पीएम मोदी के बनारस की पड़ोसी रॉबर्ट्सगंज सीट पर BJP क्यों नहीं लड़ रही है चुनाव, 2014 में 10 साल बाद खिला था कमल

पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से सटी रॉबर्ट्सगंज और मिर्जापुर दोनों ही सीटों पर बीजेपी ने अपने इस सहयोगी को दे दी हैं.
पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से सटी रॉबर्ट्सगंज और मिर्जापुर दोनों ही सीटों पर बीजेपी ने अपने इस सहयोगी को दे दी हैं.
- News18Hindi
- Last Updated: May 4, 2019, 1:04 PM IST
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से सटी रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने उम्मीदवार ही नहीं उतारा है. उत्तर प्रदेश की राबर्ट्सगंज लोकसभा सीट आरक्षित है. 2014 के मोदी लहर में बीजेपी के उम्मीदवार छोटेलाल खरवार ने 10 साल बाद इस सीट पर कमल खिलाया था.
लेकिन पांच पूरे होने से पहले ही छोटेलाल खरवार ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर बीजेपी पर दलित विरोधी होने के आरोप लगा दिए थे. मामला उनके घर के सामने जमीन के कब्जे को लेकर था. छोटेलाल खरवार का आरोप था कि उनके घर के सामने की जमीन उनकी है, इस पर कुछ दंबग कब्जा कर रहे हैं.
छोटेलाल जमीन वाला मामला लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास गुहार लगाने गए थे. लेकिन योगी आदित्यनाथ उनकी बात सुनने से इंकार कर दिया. छोटेलाल खरवार इसकी शिकायत पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर की थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि योगी आदित्यनाथ ने उन्हें अपने दरबार से भगा दिया था.
इसके बाद से ही छोटेलाल खरवार का टिकट कटा हुआ माना जाता रहा था. लेकिन बीजेपी इस सीट पर चुनाव लड़ने के बजाए अपना दल के प्रत्याशी को समर्थन दे देगी ऐसा नहीं सोचा गया था.
उहापोह की स्थिति में बीजेपी छोड़ी सीट?
अपना दल (अनुप्रिया पटेल) के साथ बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के साथ हुए गठबंधन में यूपी में महज दो सीटें ही अपना दल को देने की सहमति के बारे में कहा गया था. उन दोनों सीटों में वाराणसी सटी सीट मिर्जापुर और एक सीट बाद में तय करने को कहा गया था. शुरुआत में चर्चा हुई कि जूताकांड के बाद शरद त्रिपाठी का टिकट कटना तय है ऐसे में बीजेपी संत कबीर नगर सीट अपना दल को देगी. लेकिन बाद में बीजेपी रॉबर्ट्सगंज सीट को अपना दल को दे दिया.
रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट 2019 में मैदान में हैं 12 उम्मीदवार
रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट पर इस बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से अपना दल (अनुप्रिया पटेल) के उम्मीदवार पकौड़ी लाल कोल और समाजवादी पार्टी (SP) व बहुजन समाज पार्टी (BSP) गठबंधन में सपा के उम्मीदवार भाई लाल कोल के बीच मुख्य लड़ाई है.

लेकिन शिवपाल यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी से रूबी प्रसाद, कांग्रेस से भगवती प्रसाद चौधरी, जनता दल (यूनाइटेड) से अनिता गठबंधन के उम्मीदवार को नुकसान पहुंचा सकते हैं. जबकि वर्तमान मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से कैलाश नाथ अपना दल के उम्मीदवार को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
यह भी पढ़ेंः लखनऊ लोकसभा सीट: नवाबों के शहर में 1991 से भगवा झंडा लहरा रहा है
इसके अलावा इस सीट पर कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया से अशोक कुमार कनौजिया, भारतीय लोकमत राष्ट्रवादी पार्टी से अनुज कुमार, ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट से एसआर दासपुरी, भारत प्रभात पार्टी के सुनील कुमार और प्रभुदयाल व विद्याप्रकाश कुरील निर्दलीय दावा ठोंके हुए हैं.
पिछली बार सपा की टिकट पर पकौड़ी लाल ने लड़ा था चुनाव, रहे थे तीसरे नंबर
इस बार बीजेपी समर्थित अपना दल के उम्मीदवार पकौड़ी लाल कोल, पिछले आम चुनाव 2014 में सपा के उम्मीदवार थे. 135966 वोटों के साथ वह तीसरे स्थान पर रहे थे. बसपा उम्मीदवार शरादा प्रसाद को इस सीट पर 187725 वोट मिले और छोटेलाल ने 378211 वोट के साथ जीत दर्ज की थी. लेकिन इस बार गठबंधन में यह सीट बसपा के बजाए तीसरे नंबर पर रहने वाली सपा के पास गया. चौंकाने वाली बात ये कि अब पिछले चुनाव में सपा का उम्मीदवार है इस बार सपा का मुख्य विरोधी है.

