सोनभद्र नरसंहार: कोर्ट ने आरोपी प्रधान पक्ष की तरफ से भी FIR दर्ज करने का दिया आदेश

सोनभद्र नरसंहार मामले में कोर्ट ने आरोपी प्रधान पक्ष की तरफ से भी मुकदमा दर्ज करने का आदेश पुलिस को दिया है. (File Photo)
सोनभद्र नरसंहार ()Sonbhadra Massacre) मामले में आरोपी प्रधान यज्ञदत्त के पक्ष से 55 नामजद और 35 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की गुहार कोर्ट से 156 (3) में लगाई गई थी.
- News18 Uttar Pradesh
- Last Updated: October 1, 2019, 7:01 PM IST
सोनभद्र. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की सियासत में भूचाल ला देने वाले सोनभद्र (Sonbhadra) के उम्भा नरसंहार (Umbha Massacre) मामले से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है. सोनभद्र कोर्ट ने आरोपी प्रधान पक्ष की तरफ से भी मुकदमा दर्ज करने का आदेश पुलिस को दिया है. यही नहीं मामले में हमलावर पक्ष कौन है? इसके निर्धारण के लिए पुलिस को निर्देश दिए हैं. बता दें प्रधान यज्ञदत्त के पक्ष से भी 55 नामजद और 35 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की गुहार कोर्ट से 156 (3) में लगाई गई थी. मामले में सुनवाई करने के बाद सिविल जज जूनियर डिवीजन/अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने घोरावल थानाध्यक्ष को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया. कोर्ट ने हमलावर पक्ष के निर्धारण के लिए भी पुलिस को निर्देश दिए.
प्रशासन ने दूसरे पक्ष के खिलाफ नहीं लिखी FIR, इसलिए आए कोर्ट: वकील
मामले में आरोप प्रधान पक्ष के वकील शेष नारायण दीक्षित ने बताया कि प्रशासन द्वारा आरोपी बनाए गए ग्राम प्रधान पक्ष ने बार-बार प्रशासन से उनकी भी एफआईआर लिखने की गुहार लगाई गई लेकिन दूसरे गोंड आदिवासी पक्ष पर कोई एफआईआर प्रशासन की तरफ से दर्ज नहीं की गई. इसके बाद उन्होंने कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. आज कोर्ट ने उनकी प्रार्थना को स्वीकार करते हुए आरोपी पक्ष द्वारा 55 नामजद 30 से 35 अज्ञात लोगों पर जो घटना के समय दूसरे पक्ष से लाठी-डंडों और पत्थर के साथ मौजूद थे, उन पर भी एफआईआर दर्ज करने का आदेश घोरावल थानाध्यक्ष को दिया है. जिससे मामले की निष्पक्ष विवेचना की जा सके.
आरोप: आदिवासी पक्ष से पहले चलाया गया लाठी-डंडा और तीरवकील ने बताया कि आरोपी पक्ष की देवकली नाम की महिला की एप्लीकेशन पर कोर्ट ने दूसरे गोंड आदिवासी पक्ष पर भी मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है. उक्त महिला ने यह भी आरोप लगाया है कि लाठी-डंडा और तीर गोंड आदिवासी पक्ष से सर्वप्रथम चलाया गया. कोर्ट ने यह भी निर्देशित किया है कि हमलावर पक्ष का भी निर्धारण निष्पक्ष तरीके से पुलिस द्वारा किया जाए.
11 लोगों की हत्या हुई
दरअसल 17 जुलाई को सोनभद्र के उम्भा गांव की जमीन पर कब्जे को लेकर हुए नरसंहार में 11 लोगों की हत्या कर दी गई थी. इस घटना के बाद विपक्षी दलों ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर जमकर हमला किया था. मामले में मुख्यमंत्री ने पीड़ितों से मुलाकात कर कई वादे किए थे. इसमें से एक घोषणा कृषि सहकारी समिति बनाकर अवैध तरीके से कब्ज़ा की गई ग्राम समाज की जमीन को सरकारी खाते में दर्ज कराने और उसे पीड़ित परिवारों और क्षेत्र के भूमिहीनों में वितरण करने की भी थी.
