शाहजहांपुर. किसानों की खेती से दोगुनी आय करने और उन्हें खुशहाल बनाने के मकसद से शाहजहांपुर प्रशासन पिछले 1 साल से उन्हें काले गेहूं की खेती करने के लिए मोटिवेट कर रहा है. प्रशासन की इन कोशिशों का असर भी अब दिखने लगा है और किसानों का रूझान अब सामान्य गेहूं की तुलना में काले गेहूं की खेती की तरफ बढ़ता जा रहा है. इस किस्म के गेहूं की बाजार मांग और निर्यात बढ़ने से किसान सामूहिक रूप से इस खेती को अपनाकर बंपर कमाई कर रहे हैं.
दरअसल एक कुंतल सामान्य गेहूं की कीमत जहां लगभग 2000 रुपये है, वहीं काले गेहूं की कीमत 4 से 6000 रुपये कुंतल है. तीगुने दामों में बिकने वाली फसल के चलते किसान इस फसल को हाथों-हाथ ले रहे हैं. वहीं दूसरी ओर कुछ उत्साहित किसान खुद गेहूं को पीसकर आटे की पैकेजिंग करके मार्केट में बेच रहे हैं, जिससे उनकी कमाई और बढ़ रही है. शाहजहांपुर प्रशासन भी काले गेहूं के इस आटे को कृषि मेलों और प्रदर्शनियों के जरिए प्रमोट कर रहा है.
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कई रोगों में कारगर है यह काला गेहूं
इस काले गेहूं का रंग और स्वाद सामान्य गेहूं से थोड़ा अलग होते हैं, लेकिन बेहद पौष्टिक होते हैं. विशेषज्ञ बताते हैं कि इस काले गेहूं में पाए जाने वाला एंथ्रोसाइनीन एक नेचुरल एंटी ऑक्सीडेंट और एंटीबायोटिक है, जो हार्ट अटैक, कैंसर, शुगर, मानसिक तनाव, घुटनों का दर्द, एनीमिया जैसे रोगों में काफी कारगर सिद्ध होता है.
कृषि अधिकारी मानते हैं कि ये गेहूं डायबिटीज, कैंसर और एनिमी जैसे रोगियों के लिए बहुत ही फायदेमंद है. ऐसे मे जिले में धीरे-धीरे काले गेहूं की फसल की बुवाई का रकबा बढ़ रहा है.
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नाबी के पास है इस काले गेहूं का पेटेंट
दरअसल सात बरसों के रिसर्च के बाद काले गेहूं की इस नई किस्म को पंजाब के मोहाली स्थित नेशनल एग्री फूड बायोटेक्नॉलजी इंस्टीट्यूट (NABI) ने विकसित किया है. नाबी के पास इसका पेटेंट भी है. इस गेहूं की खास बात यह है कि इसकी बालियां भी आम गेहूं जैसी हरी होती हैं, बस पकने के बाद दानों का रंग काला हो जाता है.
सामान्य गेहूं की तुलना में काले गेहूं के प्रति किसानों का रुझान बढ़ता ही जा रहा है. इसके पीछे कारण यह है कि इस किस्म के गेहूं की बाजार मांग अधिक है और पिछले कुछ समय से इसका निर्यात भी काफी बढ़ा है. इससे किसानों का ध्यान अब काले गेहूं की खेती पर ज्यादा है.
उत्तर प्रदेश में कई किसान काला गेहूं की खेती कर बंपर कमाई कर रहे हैं. यदि इसी तरीके से पूरे प्रदेश के किसान इस इस काले गेहूं की फसल को लगाने लगे तो ना केवल उनकी आमदनी तीन गुनी होगी, बल्कि आमजन तक पॉस्टिक गेहूं भी मिलेगा. ऐसे में कृषि विशेषज्ञ इस बात पर जोर देते हैं कि सरकार इस काले गेहूं का हर जिले में प्रचार-प्रसार करें ताकि किसान इस गेहूं को अपनाकर अपनी आमदनी दोगुनी कर सकें.
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