उन्नाव गैंगरेप केस: प्रियंका गांधी बोलीं-अब तो सामूहिक जिम्मेदारी ले BJP

प्रियंका गांधी बोलीं-अब तो सामूहिक जिम्मेदारी ले भाजपा. (फाइल फोटो)
तीस हजारी कोर्ट (Tees Hazari Court) ने कुलदीप सेंगर को अपहरण और बलात्कार सहित कई धाराओं में दोषी पाया है, अब उसकी सजा पर मंगलवार को सुनवाई होनी है.
- News18Hindi
- Last Updated: December 17, 2019, 7:48 AM IST
उन्नाव. उन्नाव गैंगरेप केस (Unnao Gangrape Case) में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर (MLA Kuldeep Singh Sengar) दोषी (Convict) करार दिया गया है. दोषी करार दिए जाने के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने एक बार फिर भाजपा पर हमला बोला. प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, ‘उन्नाव मामले में भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर को बलात्कार का दोषी पाया गया. इसी विधायक को बचाने के लिए प्रदेश की भाजपा सरकार ने अपनी पूरी मशीनरी लगा दी थी. आज उत्तर प्रदेश के भाजपा नेताओं का नैतिक कर्तव्य तो बनता है कि वे पीड़िता और उसके साथ हुए व्यवहार की सामूहिक जिम्मेदारी लें. गौरतलब है कि सेंगर की सजा पर फैसला मंगलवार को सुनाया जाएगा.
कोर्ट ने मुख्य आरोपी कुलदीप सेंगर को भारतीय दंड संहिता और पॉक्सो अधिनियम के तहत दोषी करार दिया है, जबकि शशि सिंह (Shashi Singh) को कोर्ट ने मामले में भूमिका को संदेह के घेरे में रखा. शशि सिंह के खिलाफ पर्याप्त सबूत न होने और न ही मामले में सीधे तौर पर भूमिका स्पष्ट होने के चलते कोर्ट ने उन्हें संदेह का लाभ देते हुए मामले से बरी कर दिया.
सेंगर को इन धाराओं में दिया दोषी करार
तीस हजारी कोर्ट ने विधायक कुलदीप सेंगर को धारा 120बी (आपराधिक साजिश), 363 (अपहरण), 366 (शादी के लिए मजबूर करने के लिए एक महिला का अपहरण या उत्पीड़न), 376 (बलात्कार और अन्य संबंधित धाराओं) और POCSO के तहत दोषी करार दिया है.
कौन हैं कुलदीप सिंह सेंगर?
मूल रूप से फतेहपुर के रहने वाले कुलदीप सिंह सेंगर की माखी गांव में तूती बोलती है. उन्नाव के माखी थाना क्षेत्र के सराय थोक पर उनका ननिहाल है. वो यहीं आकर बस गए. कुलदीप सेंगर ने यूथ कांग्रेस से अपनी राजनीति की शुरुआत की थी. वह उन्नाव के अलग-अलग विधानसभा सीटों से लगातार 4 बार जीतकर विधायक निर्वाचित हुए हैं. सेंगर वर्ष 2002 में भगवंतनगर से बीएसपी के टिकट पर सबसे पहली बार विधायक बने. इसके बाद साल 2007 और 2012 में वो सपा के टिकट पर चुने गए. वर्ष 2017 में वो उन्नाव जिले के बांगरमऊ से बीजेपी के टिकट पर चुनकर विधानसभा पहुंचे. हालांकि, अब उन्हें भाजपा निष्कासित कर चुकी है.

ये भी पढ़ें: CAA पर बवाल: मऊ में हिंसा के बाद धारा 144 लागू, सीएम योगी ने DM-SP की जमकर ली क्लास
कोर्ट ने मुख्य आरोपी कुलदीप सेंगर को भारतीय दंड संहिता और पॉक्सो अधिनियम के तहत दोषी करार दिया है, जबकि शशि सिंह (Shashi Singh) को कोर्ट ने मामले में भूमिका को संदेह के घेरे में रखा. शशि सिंह के खिलाफ पर्याप्त सबूत न होने और न ही मामले में सीधे तौर पर भूमिका स्पष्ट होने के चलते कोर्ट ने उन्हें संदेह का लाभ देते हुए मामले से बरी कर दिया.
उन्नाव मामले में भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर को बलात्कार का दोषी पाया गया। इसी विधायक को बचाने के लिए उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने अपनी पूरी मशीनरी लगा दी थी।
आज उप्र के भाजपा नेताओं का नैतिक कर्तव्य तो बनता है कि पीड़िता और उसके साथ हुए व्यवहार की सामूहिक जिम्मेदारी लें।— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 16, 2019
सेंगर को इन धाराओं में दिया दोषी करार
तीस हजारी कोर्ट ने विधायक कुलदीप सेंगर को धारा 120बी (आपराधिक साजिश), 363 (अपहरण), 366 (शादी के लिए मजबूर करने के लिए एक महिला का अपहरण या उत्पीड़न), 376 (बलात्कार और अन्य संबंधित धाराओं) और POCSO के तहत दोषी करार दिया है.
कौन हैं कुलदीप सिंह सेंगर?
मूल रूप से फतेहपुर के रहने वाले कुलदीप सिंह सेंगर की माखी गांव में तूती बोलती है. उन्नाव के माखी थाना क्षेत्र के सराय थोक पर उनका ननिहाल है. वो यहीं आकर बस गए. कुलदीप सेंगर ने यूथ कांग्रेस से अपनी राजनीति की शुरुआत की थी. वह उन्नाव के अलग-अलग विधानसभा सीटों से लगातार 4 बार जीतकर विधायक निर्वाचित हुए हैं. सेंगर वर्ष 2002 में भगवंतनगर से बीएसपी के टिकट पर सबसे पहली बार विधायक बने. इसके बाद साल 2007 और 2012 में वो सपा के टिकट पर चुने गए. वर्ष 2017 में वो उन्नाव जिले के बांगरमऊ से बीजेपी के टिकट पर चुनकर विधानसभा पहुंचे. हालांकि, अब उन्हें भाजपा निष्कासित कर चुकी है.
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