नई दिल्ली. लॉ स्टूडेंट (Law Student) के यौन शोषण (Sexual Harassment Case) मामले में पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री और बीजेपी नेता चिन्मयानंद (Swami Chinmayanand) गिरफ्तार हो चुके हैं. एसआईटी के सामने शुक्रवार को पूछताछ में चिन्मयानंद ने माना कि उनसे गलती हो गई. उन्होंने ही मालिश के लिए छात्रा को अपने कमरे में बुलाया था. इस दौरान चिन्मयानंद ने कहा कि वे अपने किए पर शर्मिंदा है और उनसे बड़ी भूल हुई है. कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. इससे पहले भी वह बलात्कार के दूसरे मामले में घिरे रहे हैं.
2011 में उन पर हरिद्वार के आश्रम में एक साध्वी को बंधक बनाकर रेप (Rape) का आरोप लगाया गया था. इसके बाद शाहजहांपुर (Shahjahanpur) कोतवाली में 30 नवंबर, 2011 को रेप और जान से मारने की धमकी देने का केस दर्ज किया गया था. मामले में गिरफ्तारी के खिलाफ चिन्मयानंद ने हाईकोर्ट (High Court) से स्टे ले लिया था. तभी से मामला लंबित चल रहा था. चिन्मयानंद पर दर्ज यह केस यूपी सरकार (UP Government) वापस लेना चाहती थी. इसके लिए बाकायदा मार्च, 2018 में सरकार ने उनके खिलाफ दर्ज आईपीसी की धारा-376 और 506 का केस वापस लेने का आदेश दे दिया था. लेकिन, पीड़िता साध्वी के अड़े रहने की वजह से सरकार इसमें सफल नहीं हो सकी.
चिन्मयानंद पर दर्ज रेप का एक अन्य केस वापस लेने के लिए मार्च, 2018 में जारी हुआ यूपी सरकार का आदेश. (File)
शासन और सत्ता के गलियारे में चिन्मयानंद की बड़ी पहुंच
यूपी सरकार ने मार्च, 2018 में केस वापस लेने का पत्र जारी किया, लेकिन यह मामला थोड़ी देरी से अप्रैल में अखबारों की सुर्खियों में आया, क्योंकि इसकी किसी को भनक नहीं लगने दी गई. इससे साफ हो जाता है कि शासन और सत्ता में
चिन्मयानंद की कितनी पहुंच है. इस मामले में बदायूं की एक साध्वी ने आरोप लगाए थे. लेकिन, शासन के आदेश पर शाहजहांपुर कोतवाली में दर्ज यह केस वापस लेने की प्रक्रिया शुरू हो गई. केस वापसी के संबंध में वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी को संबोधित यह पत्र जिला मजिस्ट्रेट के हवाले से एडीएम (प्रशासन) की तरफ से जारी किया गया था.
शासन को पत्र देकर मुकदमा वापस लेने की मांग की थी
बताया गया है कि चिन्मयानंद ने अपने ऊपर दर्ज इस मामले को झूठा बताते हुए मार्च, 2017 में शासन को पत्र देकर मुकदमा वापस लेने की मांग की थी. यूपी में नई सरकार बनने के बाद शासन स्तर पर इसकी कवायद शुरू हो गई. हालांकि, रेप पीड़िता ने राष्ट्रपति, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) और जिला जज को पत्र लिखकर केस वापसी का विरोध किया. शाहजहांपुर के पत्रकार दीप श्रीवास्तव बताते हैं कि पीड़िता अड़ गई कि उसे अब तक न्याय नहीं मिला है तो आरोपी से केस कैसे वापस लिया जा सकता है. इसके बाद केस ज्यों का त्यों चलने लगा. लेकिन, यह भी सही है कि सरकार रेप का यह केस वापस लेना चाहती थी. इसके लिए आदेश जारी हुआ था. हालांकि, यूपी बीजेपी के प्रवक्ता शलभमणि त्रिपाठी कहते हैं कि चिन्मयानंद ने केस वापसी के लिए आवेदन दिया था. उस पर शासन ने रिपोर्ट मांगी थी. आखिर में केस वापस नहीं लिया गया.
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FIRST PUBLISHED : September 20, 2019, 11:32 IST