान चले, तो उसके परिणाम भी सामने आएंगे.

नगर निगम प्रशासन केवल फ़ोटो खींच कर पल्ला झाड़ लेते हैं
डॉ अशोक मलिक ने आरोप लगाया की सरकार के दिशा निर्देशों का प्रशासन व नगर निगम सही तरीके से पालन नही कर रहा है. आवारा कुत्तों को पकड़ने के अभियान में कर्मचारी खाना पूर्ति करते हैं. एक या दो जगहों पर कुत्ते को पकड़ने का फोटो खींचकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं. जो जनहित मे न्यायोचित नही है. उन्होंने कहा कि सरकार को इन कर्मचारियों के लिए भी एक गाईडलाइन बनानी चाहिए. जिससे नगर निगम कर्मचारियों के कार्यो की पारदर्शिता बनी रहे.

पालतू व आवारा कुत्तों की नसबन्दी करना आवश्यक
डॉ मालिक ने कहा कि आवारा कुत्तों के साथ साथ पालतू कुत्तो की नसबंदी आवश्यक रूप से होनी चाहिए. जिससे भविष्य में इनकी जनसंख्या वृद्धि पर थोड़ा अंकुश लग सके. यदि ऐसा नही होता तो फिर सड़को औऱ गलियों में आवारा कुत्ते बच्चो के साथ साथ बड़ो को भी अपना शिकार बनाएंगे. पशु पालको को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए.

बढ़ती जनसंख्या नियंत्रण के लिए बने कानून

शहर के रचित रमन सिंह ने कहा कि आवारा कुत्तों की बढ़ती जनसंख्या के लिए सरकार को कानून बनाकर नसबांदी आदि योजना चलकर जनसंख्या नियंत्रण की जाए. उन्होंने कहा कि आवारा कुत्तों को रखने के लिए शहर में पर्याप्त जगह की व्यवथा की जाए. इसके साथ ही नगर निगम द्वारा इन आवारा कुत्तों के लिए जगह की व्यवस्था के बाद इनके खाने का भी इंतजाम करना चाहिए.

Tags: Saharanpur news, Uttar pradesh news

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