किसानों के आंदोलन पर सरकार के रवैये से दुखी किसान ने गेहूं की फसल पर चलाया ट्रैक्टर

सहारनपुर में गन्ने की फसल का भुगतान नहीं मिलने से दुखी किसान ने अपनी गेहूं की फसल पर ट्रैक्टर चढ़ा दिया.
UP के सहारनपुर में गन्ना भुगतान न होने से दुखी किसान ने अपनी खेत में खड़ी गेहूूं की फसल को ट्रैक्टर से रौंद डाला. किसान ने कहा कि वह कृषि कानून के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन की सुनवाई न होने से दुखी है.
- Last Updated: February 24, 2021, 5:49 PM IST
सहारनपुर. गन्ना भुगतान न होने और कृषि कानून के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन की सुनवाई न होने से दुखी किसान ने अपने खेत मे खड़ी गेहूं की फसल को ट्रैक्टर चलाकर रौंद दिया. पूरा मामला जनपद सहारनपुर की तहसील बेहट के गांव कुतुबपुर भूकड़ी का है. जहां गांव के ही रहने वाला किसान राजकुमार ट्रैक्टर लेकर अपने खेत में पहुंच गया और उसने गेहूं की खड़ी फसल को देखते ही देखते रौंद डाला.
फसल को उजाड़ते हुए राजकुमार ने न्यूज 18 के साथ बातचीत के दौरान कहा कि उसे किसान आंदोलन को लेकर सरकार के रवैये से बड़ी निराशा हुई है. किसान का कहना है कि उसने जनवरी की शुरुआत में गेहूं की फसल की बुवाई की थी. जैसे-तैसे गेहूं उग आए थे और पनपने भी लगे थे, लेकिन हाथ में पैसा ना होने के कारण लागत नहीं लगा पाए. इसकी वजह से फसल पिछड़ गई और अब भी उसके पास पैसा नहीं है. क्योंकि उसकी धान की फसल पहले ही औने-पौने दाम में बिकी और दूसरा गन्ना भुगतान पिछले साल का भी अब तक पूरा नहीं मिल पाया है.
इसीलिए गेहूं की हल्की फसल मे किसान ने ट्रैक्टर चला दिया, जिससे आधी तैयार हो चुकी गेहूं की फसल बर्बाद हो गई. राजकुमार ने कहा कि यूपी के किसानों में सरकार के खिलाफ गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है. किसान राजकुमार जाट का यह भी कहना है कि जब धान की फसल के दाम आधे अधूरे मिले हैं तो गेहूं की फसल का ही क्या होगा? फसल में लागत इतनी ज्यादा देनी पड़ रही है कि हम कर्जमंद होते जा रहे हैं और बाजार में फसल के सही दाम न मिलना ही हमारी मायूसी का मुख्य कारण है. आपको बता दें कि भाकियू नेता राकेश टिकैत का भाषण सुनने के बाद इससे पहले भी एक किसान ने अपनी फसल को ट्रैक्टर से रौंद डाला था.
फसल को उजाड़ते हुए राजकुमार ने न्यूज 18 के साथ बातचीत के दौरान कहा कि उसे किसान आंदोलन को लेकर सरकार के रवैये से बड़ी निराशा हुई है. किसान का कहना है कि उसने जनवरी की शुरुआत में गेहूं की फसल की बुवाई की थी. जैसे-तैसे गेहूं उग आए थे और पनपने भी लगे थे, लेकिन हाथ में पैसा ना होने के कारण लागत नहीं लगा पाए. इसकी वजह से फसल पिछड़ गई और अब भी उसके पास पैसा नहीं है. क्योंकि उसकी धान की फसल पहले ही औने-पौने दाम में बिकी और दूसरा गन्ना भुगतान पिछले साल का भी अब तक पूरा नहीं मिल पाया है.
