उन्नाव रेप पीड़िता मामले में दोनों पुलिसकर्मियों को दिल्ली हाईकोर्ट से झटका
News18Hindi Updated: September 24, 2019, 1:10 PM IST

उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हत्या मामले में आरोपी दोनों पुलिसकर्मियों को हाईकोर्ट से झटका.
उन्नाव (Unnao) के इन दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ निचली अदालत ने पीड़ित के पिता को झूठे केस में फंसाने और न्यायिक हिरासत में उनकी हत्या (Murder) की साजिश के आरोप तय किए थे.
- News18Hindi
- Last Updated: September 24, 2019, 1:10 PM IST
उन्नाव: बीजेपी से निष्कासित विधायक कुलदीप सेंगर (Kuldeep Sengar) पर आरोप लगाने वाली रेप पीड़िता (Rape victim) के पिता की कथित हत्या और झूठे केस में फंसाने की साजिश के मामले में आरोपी दो पुलिसकर्मियों को दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) से बड़ा झटका लगा है. दोनों पुलिसकर्मियों कामता प्रसाद और अशोक भदौरिया की याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है.
बता दें कि उन्नाव (Unnao) के इन दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ निचली अदालत ने पीड़ित के पिता को झूठे केस में फंसाने और न्यायिक हिरासत में उनकी हत्या (Murder) की साजिश के आरोप तय किए थे. दोनों पुलिसकर्मियों ने निचली अदालत के इसी आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनोती दी थी. ऐसे में अब दिल्ली हाईकोर्ट ने भी दोनों को राहत नहीं दी है.
इससे पहले कॉन्स्टेबल की याचिका की खारिज
बता दें कि इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट (High Court) ने उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के एक पुलिस कांस्टेबल की याचिका बुधवार को खारिज कर दी थी. जिसके जरिए उसने उन्नाव बलात्कार पीड़िता (Unnao Rape Victim) के पिता की कथित हत्या को लेकर अपने खिलाफ आरोप तय किए जाने को चुनौती दी थी. जज सुरेश कुमार कैत ने कांस्टेबल आमिर खान को राहत देने से इनकार कर दिया था, जो फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. खान ने आरोप तय किए जाने को रद्द करने का अनुरोध किया था. इन आरोपों में हत्या और आपराधिक साजिश भी शामिल है.खान ने आरोप लगाया था कि निचली अदालत के न्यायाधीश का 13 अगस्त का आदेश अवैध, अनुचित, पूर्वाग्रह वाला और आपराधिक दंड संहिता के स्थापित सिद्धांतों के खिलाफ है. दिल्ली हाईकोर्ट के विस्तृत आदेश की अभी प्रतीक्षा है. खान ने वकील अरूण खत्री के द्वारा यह याचिका दायर की थी. खान के वकील ने हाईकोर्ट में दलील दी कि उनके मुवक्किल की भूमिका प्राथमिकी दर्ज करने तक सीमित थी और उसने हथियार की बरामदगी से जुड़े कागजात पर हस्ताक्षर किए थे.
ये भी पढ़ें
बता दें कि उन्नाव (Unnao) के इन दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ निचली अदालत ने पीड़ित के पिता को झूठे केस में फंसाने और न्यायिक हिरासत में उनकी हत्या (Murder) की साजिश के आरोप तय किए थे. दोनों पुलिसकर्मियों ने निचली अदालत के इसी आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनोती दी थी. ऐसे में अब दिल्ली हाईकोर्ट ने भी दोनों को राहत नहीं दी है.
इससे पहले कॉन्स्टेबल की याचिका की खारिज
बता दें कि इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट (High Court) ने उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के एक पुलिस कांस्टेबल की याचिका बुधवार को खारिज कर दी थी. जिसके जरिए उसने उन्नाव बलात्कार पीड़िता (Unnao Rape Victim) के पिता की कथित हत्या को लेकर अपने खिलाफ आरोप तय किए जाने को चुनौती दी थी. जज सुरेश कुमार कैत ने कांस्टेबल आमिर खान को राहत देने से इनकार कर दिया था, जो फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. खान ने आरोप तय किए जाने को रद्द करने का अनुरोध किया था. इन आरोपों में हत्या और आपराधिक साजिश भी शामिल है.खान ने आरोप लगाया था कि निचली अदालत के न्यायाधीश का 13 अगस्त का आदेश अवैध, अनुचित, पूर्वाग्रह वाला और आपराधिक दंड संहिता के स्थापित सिद्धांतों के खिलाफ है. दिल्ली हाईकोर्ट के विस्तृत आदेश की अभी प्रतीक्षा है. खान ने वकील अरूण खत्री के द्वारा यह याचिका दायर की थी. खान के वकील ने हाईकोर्ट में दलील दी कि उनके मुवक्किल की भूमिका प्राथमिकी दर्ज करने तक सीमित थी और उसने हथियार की बरामदगी से जुड़े कागजात पर हस्ताक्षर किए थे.
ये भी पढ़ें
Loading...
News18 Hindi पर सबसे पहले Hindi News पढ़ने के लिए हमें यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें. देखिए उन्नाव से जुड़ी लेटेस्ट खबरें.
First published: September 24, 2019, 1:06 PM IST
Loading...