विश्व में अपनी पहचान के इंतजार में कपिलवस्तु, सरकारी फाइलों में ही दौड़ रही महायोजना

यूपी के सिद्धार्थनगर में स्थित कपितवस्तु के कायाकल्प की तमाम योजनाएं जमीन पर नहीं दिख रहीं.
कपिलवस्तु (Kapilvastu) विशेष क्षेत्र प्राधिकरण के सचिव उमेश चंद्र निगम के अनुसार महायोजना का प्लान तैयार कर लिया गया है. शासन से पत्राचार किया जा चुका है, जल्द ही कार्य शुरू होने की संभावना है.
- News18 Uttar Pradesh
- Last Updated: July 22, 2020, 1:28 PM IST
सिद्धार्थनगर. उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर (Sidharthanagar ) जिले में स्थित कपिलवस्तु (Kapilvastu) में भगवान बुध राजकुमार सिद्धार्थ के रूप में अपने जीवन के प्रथम 29 वर्ष गुजारे थे. भगवान बुध शाक्य वंश के राजकुमार थे और यहीं पर उनके पिता महाराज शुद्धोधन की गनवरिया में राजधानी थी, जो आज भी संरक्षित क्षेत्र के रूप में पुरातत्व विभाग के देखरेख में संचालित हो रहा है. यहां 2 म्यूजियम भी बनाए जा चुके हैं. पूरी दुनिया से लाखों बौद्ध धर्म के अनुयायी यहां पर दर्शन के लिए आते रहते हैं. लेकिन केंद्र सरकार एवं प्रदेश सरकार के तमाम घोषणाओं के बावजूद आज भी कपिलवस्तु वह स्थान न प्राप्त कर सका, जो बोधगया, कुशीनगर एवं श्रावस्ती को प्राप्त है.
कपिलवस्तु में भगवान बुद्ध की अस्थियां मिली थीं, जो सुरक्षा के दृष्टिकोण से कोलकाता के एक म्यूजियम में रखी गई हैं. वर्ष 1973 में खोज के बाद कपिलवस्तु का वर्तमान रूप सामने आया था.
कपिलवस्तु विकास महायोजना 2021
सरकार की योजना की बात करें तोभगवान बुद्ध की जन्मस्थली लुंबिनी से 10 किलोमीटर दूर स्थित सिद्धार्थनगर जिले के कपिलवस्तु क्षेत्र के 14 गांव बौद्ध पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किए जाएंगे. यहां पर्यटक विहार परिसर, चिंतन मनन उपवन, बौद्ध विहार मठ एवं मंदिर बनाए जाएंगे. पुरातत्व स्थल संरक्षित किए जाएंगे. इसके साथ ही क्षेत्र के शिक्षा चिकित्सा सहित अन्य क्षेत्रों का भी विकास किया जाएगा. यह सारे कार्य कपिलवस्तु विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण महायोजना 2021 के तहत किए जाएंगे. इसको शीघ्र मूर्त रूप देने की तैयारी की जा रही है.होटल से लेकर हरित पट्टी और चिकित्सालय बनना है प्रस्तावित
विकास प्राधिकरण द्वारा कपिलवस्तु के विकास के लिए तैयार की गई इस महायोजना के अंतर्गत सेक्टर-ए (sector-A) मझौली ताल के पास 15.30 हेक्टेयर में 3 सितारा होटल (3 star rating hotel) बनाने का भी प्रस्ताव है. 100 मीटर की हरित पट्टी बनाने की भी योजना है. हस्तशिल्प कला केंद्र विद्यालय चिकित्सालय के साथ सार्वजनिक सुविधाएं भी उपलब्ध कराने का प्रस्ताव किया गया है.
कपिलवस्तु को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने का है वादा
कपिलवस्तु को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए शासन द्वारा 10 जून 1978 को विकास प्राधिकरण के गठन के लिए अधिसूचना जारी की गई थी. 5 जुलाई 1997 को शासन द्वारा क्षेत्र को कपिलवस्तु विशेष क्षेत्र विकास क्षेत्र घोषित किया गया. 22 जून 2007 को गजट पारित हुआ. तहसील के एक कमरे में विकास प्राधिकरण का दफ्तर 2 JE के भरोसे संचालित हो रहा है.
चिन्हित किए गए गांव
बर्डपुर नंबर 1, बर्डपुर नंबर 2, पंचगावा, रक्सेल, महादेवा कुर्मी, सिंहोरवा कुर्मी, बर्डपुर नंबर 7, बिहारी तरैनी, पिपरसन, श्रीबेलवा, बर्डपुर नंबर 6 महदेइया, मटवरिया उर्फ मरचहवा है.