2009 में पकौड़ी लाल कोल सपा की सीट पर रॉबर्ट्सगंज जीत चुके हैं. जबकि भाई लाल कोल 2007 में हुए लोकसभा उपचुनाव में भाई लाल कोल तब बसपा उम्मीदवार के तौर पर यहां जीत दर्ज कर चुके हैं. इस बार फिर से यही दोनों उम्मीदवार मैदान में हैं. लेकिन दोनों ने पार्टियां बदल ली हैं.
इस सीट पर 1,214,735 वोटर हैं. इनमें 553,706 महिला और 661,029 पुरुष वोटर हैं. यह यूपी का लोकसभा क्षेत्र संख्या 80 है. यहां सातवें चरण में 19 मई को मतदान होना है.
सोनभद्र जिले इकलौती सीट है रॉबर्ट्सगंज, खनन के लिए है बदनाम
उत्तर प्रदेश का सोनभद्र ऐसा जिला है जो चार अन्य राज्यों बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की सीमाओं से लगा हुआ है. इसे कई सालों तक नक्सल प्रभावित क्षेत्र माना जाता था. इसके अलावा इस जिले में सोन नदी में खनन और इससे संबंधित अपराधों के बारे में खबरें मीडिया में जब-तब तैयार करती हैं.
रॉबर्ट्सगंज क्षेत्र में प्रमुख कस्बाई क्षेत्र जिला मुख्यालय रॉबर्ट्सगंज, ओबरा, अनपरा, रेनूकूट, शक्ति नगर, दुद्धि, घोरावल, नौगढ़, चकिया, चुर्क शाहगंज हैं. इसके अलावा यह ग्रामीण प्रधान सीट है.
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लेकिन पांच पूरे होने से पहले ही छोटेलाल खरवार ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर बीजेपी पर दलित विरोधी होने के आरोप लगा दिए थे. मामला उनके घर के सामने जमीन के कब्जे को लेकर था. छोटेलाल खरवार का आरोप था कि उनके घर के सामने की जमीन उनकी है, इस पर कुछ दंबग कब्जा कर रहे हैं.
छोटेलाल जमीन वाला मामला लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास गुहार लगाने गए थे. लेकिन योगी आदित्यनाथ उनकी बात सुनने से इंकार कर दिया. छोटेलाल खरवार इसकी शिकायत पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर की थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि योगी आदित्यनाथ ने उन्हें अपने दरबार से भगा दिया था.
इसके बाद से ही छोटेलाल खरवार का टिकट कटा हुआ माना जाता रहा था. लेकिन बीजेपी इस सीट पर चुनाव लड़ने के बजाए अपना दल के प्रत्याशी को समर्थन दे देगी ऐसा नहीं सोचा गया था.

