UP: लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद एक्शन में कांग्रेस, दिग्गज नेता पर गिरी गाज

भाल चंद यादव बाहुबली नेता माने जाते हैं.
हाल ही में कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी और पश्चिमी यूपी के प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोकसभा चुनाव में पार्टी को नुकसान पहुंचाने वाले कांग्रेसियों को चिन्हित करने के लिए तीन सदस्यों की समिति बनाई थी.
- News18 Uttar Pradesh
- Last Updated: July 11, 2019, 10:29 PM IST
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों पर कार्रवाई शुरू कर दी है. इसकी शुरुआत पार्टी ने संतकबीरनगर के कद्दावर नेता भाल चंद्र यादव को बाहर का रास्ता दिखाकर की है. कांग्रेस की अनुशासन समिति ने लोकसभा चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के चलते यह कार्रवाई की है, जिसमें अनुग्रह नारायण सिंह (पूर्व विधायक), विनोद चौधरी (पूर्व विधायक) और राम जियावन (पूर्व विधायक) ने आज पूर्व सांसद वा संतकबीरनगर से लोकसभा प्रत्याशी रहे भाल चंद्र यादव को कांग्रेस पार्टी से 6 वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया है.वह पूर्वांचल के बाहुबली नेता माने जाते हैं. यह जानकारी प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता बृजेन्द्र सिंह ने दी है.
आपको बता दें कि कांग्रेस ने संत कबीर नगर लोकसभा क्षेत्र से परवेज खान को टिकट दिया था, लेकिन अचानक उसने भाल चंद्र पर भरोसा दिखाकर हर किसी को चौंका दिया था.
प्रियंका और सिंधिया ने बनाई थी समिति
हाल ही में कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी और पश्चिमी यूपी के प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोकसभा चुनाव में पार्टी को नुकसान पहुंचाने वाले कांग्रेसियों को चिन्हित करने के लिए तीन सदस्यों की समिति बनाई थी. इस समिति को एक महीने से भी कम वक्त में 35 शिकायतें मिली जिनकी जांच शुरु कर दी गयी है. इन शिकायतों पर कार्रवाई की पहली गाज भाल चन्द्र यादव पर गिरी है.जबकि जल्द ही और भी भितरघाती नेताओं पर गाज गिरने की संभावना है. भाल चंद्र यादव चुनाव से ठीक पहले सपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे वो सपा में टिकट न मिलने से नाराज थे, लेकिन कांग्रेस के लिए भी वह भरोसेमंद साबित नहीं हुए.
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आपको बता दें कि कांग्रेस ने संत कबीर नगर लोकसभा क्षेत्र से परवेज खान को टिकट दिया था, लेकिन अचानक उसने भाल चंद्र पर भरोसा दिखाकर हर किसी को चौंका दिया था.
प्रियंका और सिंधिया ने बनाई थी समिति
हाल ही में कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी और पश्चिमी यूपी के प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोकसभा चुनाव में पार्टी को नुकसान पहुंचाने वाले कांग्रेसियों को चिन्हित करने के लिए तीन सदस्यों की समिति बनाई थी. इस समिति को एक महीने से भी कम वक्त में 35 शिकायतें मिली जिनकी जांच शुरु कर दी गयी है. इन शिकायतों पर कार्रवाई की पहली गाज भाल चन्द्र यादव पर गिरी है.जबकि जल्द ही और भी भितरघाती नेताओं पर गाज गिरने की संभावना है. भाल चंद्र यादव चुनाव से ठीक पहले सपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे वो सपा में टिकट न मिलने से नाराज थे, लेकिन कांग्रेस के लिए भी वह भरोसेमंद साबित नहीं हुए.
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