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Success Story: मशरूम की खेती से बदली प्रियंका सिंह की किस्‍मत, पढ़ें सहारनपुर की महिला किसान की कहानी

Mushroom Farming:प्रियंका सिंह के प्लांट में रोजाना 600 किग्रा मशरूम का उत्पादन हो रहा है.

Mushroom Farming:प्रियंका सिंह के प्लांट में रोजाना 600 किग्रा मशरूम का उत्पादन हो रहा है.

Mushroom Farming: खेती-किसानी में पुरुषों के साथ अब महिलाएं भी कदम से कदम मिलाकर चलने लगी हैं. सहारनपुर की रहने वाली प् ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट – निखिल त्यागी

सहारनपुर. कृषि विविधीकरण के अंतर्गत सहारनपुर की प्रियंका सिंह ने मशरूम की खेती से आत्मनिर्भर बनने की ओर काम किया है.वह अपने साथ कई अन्य महिलाओं को रोजगार देने के अलावा स्वरोजगार की राह पर चलने के लिए प्रेरित व जागरूक भी कर रही हैं. प्रियंका सिंह ने बताया कि वह बहुत से युवाओं को कम्पोस्ट के बैग तैयार करने के साथ मशरूम उत्पादन की सभी जानकारी एक प्रशिक्षक के रूप में नि:शुल्क दे रही हैं.

प्रियंका सिंह पहले देश की राजधानी दिल्ली में ब्यूटीशियन का काम करती थीं, लेकिन इसे छोड़कर स्‍वरोजगार की सोच के साथ मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में काम करना शुरू किया. प्रियंका सिंह के मुताबिक, मशरूम उत्पादन और बाजारीकरण पर उन्होंने अपने सहयोगियों से जानकारी हासिल की. इसके साथ सहारनपुर के आसपास के क्षेत्र में हो रहे मशरूम उत्पादन और उसकी बिक्री के अच्छे केंद्रों की जानकारी करने के बाद इस क्षेत्र में कदम रखा.

छोटे पैमाने पर मशरूम उत्पादन का प्लांट लगाया
प्रियंका ने वर्ष 2016 में बिहारीगढ़ क्षेत्र में छोटे पैमाने पर मशरूम उत्पादन का प्लांट लगाया था. उन्‍होंने सहारनपुर कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉ. आईके कुशवाहा से इस संबंध में बात की. इसके बाद प्रशिक्षण शिविर के जरिए तकनीकी जानकारी हासिल कर धीरे-धीरे मशरूम उत्पादन के व्यापार को आगे बढ़ाया.

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प्रियंका ने वर्ष 2016 में बिहारीगढ़ क्षेत्र में छोटे पैमाने पर मशरूम उत्पादन का प्लांट लगाया था.

प्रतिदिन 600 किलोग्राम हो रहा उत्पादन
महिला किसान प्रियंका सिंह ने शुरुआत में 25 हजार मशरूम बैग से काम शुरू किया. जिसे उन्होंने धीरे-धीरे बढ़ाया. अब प्रियंका सिंह के मशरूम उत्पादन प्लांट में प्रतिदिन करीब 600 किग्रा मशरूम का उत्पादन हो रहा है. जबकि मशरूम की थोक कीमत 110 रुपये किलो है. इसके अलावा वह कंपोस्ट के बैग भी तैयार कर आर्थिक रूप से अतिरिक्त लाभ अर्जित कर रही हैं.

मशरूम के अलावा कई अन्य चीजों का भी कर रही हैं उत्पादन
प्रियंका सिंह द्वारा उत्पादित बटन और आस्टर मशरूम की देहरादून, हरिद्वार और रुड़की में अच्छी मांग हो रही है. इसके अलावा वह अचार, मुरब्बा, पाउडर और पापड़ का भी व्यापार कर रही हैं, जिससे उन्हें अच्छी आय हो रही है. प्रियंका सिंह ने अपने मशरूम उत्पादन प्लांट मे एसी यूनिट भी लगाई है.उन्‍होंने बताया कि एसी यूनिट के लगने से 12 महीने मशरूम का उत्पादन लगातार होता रहेगा. कम निवेश में स्वयं का रोजगार शुरू करने का उनका यह प्रयास एकदम सफल रहा है. प्रियंका सिंह ने कहा कि भविष्य में उन्होंने अपने मशरूम उत्पादन को बढ़ाकर इसकी सप्लाई बड़े महानगरों में करने का लक्ष्य रखा है.

Tags: Mushroom, Saharanpur news, Success Story

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