गंगा यात्रा पर IIT बीएचयू का बड़ा अविष्कार
वाराणसी. यह जानकर आप हैरान हो जाएंगे कि गंगा को अब मशरूम के पौधे भी साफ कर सकते हैं. गंगा के निर्मलता को स्वच्छ करने के लिए मशरूम के पौधे भी सहायक हो सकते हैं. दरअसल आईआईटी बीएचयू के बायोकेमिकल विभाग ने मशरूम से गंगा साफ करने का अनोखा प्रयोग खोज निकाला है. जहां एक तरफ यूपी सरकार गंगा के स्वच्छता को बरकरार रखने के लिए गंगा यात्रा की शुरुआत की है. तो वही आईआईटी बीएचयू के शोध छात्रों की मेहनत ने मशरूम से एक ऐसे टैबलेट का इजाद किया है. जो गंगा के बैक्टीरिया को नष्ट कर देता है.
गंगा में मौजूद क्रोमियम, आर्सेनिक, निकिल, कैडमियम व लेड जैसे हेवी मेटल को सोख कर सिंथेटिक बीट पानी को स्वच्छ करते हुए तलहटी में बैठ जाता है. गंगा को स्वच्छ करने के लिए शोध छात्र वीर सिंह के साथ ही असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ विशाल मिश्रा ने टैबलेट को बनाने के लिए प्लूटो रस फ्लोरिडा नाम के मशरूम को चुना.
इस पाउडर में 4 तरह के रसायन का प्रयोग के लिए मशरूम को लैब में ही उगाया गया. इसके लिए मध्य प्रदेश स्थित नार्दन कोलफील्ड लिमिटेड से दूषित पानी लाकर उसमें चावल के भूसे को दो-तीन दिन के लिए भिगोया गया. इसके बाद भूसा बाहर निकाल पॉलिथीन बैग में भरा गया जिनमें मशरूम के बीज डाले गए और जब पौधा निकल आया तो पाया गया कि इसने भूसे में से हेवी मेटल सोख लिए हैं.
फूल निकलने पर पौधे को काटकर सुखा लिया गया और पाउडर बनाए गया कुछ विशेष तरह के केमिकल का प्रयोग कर इस पाउडर से सिंथेटिक बिरयानी टैबलेट बनाया गया. जो पानी में डालते ही यह हेवी मेटल सहित विषाक्त पदार्थ वह हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म कर देता है. गंगा को स्वच्छ करने के लिए इन टेबलेट को जल्द प्रयोग में लाने के लिए आईआईटी बीएचयू अभी इसे पेटेंट भी करवाने की तैयारी कर रहा है. ताकि इसे बड़े स्तर पर तैयार करके गंगा के निर्मलता में इसकी भूमिका जल्द से जल्द तय कर दी जाए.
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