Saharanpur News: 11वीं के छात्र चिराग राठी को जुबानी याद है 100 करोड़ तक का पहाड़ा, डिप्टी सीएम ने किया सम्मानित

जनपद सहारनपुर में रहने वाले चिराग राठी जनपद में लिटिल आर्यभट्ट के नाम से प्रसिद्ध हो चुके हैं
Saharanpur Chirag Rathi Video: चिराग को 100 करोड़ तक के पहाड़े मौखिक रूप से याद हैं. सहारनपुर के इस 'लिटिल आर्यभट्ट' को यूपी के उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने चिराग राठी को एक टैबलेट तथा पुस्तकों का सेट प्रदान कर सम्मानित किया.
- News18Hindi
- Last Updated: February 15, 2021, 3:10 PM IST
सहारनपुर. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सहारनपुर (Saharanpur) जनपद के जिला सिंह इंटर कॉलेज नकुड़ में पढ़ने वाले 11वीं के छात्र चिराग राठी (Chirag Rathi) को इंसानी कैलकुलेटर कहा जाए तो अचंभित होने की जरुरत नहीं है. सहारनपुर का यह जीनियस गणित के सवाल चुटकियों में हल कर लेते हैं. वह सात अंकों की गणितीय गणना मौखिक रूप से कर लेते हैं. चिराग को 100 करोड़ तक के पहाड़े मौखिक रूप से याद हैं. सहारनपुर के इस 'लिटिल आर्यभट्ट' को यूपी के उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने चिराग राठी को एक टैबलेट तथा पुस्तकों का सेट प्रदान कर सम्मानित किया. इसके साथ ही मास्टर चिराग राठी की माता बबिता देवी तथा पिता नरेन्द्र सिंह को भी पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया.

एक साधारण परिवार में जन्म लेने वाले चिराग राठी के पिता नरेंद्र राठी ने बेटे के सपनों को पूरा करने के लिए कोई कोर कसार नहीं छोड़ी. आर्थिक परेशानी से जुझते हुए भी जहां वे अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे है, वहीं अपने बेटे को भी पढ़ा रहे हैं. चिराग का सपना है कि वह बड़ा होकर वैज्ञानिक बने. लिहाजा शुरू से ही गणित उनका प्रिय विषय रहा है. गणित में उसकी प्रतिभा आरंभ से दिखनी शुरू हो गई थी. कक्षा में जब अध्यापक गणित का सवाल देते तो चिराग उसे मिनटों मे हल कर देता.
लखनऊ में सम्मानित होने के बाद चिराग जब वापस अपने लौटा तो उसका जोरदार स्वागत किया गया. स्कूल स्टाफ के साथ-साथ तिरपडी गांव के लोगों ने चिराग राठी का मुंह मीठा कराकर और फूल और मालाओ से जबरदस्त स्वागत किया.
एक साधारण परिवार में जन्म लेने वाले चिराग राठी के पिता नरेंद्र राठी ने बेटे के सपनों को पूरा करने के लिए कोई कोर कसार नहीं छोड़ी. आर्थिक परेशानी से जुझते हुए भी जहां वे अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे है, वहीं अपने बेटे को भी पढ़ा रहे हैं. चिराग का सपना है कि वह बड़ा होकर वैज्ञानिक बने. लिहाजा शुरू से ही गणित उनका प्रिय विषय रहा है. गणित में उसकी प्रतिभा आरंभ से दिखनी शुरू हो गई थी. कक्षा में जब अध्यापक गणित का सवाल देते तो चिराग उसे मिनटों मे हल कर देता.
लखनऊ में सम्मानित होने के बाद चिराग जब वापस अपने लौटा तो उसका जोरदार स्वागत किया गया. स्कूल स्टाफ के साथ-साथ तिरपडी गांव के लोगों ने चिराग राठी का मुंह मीठा कराकर और फूल और मालाओ से जबरदस्त स्वागत किया.