कैराना. कुछ दिनों पहले समाजवादी पार्टी ने कैराना के टिकट से इकरा चौधरी का नामंकन दर्ज करवाया था. चूंकि नाहिद हसन गैंगस्टर एक्ट के तहत जेल में हैं इसलिए सपा ने उनकी बहन को चुनावी मैदान में उतारने का निर्णय लिया था. लेकिन अब खबर है कि सलाखों के पीछे मौजूद नाहिद का नामांकन मंजूर हो गया है. ऐसे में साफ हो गया है कि आगामी विधानसभा चुनाव में वे जेल से ही चुनाव लड़ेंगे.
मृगांका से होगा मुकाबला
सपा की ओर से मजबूत प्रत्याशी माने जाने वाले नाहिद का मुकाबला भाजपा की मृगांका सिंह से होगा. मृगांका हुकुम सिंह की बेटी है और उनका इस क्षेत्र में खासा प्रभाव है. ऐसे में यह कैरान सीट का यह मुकाबला रोचक हो सकता है. दोनों ही उम्मीदवारों का इस क्षेत्र से गहरा जुड़ाव है. उधर, नाहिद का नामांकन मंजूर होने के बाद उनकी बहन इकरा ने अपना नाम वापस ले लियाा है.
भाजपा की स्थिति मजबूत
गौरतलब है कि पहले फेज के चुनावों के अंतर्गत कैराना सीट पर चुनाव होने वाला है. 2017 में कैराना सीट पर भाजपा की ओर से हिंदु परिवारों के पलायन को अहम मुद्दा बनाया गया था. इसका पार्टी को फायदा हुआ था और भाजपा को जीत मिली थी. ऐसे में इस समय इस सीट पर भाजपा की स्थिति मजबूत है. इसके अलावा जेल में होने के कारण नाहिद जनता से दूर होंगे, जिसका फायदा मृगांका को मिल सकता है. फिलहाल पहले चरण के चुनावों में इस सीट पर सभी की खास नजर रहेगी.
नाहिद बेकसूर हैं
उधर, भाजपा बार बार यह मुद्दा उठा रही है कि सपा चुनावी मैदान में गुंडों को उतार रही है. ऐसे में नाहिद का नाम कैराना से सामने आने के बाद एक बार फिर भाजपा को चुनावी मुद्दा मिल गया है. दूसरी तरफ अखिलेश यादव कई बार नाहिद का पक्ष ले चुके हैं. उनके अनुसार नाहिद बेकसूर हैं और उन पर लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं. सपा का कहना है कि कैराना में नाहिद ने कई महत्वपूर्ण काम करवाए हैं. साथ ही वे समाज सेवा से भी जुड़े हुए हैं. इसके अलावा कैराना सीट के लिए उनसे बेहतर कोई और उम्मीदवार नहीं है.
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