अमन शर्मा, शाहजहांपुर
उत्तर प्रदेश को बहुत जल्द देश के सबसे लंबे एक्सप्रेस वे की सौगात मिलने वाली है. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले (Uttar Pradesh) के उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर (Shahjahanpur) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) 18 दिसंबर को गंगा एक्सप्रेस-वे (Ganga Expressway) का शिलान्यास करेंगे. इस एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 594 किलोमीटर होगी और यह गंगा एक्सप्रेस वे देश के सबसे ऊपजाऊ क्षेत्रों से होकर गुजरेगा. बताया जा रहा है कि कृषि क्षेत्र और इंडस्ट्री को इस एक्सप्रेस से बड़ा फायदा होने वाला है. यूपी के सीनियर अधिकारियों की मानें तो 594 किलोमीटर लंबा गंगा एक्सप्रेस वे कृषि अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और क्षेत्र में औद्योगीकरण लाकर एक अंतर्निहित आय गुणक (इनकम मल्टिप्लायर इफेक्ट) के रूप में कार्य करेगा. बताया जा रहा है क्योंकि यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के 12 जिलों से होकर गुजरेगा, इसलिए इन इलाकों के किसानों, उद्यमियों और आम लोगों को काफी फायदा होगा.
परियोजना में शामिल एक अधिकारी ने कहा कि गंगा बेसिन का वह हिस्सा, जिसके माध्यम से यह एक्सप्रेस-वे गुजरेगा, कृषि अर्थव्यवस्था की समृद्ध विरासत है. इस क्षेत्र के मैदानी इलाकों में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए भी लाभ मिलता है. यह एक्सप्रेसवे परियोजना क्षेत्र के औद्योगीकरण के विस्तार के लिए सही रीढ़ प्रदान करेगी. वहीं, पीएमओ द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ से प्रयागराज तक 12 जिलों से गुजरेगा. इसे 36,200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया जाएगा. पीएमओ ने कहा कि एक्सप्रेस-वे से औद्योगिक विकास, व्यापार, कृषि, पर्यटन आदि क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा. इससे क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को भी प्रोत्साहन मिलेगा.
यूपी एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मीडिया सलाहकार दुर्गेश उपाध्याय ने न्यूज18 से कहा कि एक्सप्रेस वे बनने से किसानों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी और इसके माध्यम से किसान अपनी उपज की कम बर्बादी के साथ-साथ बेहतर मूल्य भी प्राप्त कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्र के लोगों की बढ़ी हुई आय तब अन्य क्षेत्रों और व्यवसायों में फैल जाएगी और इस प्रकार आय गुणक प्रभाव शुरू हो जाएगा.
अधिकारियों ने कहा कि गंगा एक्सप्रेस वे पहल को राष्ट्रीय हितों के साथ-साथ क्षेत्र और राज्य को बड़े पैमाने पर लाभ मुहैया कराने के लिए परियोजना के निर्माण के उद्देश्य से शुरू किया गया था. लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे से जुड़े होने और कानपुर के डिफेंस कॉरिडोर और अलीगढ़ नोड्स के जलग्रहण क्षेत्रों को जोड़ने से यह परियोजना क्षेत्र के पिछड़े क्षेत्रों के उत्थान की दिशा में एक प्रोत्साहन का काम करेगी. एक्सप्रेस वे बनने से एनसीआर तक भी लोगों की पहुंच आसान हो जाएगी और इलाके के भीतरी स्टेशनों और बस डिपों से कनेक्टिविटी सुधरेगी. माना जा रहा है कि 2025 तक इस परियोजना को पूरा कर लिया जाएगा.
जानें गंगा एक्सप्रेस वे के बारे में सबकुछ
दरअसल यह गंगा एक्सप्रेस वे यूपी से पूर्वांचल को कनेक्ट करेगा. गंगा एक्सप्रेस वे के लिए अब तक 94 प्रतिशत जमीन का अधिग्रहण हो चुका है. यह एक्सप्रेस-वे यूपी के 12 जिलों मेरठ, हापुड़, बुलन्दशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं , शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और रायबरेली से होकर गुजरेगा. एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश के 12 जिलों और 519 गांवों को जोड़ेगा. इस पर चलने वाले वाहनों की अधिकतम रफ्तार 120 किलोमीटर प्रतिघंटा तय की गई है. जबकि इस पर हवाई पट्टी के अलावा हेलिकॉप्टर उतारने के भी इंतजाम होंगे/ इसके साथ ही रोजगार सृजन के लिए इस एक्सप्रेस वे पर ढाबे पेट्रोल पंप और ट्रॉमा सेंटर भी बनाए जाएंगे.
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