स्वतंत्रता संग्राम सेनानी से CMS ने अस्पताल में की बदसलूकी, आहत होकर डीएम से मांगी इच्छामृत्यु
News18 Uttar Pradesh Updated: November 29, 2019, 5:28 PM IST

सीएमएस के बर्ताव से आहत स्वतंत्रता संग्राम सेनानी डीएम से अपनी बात कहते हुए.
सीतापुर डीएम अखिलेश तिवारी ने स्वतंत्रता सेनानी शिव नारायण लाल शर्मा से प्रार्थना पत्र लेकर पूरे मामले की जांच कराए जाने की बात कही है. वहीं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी से अभद्रता मामले में कम्युनिस्टी नेता बृज बिहारी वर्मा 48 घंटे के उपवास पर बैठ गए हैं और सीएमएस के विरुद्ध कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
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- Last Updated: November 29, 2019, 5:28 PM IST
सीतापुर. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सीतापुर (Sitapur) में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शिव नारायण लाल शर्मा (Freedom Fighter) ने डीएम से इच्छा मृत्यु (Mercy Death) की गुहार लगाई है. दरअसल स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शिव नारायण लाल शर्मा ने डीएम अखिलेश तिवारी को एक प्रार्थना पत्र देकर जिला अस्पताल के सीएमएस द्वारा अभद्रता की बात कही है. डीएम अखिलेश तिवारी ने प्रार्थना पत्र लेकर पूरे मामले की जांच कराए जाने की बात कही है. वहीं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी से अभद्रता मामले में कम्युनिस्टी नेता बृज बिहारी वर्मा 48 घंटे के उपवास पर बैठ गए हैं और सीएमएस के विरुद्ध कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
शहर के मोहल्ला आलमनगर के रहने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शिव नारायण लाल शर्मा ने प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया है कि जिला अस्पताल के सीएमएस एके अग्रवाल ने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया है. सीएमएस द्वारा सार्वजनिक तौर पर उन्हें कड़ी फटकार लगाई गई और लाइन में लगकर स्वास्थ्य परीक्षण कराने की धमकी भी दी गई. इसे लेकर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शिव नारायण लाल शर्मा कई अन्य संगठनों के साथ डीएम अखिलेश तिवारी से मामले की शिकायत करने पहुंचे. शिव नारायण लाल शर्मा का कहना है कि एक सरकारी अधिकारी द्वारा मुझे सार्वजनिक तौर पर अपमानित किया गया है, जिससे मेरे जीने की इच्छा समाप्त हो गई है. डीएम अखिलेश तिवारी से स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ने मांग की है कि या तो सीएमएस डॉक्टर एके अग्रवाल के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए या फिर इच्छा मृत्यु देने की मांग की है.
स्वतंत्रता सेनानी ने 1942 में किया था सबसे बड़े जुलूस का नेतृत्व
आपको बता दें कि 9 नवंबर 1924 को जन्मे शिव नारायण लाल शर्मा ने स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान दिया. उन्होंने अपने बारह साथियों के साथ 18 अगस्त 1942 को लालबाग गोली कांड वाले सबसे विशाल जुलूस का नेतृत्व किया. 5 हज़ार की भीड़ का नेतृत्व कर रहे शिव नारायण लाल शर्मा को अंग्रेजो ने भयंकर यातनाएं देते हुए जिला कारागार में डाल दिया लेकिन रिहा होने के बाद वो और अधिक सक्रियता से आजादी के संघर्ष में जुट गए. उनकी धर्मपत्नी शांति देवी जी भी स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय रहीं और सराहनीय योगदान किया.जांच के बाद होगी कड़ी कार्यवाई: डीएम
इस पूरे मामले को लेकर डीएम अखिलेश तिवारी का कहना है कि कल वह अपने स्वास्थ्य का परीक्षण कराने जिला चिकित्सालय में गए हुए थे. वहां पर सीएमएस द्वारा उनका उचित उपचार न किया गया बल्कि उन्हें यह सलाह दी गई कि आप किसी कमरे में बैठ जाइए. यह बात उन्हें ठीक नहीं लगी. शासन के निर्देश है कि जो भी सीनियर सिटीजन हैं महिलाएं हैं, उनके साथ एक शालीन व्यवहार किया जाए. साथ ही वह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी हैं. इस प्रकरण की जांच कराई जा रही है. यदि ऐसा पाया जाता है कि उनके साथ उचित व्यवहार नहीं किया गया, शासनादेशों का पालन नहीं किया गया या एक सामान्य शिष्टाचार का ध्यान नहीं रखा गया तो संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.
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शहर के मोहल्ला आलमनगर के रहने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शिव नारायण लाल शर्मा ने प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया है कि जिला अस्पताल के सीएमएस एके अग्रवाल ने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया है. सीएमएस द्वारा सार्वजनिक तौर पर उन्हें कड़ी फटकार लगाई गई और लाइन में लगकर स्वास्थ्य परीक्षण कराने की धमकी भी दी गई. इसे लेकर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शिव नारायण लाल शर्मा कई अन्य संगठनों के साथ डीएम अखिलेश तिवारी से मामले की शिकायत करने पहुंचे. शिव नारायण लाल शर्मा का कहना है कि एक सरकारी अधिकारी द्वारा मुझे सार्वजनिक तौर पर अपमानित किया गया है, जिससे मेरे जीने की इच्छा समाप्त हो गई है. डीएम अखिलेश तिवारी से स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ने मांग की है कि या तो सीएमएस डॉक्टर एके अग्रवाल के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए या फिर इच्छा मृत्यु देने की मांग की है.
स्वतंत्रता सेनानी ने 1942 में किया था सबसे बड़े जुलूस का नेतृत्व
आपको बता दें कि 9 नवंबर 1924 को जन्मे शिव नारायण लाल शर्मा ने स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान दिया. उन्होंने अपने बारह साथियों के साथ 18 अगस्त 1942 को लालबाग गोली कांड वाले सबसे विशाल जुलूस का नेतृत्व किया. 5 हज़ार की भीड़ का नेतृत्व कर रहे शिव नारायण लाल शर्मा को अंग्रेजो ने भयंकर यातनाएं देते हुए जिला कारागार में डाल दिया लेकिन रिहा होने के बाद वो और अधिक सक्रियता से आजादी के संघर्ष में जुट गए. उनकी धर्मपत्नी शांति देवी जी भी स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय रहीं और सराहनीय योगदान किया.जांच के बाद होगी कड़ी कार्यवाई: डीएम
इस पूरे मामले को लेकर डीएम अखिलेश तिवारी का कहना है कि कल वह अपने स्वास्थ्य का परीक्षण कराने जिला चिकित्सालय में गए हुए थे. वहां पर सीएमएस द्वारा उनका उचित उपचार न किया गया बल्कि उन्हें यह सलाह दी गई कि आप किसी कमरे में बैठ जाइए. यह बात उन्हें ठीक नहीं लगी. शासन के निर्देश है कि जो भी सीनियर सिटीजन हैं महिलाएं हैं, उनके साथ एक शालीन व्यवहार किया जाए. साथ ही वह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी हैं. इस प्रकरण की जांच कराई जा रही है. यदि ऐसा पाया जाता है कि उनके साथ उचित व्यवहार नहीं किया गया, शासनादेशों का पालन नहीं किया गया या एक सामान्य शिष्टाचार का ध्यान नहीं रखा गया तो संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.
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First published: November 29, 2019, 5:28 PM IST
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