अपना दल सुप्रीमो अनुप्रिया पटेल
उहापोह की स्थिति में बीजेपी छोड़ी सीट?
अपना दल (अनुप्रिया पटेल) के साथ बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के साथ हुए गठबंधन में यूपी में महज दो सीटें ही अपना दल को देने की सहमति के बारे में कहा गया था. उन दोनों सीटों में वाराणसी सटी सीट मिर्जापुर और एक सीट बाद में तय करने को कहा गया था. शुरुआत में चर्चा हुई कि जूताकांड के बाद शरद त्रिपाठी का टिकट कटना तय है ऐसे में बीजेपी संत कबीर नगर सीट अपना दल को देगी. लेकिन बाद में बीजेपी रॉबर्ट्सगंज सीट को अपना दल को दे दिया.
रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट 2019 में मैदान में हैं 12 उम्मीदवार
रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट पर इस बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से अपना दल (अनुप्रिया पटेल) के उम्मीदवार पकौड़ी लाल कोल और समाजवादी पार्टी (SP) व बहुजन समाज पार्टी (BSP) गठबंधन में सपा के उम्मीदवार भाई लाल कोल के बीच मुख्य लड़ाई है.

बीजेपी समर्थित अपना दल उम्मीदवार पकौड़ी लाल कोल
लेकिन शिवपाल यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी से रूबी प्रसाद, कांग्रेस से भगवती प्रसाद चौधरी, जनता दल (यूनाइटेड) से अनिता गठबंधन के उम्मीदवार को नुकसान पहुंचा सकते हैं. जबकि वर्तमान मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से कैलाश नाथ अपना दल के उम्मीदवार को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
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इसके अलावा इस सीट पर कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया से अशोक कुमार कनौजिया, भारतीय लोकमत राष्ट्रवादी पार्टी से अनुज कुमार, ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट से एसआर दासपुरी, भारत प्रभात पार्टी के सुनील कुमार और प्रभुदयाल व विद्याप्रकाश कुरील निर्दलीय दावा ठोंके हुए हैं.
पिछली बार सपा की टिकट पर पकौड़ी लाल ने लड़ा था चुनाव, रहे थे तीसरे नंबर
इस बार बीजेपी समर्थित अपना दल के उम्मीदवार पकौड़ी लाल कोल, पिछले आम चुनाव 2014 में सपा के उम्मीदवार थे. 135966 वोटों के साथ वह तीसरे स्थान पर रहे थे. बसपा उम्मीदवार शरादा प्रसाद को इस सीट पर 187725 वोट मिले और छोटेलाल ने 378211 वोट के साथ जीत दर्ज की थी. लेकिन इस बार गठबंधन में यह सीट बसपा के बजाए तीसरे नंबर पर रहने वाली सपा के पास गया. चौंकाने वाली बात ये कि अब पिछले चुनाव में सपा का उम्मीदवार है इस बार सपा का मुख्य विरोधी है.

सपा उम्मीदवार भाई लाल कोल
2009 में पकौड़ी लाल कोल सपा की सीट पर रॉबर्ट्सगंज जीत चुके हैं. जबकि भाई लाल कोल 2007 में हुए लोकसभा उपचुनाव में भाई लाल कोल तब बसपा उम्मीदवार के तौर पर यहां जीत दर्ज कर चुके हैं. इस बार फिर से यही दोनों उम्मीदवार मैदान में हैं. लेकिन दोनों ने पार्टियां बदल ली हैं.
इस सीट पर 1,214,735 वोटर हैं. इनमें 553,706 महिला और 661,029 पुरुष वोटर हैं. यह यूपी का लोकसभा क्षेत्र संख्या 80 है. यहां सातवें चरण में 19 मई को मतदान होना है.
सोनभद्र जिले इकलौती सीट है रॉबर्ट्सगंज, खनन के लिए है बदनाम
उत्तर प्रदेश का सोनभद्र ऐसा जिला है जो चार अन्य राज्यों बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की सीमाओं से लगा हुआ है. इसे कई सालों तक नक्सल प्रभावित क्षेत्र माना जाता था. इसके अलावा इस जिले में सोन नदी में खनन और इससे संबंधित अपराधों के बारे में खबरें मीडिया में जब-तब तैयार करती हैं.
रॉबर्ट्सगंज क्षेत्र में प्रमुख कस्बाई क्षेत्र जिला मुख्यालय रॉबर्ट्सगंज, ओबरा, अनपरा, रेनूकूट, शक्ति नगर, दुद्धि, घोरावल, नौगढ़, चकिया, चुर्क शाहगंज हैं. इसके अलावा यह ग्रामीण प्रधान सीट है.
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