UP Chunav: इटवा विधानसभा सीट का जानिए क्या है समीकरण.
सिद्धार्थनगर. इटवा विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी का जुड़ाव लंबे समय तक रहा है. इतना कि 2007 और 2012 के चुनाव में कम अंतर से ही सही, इटवा के मतदाताओं ने सपा प्रत्याशी के पक्ष में ढेर सारे वोट दिए और उन्हें विधानसभा भेजा. लेकिन 2017 में आकर मतदाताओं का मन बदल गया और इटवा सीट बीजेपी की हो गई. मतदाताओं का मूड कहें या ‘मोदी-लहर’ का असर, इस विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के प्रत्याशी ने भारी बहुमत से चुनाव जीता.
2007 और 2012 के विधानसभा चुनावों में इटवा सीट से समाजवादी पार्टी के माता प्रसाद पांडेय विधायक चुने गए थे. 2007 में उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी जावेद को 2000 से कम वोटों के अंतर से शिकस्त दी थी. पांच साल बाद 2012 के चुनाव में एक बार फिर माता प्रसाद इटवा सीट से मैदान में थे, लेकिन बसपा से उनका प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार का चेहरा बदल गया था. लेकिन इस बार भी माता प्रसाद ने लगभग 10 हजार वोटों की बढ़त के साथ चुनाव जीत लिया.
माता प्रसाद के लिए 2017 का चुनाव हैट्रिक लगाने वाला ‘चांस’ था, लेकिन इस बार उनका रास्ता रोकने के लिए परंपरागत प्रतिद्वंद्वी बसपा के साथ-साथ ‘मोदी-लहर’ पर सवार भाजपा भी थी. इस चुनाव में सपा उम्मीदवार खेत रहे. उनकी उम्मीदें धूल में मिल गई, जब वे तीसरे स्थान पर जा खिसके. इटवा सीट से 2017 का चुनाव भाजपा प्रत्याशी डॉ. सतीशचंद्र द्विवेदी ने जीता. उपविजेता पार्टी बसपा रही.
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