पीड़ितों सरकार और विपक्ष सभी ने दिया मुआवजा
सीएम योगी ने मृतकों के परिजनों को दी जाने वाली मुआवजा राशि 5 लाख से बढ़ाकर 18.5 लाख रुपये कर दी थी. साथ ही प्रत्येक घायलों को 2.5 लाख रुपये की राहत देने का ऐलान किया था. वैसे उत्तर प्रदेश सरकार ही नहीं इस मामले में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने भी अपनी तरफ से पीड़ितों को मुआवजा दिया है.
रिपोर्ट: अनूप कुमार
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प्रशासन ने दूसरे पक्ष के खिलाफ नहीं लिखी FIR, इसलिए आए कोर्ट: वकील
मामले में आरोप प्रधान पक्ष के वकील शेष नारायण दीक्षित ने बताया कि प्रशासन द्वारा आरोपी बनाए गए ग्राम प्रधान पक्ष ने बार-बार प्रशासन से उनकी भी एफआईआर लिखने की गुहार लगाई गई लेकिन दूसरे गोंड आदिवासी पक्ष पर कोई एफआईआर प्रशासन की तरफ से दर्ज नहीं की गई. इसके बाद उन्होंने कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. आज कोर्ट ने उनकी प्रार्थना को स्वीकार करते हुए आरोपी पक्ष द्वारा 55 नामजद 30 से 35 अज्ञात लोगों पर जो घटना के समय दूसरे पक्ष से लाठी-डंडों और पत्थर के साथ मौजूद थे, उन पर भी एफआईआर दर्ज करने का आदेश घोरावल थानाध्यक्ष को दिया है. जिससे मामले की निष्पक्ष विवेचना की जा सके.
आरोप: आदिवासी पक्ष से पहले चलाया गया लाठी-डंडा और तीरवकील ने बताया कि आरोपी पक्ष की देवकली नाम की महिला की एप्लीकेशन पर कोर्ट ने दूसरे गोंड आदिवासी पक्ष पर भी मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है. उक्त महिला ने यह भी आरोप लगाया है कि लाठी-डंडा और तीर गोंड आदिवासी पक्ष से सर्वप्रथम चलाया गया. कोर्ट ने यह भी निर्देशित किया है कि हमलावर पक्ष का भी निर्धारण निष्पक्ष तरीके से पुलिस द्वारा किया जाए.
11 लोगों की हत्या हुई
दरअसल 17 जुलाई को सोनभद्र के उम्भा गांव की जमीन पर कब्जे को लेकर हुए नरसंहार में 11 लोगों की हत्या कर दी गई थी. इस घटना के बाद विपक्षी दलों ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर जमकर हमला किया था. मामले में मुख्यमंत्री ने पीड़ितों से मुलाकात कर कई वादे किए थे. इसमें से एक घोषणा कृषि सहकारी समिति बनाकर अवैध तरीके से कब्ज़ा की गई ग्राम समाज की जमीन को सरकारी खाते में दर्ज कराने और उसे पीड़ित परिवारों और क्षेत्र के भूमिहीनों में वितरण करने की भी थी.
पीड़ितों सरकार और विपक्ष सभी ने दिया मुआवजा
सीएम योगी ने मृतकों के परिजनों को दी जाने वाली मुआवजा राशि 5 लाख से बढ़ाकर 18.5 लाख रुपये कर दी थी. साथ ही प्रत्येक घायलों को 2.5 लाख रुपये की राहत देने का ऐलान किया था. वैसे उत्तर प्रदेश सरकार ही नहीं इस मामले में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने भी अपनी तरफ से पीड़ितों को मुआवजा दिया है.
रिपोर्ट: अनूप कुमार
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