शासन से अनुमति मिलते ही काम होगा शुरू: उमेश चंद्र निगम
कपिलवस्तु विशेष क्षेत्र प्राधिकरण के सचिव उमेश चंद्र निगम के अनुसार महायोजना का प्लान तैयार कर लिया गया है. शासन से पत्राचार किया जा चुका है, जल्द ही कार्य शुरू होने की संभावना है. पर्यटकों को लुभाने की विशेष तैयारी की जा रही है. कपिलवस्तु क्षेत्र का सर्वांगीण विकास होगा. एक बार फिर से कपिलवस्तु महायोजना 2021 के तहत यहां के लोगों की उम्मीद तो जगी है लेकिन देखना यह है कि यह विकास कब तक धरातल पर आएगा.
कपिलवस्तु में भगवान बुद्ध की अस्थियां मिली थीं, जो सुरक्षा के दृष्टिकोण से कोलकाता के एक म्यूजियम में रखी गई हैं. वर्ष 1973 में खोज के बाद कपिलवस्तु का वर्तमान रूप सामने आया था.
कपिलवस्तु विकास महायोजना 2021
सरकार की योजना की बात करें तोभगवान बुद्ध की जन्मस्थली लुंबिनी से 10 किलोमीटर दूर स्थित सिद्धार्थनगर जिले के कपिलवस्तु क्षेत्र के 14 गांव बौद्ध पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किए जाएंगे. यहां पर्यटक विहार परिसर, चिंतन मनन उपवन, बौद्ध विहार मठ एवं मंदिर बनाए जाएंगे. पुरातत्व स्थल संरक्षित किए जाएंगे. इसके साथ ही क्षेत्र के शिक्षा चिकित्सा सहित अन्य क्षेत्रों का भी विकास किया जाएगा. यह सारे कार्य कपिलवस्तु विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण महायोजना 2021 के तहत किए जाएंगे. इसको शीघ्र मूर्त रूप देने की तैयारी की जा रही है.होटल से लेकर हरित पट्टी और चिकित्सालय बनना है प्रस्तावित
विकास प्राधिकरण द्वारा कपिलवस्तु के विकास के लिए तैयार की गई इस महायोजना के अंतर्गत सेक्टर-ए (sector-A) मझौली ताल के पास 15.30 हेक्टेयर में 3 सितारा होटल (3 star rating hotel) बनाने का भी प्रस्ताव है. 100 मीटर की हरित पट्टी बनाने की भी योजना है. हस्तशिल्प कला केंद्र विद्यालय चिकित्सालय के साथ सार्वजनिक सुविधाएं भी उपलब्ध कराने का प्रस्ताव किया गया है.
कपिलवस्तु को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने का है वादा
कपिलवस्तु को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए शासन द्वारा 10 जून 1978 को विकास प्राधिकरण के गठन के लिए अधिसूचना जारी की गई थी. 5 जुलाई 1997 को शासन द्वारा क्षेत्र को कपिलवस्तु विशेष क्षेत्र विकास क्षेत्र घोषित किया गया. 22 जून 2007 को गजट पारित हुआ. तहसील के एक कमरे में विकास प्राधिकरण का दफ्तर 2 JE के भरोसे संचालित हो रहा है.
चिन्हित किए गए गांव
बर्डपुर नंबर 1, बर्डपुर नंबर 2, पंचगावा, रक्सेल, महादेवा कुर्मी, सिंहोरवा कुर्मी, बर्डपुर नंबर 7, बिहारी तरैनी, पिपरसन, श्रीबेलवा, बर्डपुर नंबर 6 महदेइया, मटवरिया उर्फ मरचहवा है.
शासन से अनुमति मिलते ही काम होगा शुरू: उमेश चंद्र निगम
कपिलवस्तु विशेष क्षेत्र प्राधिकरण के सचिव उमेश चंद्र निगम के अनुसार महायोजना का प्लान तैयार कर लिया गया है. शासन से पत्राचार किया जा चुका है, जल्द ही कार्य शुरू होने की संभावना है. पर्यटकों को लुभाने की विशेष तैयारी की जा रही है. कपिलवस्तु क्षेत्र का सर्वांगीण विकास होगा. एक बार फिर से कपिलवस्तु महायोजना 2021 के तहत यहां के लोगों की उम्मीद तो जगी है लेकिन देखना यह है कि यह विकास कब तक धरातल पर आएगा.