मुस्लिम जोड़े के कार्ड पर राम-सीता की तस्वीर से मचा बवाल, काजी बोले- देना होगा लिखित माफीनामा
News18Hindi Updated: April 29, 2019, 1:14 PM IST

शादी का कार्ड दिखाते परिजन. (File Photo)
चिलौआ गांव के इबादत अली की बेटी रुखसार बानो का निकाह 30 अप्रैल को अल्हागंज निवासी युवक से होना तय हुआ था. अली ने निकाह में मेहमानों को बुलाने के लिए दो तरह के कार्ड छपवाए थे.
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- Last Updated: April 29, 2019, 1:14 PM IST
शाहजहांपुर के अल्हागंज में बेटी के निकाह के कार्ड पर भगवान राम व सीता की फोटो छपवाने वाले इबादत अली को अब माफीनामा देने का फरमान सुनाया गया है. कार्ड पर छपी फोटो को शरीयत के खिलाफ बता रहे रिश्तेदारों ने अली से माफीनामा की मांग की है. कहा जा रहा है कि शहर इमाम के सामने लिखित माफीनामा देने और अनुमति लेने के बाद ही उनकी बेटी का निकाह हो सकेगा.
बता दें कि अल्लाहगंज में चिलौआ गांव के इबादत अली की बेटी रुखसार बानो का निकाह 30 अप्रैल को अल्लाहगंज निवासी युवक से होना तय हुआ था. अली ने निकाह में मेहमानों को बुलाने के लिए दो तरह के कार्ड छपवाए थे. जिनमें एक कार्ड उर्दू में छपा था, जबकि दूसरी तरह का कार्ड हिंदी में था और उस पर भगवान राम और सीता के स्वयंवर की तस्वीर छपी थी. जैसे ही लोगों तक यह कार्ड पहुंचा, अचानक सुर्खियां बन गया.
अधिकांश लोगों ने अली के इस काम की सराहना की. लेकिन हिन्दी के इस कार्ड की जानकारी होते ही लड़के वाले और अली के ही कुछ रिश्तेदार खफा हो गए. उनका कहना था कि यह गलत है. इसके साथ ही इस मसले पर देवबंद ने भी संज्ञान लिया. वहां के उलमा ने इबादत अली के इसे शरीयत के खिलाफ बताया और दोबारा कार्ड छपवाकर बांटने की बात कही. जब अली काजी के पास निकाह पढ़ने की मांग लेकर पहुंचे ताे काजी ने भी मना कर दिया और लिखित माफीनामा लाने की बात कही.
इस बारे में अली के बेटे उमर ने बताया कि शादी करनी है, ऐसे में उनके पिता शाहजहांपुर में जामिया फातिमा मदरसे में जाकर माफीनामा लिखवाने के लिए गए हैं. साथ ही लड़के वालों को भी मनाया जा रहा है.ये भी पढ़ें:
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राम-सीता की तस्वीर वाले कार्ड के साथ भेजा निकाह का दावतनामा, देखें VIDEOएक क्लिक और खबरें खुद चलकर आएगी आपके पास, सब्सक्राइब करें न्यूज़18 हिंदी WhatsAppअपडेट्स
बता दें कि अल्लाहगंज में चिलौआ गांव के इबादत अली की बेटी रुखसार बानो का निकाह 30 अप्रैल को अल्लाहगंज निवासी युवक से होना तय हुआ था. अली ने निकाह में मेहमानों को बुलाने के लिए दो तरह के कार्ड छपवाए थे. जिनमें एक कार्ड उर्दू में छपा था, जबकि दूसरी तरह का कार्ड हिंदी में था और उस पर भगवान राम और सीता के स्वयंवर की तस्वीर छपी थी. जैसे ही लोगों तक यह कार्ड पहुंचा, अचानक सुर्खियां बन गया.
अधिकांश लोगों ने अली के इस काम की सराहना की. लेकिन हिन्दी के इस कार्ड की जानकारी होते ही लड़के वाले और अली के ही कुछ रिश्तेदार खफा हो गए. उनका कहना था कि यह गलत है. इसके साथ ही इस मसले पर देवबंद ने भी संज्ञान लिया. वहां के उलमा ने इबादत अली के इसे शरीयत के खिलाफ बताया और दोबारा कार्ड छपवाकर बांटने की बात कही. जब अली काजी के पास निकाह पढ़ने की मांग लेकर पहुंचे ताे काजी ने भी मना कर दिया और लिखित माफीनामा लाने की बात कही.
इस बारे में अली के बेटे उमर ने बताया कि शादी करनी है, ऐसे में उनके पिता शाहजहांपुर में जामिया फातिमा मदरसे में जाकर माफीनामा लिखवाने के लिए गए हैं. साथ ही लड़के वालों को भी मनाया जा रहा है.ये भी पढ़ें:
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First published: April 29, 2019, 12:10 PM IST
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