रिपोर्ट: अभिषेक जायसवाल
वाराणसी: बसंत पंचमी का पर्व का इस साल 26 जनवरी को मनाया जाएगा. इस दिन संगीत और विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा होती है. शास्त्रों के मुताबिक, बसंत पंचमी पर कामदेव और रति के पूजन का भी विधान है. ऐसे में जो भी शख्स कामदेव और रति की पूरे विधि-विधान से पूजा करता है, उसे मनचाहे वर का आशीर्वाद मिलता है. इतना ही नहीं वैवाहिक जीवन की परेशानियों से भी मुक्ति मिलती है.
काशी के विद्वान और ज्योतिषविद पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि बसंत पंचमी के दिन जो भी कामदेव और रति की पूजा करता है, उसके विवाह की बाधाएं दूर हो जाती हैं. साथ ही जिनके वैवाहिक जीवन में अनबन होती है, उन्हें भी उससे मुक्ति मिलती है. इस दिन कामदेव और रति का ध्यान करके उनको पीला वस्त्र, पीला फूल, सौंदर्य का सामान अर्पित करना चाहिए. साथ ही सुगंधित धूप और अगरबत्ती से उनकी पूजा करनी चाहिए. इसके अलावा, पूजा करने वाले शख्स को भी पीला या गुलाबी रंग का कपड़ा पहनना चाहिए.
प्रेम के स्वामी हैं कामदेव
धार्मिक शास्त्रों के मुताबिक, कामदेव को प्रेम का स्वामी और रति को मिलाप की देवी कहा जाता है. ऐसे में प्रेमी जोड़े भी अपने मनचाहे वर और कन्या की प्राप्ति के लिए इनकी पूजा कर सकते हैं. इससे प्रेम संबंध भी स्थिर रहता है.
इस मंत्र का करना चाहिए जप
पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि जो शख्स बसंत पंचमी पर कामदेव और रति की पूजा करता है, उसे पूजा के दौरान ”ऊँ नमः कामदेवाय सकल जन सर्वज्ञान मम् दर्शने उत्कण्ठितं कुरु कुरु, दक्ष इक्षु धर कुसुम-वाणेन हन हन स्वाहा” मंत्र का जाप करना चाहिए.
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