बीएचयू में लड़कियों के साथ छेड़खानी की घटनाओं से बवाल मचा हुआ है.
रिपोर्ट- अभिषेक जायसवाल
वाराणसी. महामना मदन मोहन मालवीय की बगिया कहे जाने वाले बीएचयू (Banaras Hindu University) में बेटियों की सुरक्षा को लेकर फिर से सवाल उठने लगे हैं. बीते 20 दिन में विश्वविद्यालय कैम्पस में चार छेड़खानी की वारदाते हुईं. हैरानी की बात है कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के लिए लगभग 2 करोड़ रुपये से ज्यादा हर महीने खर्च करता है. उसके बाद भी कैम्पस में हुईं इन वारदातों से छात्राओं में रोष के साथ ही डर का माहौल भी है. बता दें कि साल 2017 में छेड़खानी की एक वारदात के बाद विश्वविद्यालय की छात्राएं सड़क पर आ गईं थीं और इस हंगामे के कारण पीएम मोदी का रास्ता भी अचानक बदला गया था. अब एक बार फिर विश्वविद्यालय में छेड़खानी की वैसी घटनाएं बढ़ती जा रही हैं.
बीएचयू में इस साल छेड़खानी की पहली वारदात 8 जनवरी को हुई थी. उसके बाद 13 जनवरी को आईआईटी बीएचयू की स्टूडेंट से हैदराबाद गेट के करीब मनचलों ने छेड़खानी की थी. इस मामले की रिपोर्ट चितईपुर थाने में लिखी गई थी. इन दोनों मामलों के बाद 21 जनवरी को लिमडी चौहारे पर भी छात्रा से छेड़खानी हुई है. वहीं, इस घटना के 4 दिन बाद लिफ्ट देने के नाम पर ब्लाइंड स्टूडेंट से हुई छेड़खानी के बाद बीएचयू की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं.
लड़कियों की सुरक्षा के उचित प्रबंध नहीं!
बीएचयू की स्टूडेंट चंदा यादव ने बताया कि विश्वविद्यालय में गर्ल्स स्टूडेंट की सुरक्षा के लिहाज से ठीक नहीं है. कई बार ऐसा भी होता है कि ऐसी छोटी वारदातों के बाद लड़कियां शिकायत भी नहीं करती हैं. छात्रा आकांक्षा आजाद ने बताया कि हर दिन लड़कियां कैम्पस में छेड़खानी की शिकार होती हैं, लेकिन वो घर के दबाव के कारण इसकी लिखित शिकायत नहीं करती हैं. साथ ही कहा कि प्रोक्टोरियल बोर्ड के सुरक्षाकर्मी भी ऐसी घटनाओं के बाद ही एक्टिव होते हैं. वहीं, इससे इतर विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर का कहना है कि विश्वविद्यालय में 24 घंटे सुरक्षा गार्ड स्टूडेंट्स की सुरक्षा के लिए तैनात होते हैं.
सुरक्षा के नाम पर करीब 30 करोड़ होता है खर्च
चीफ प्रॉक्टर अभिमन्यु सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय में कुल 780 सुरक्षाकर्मी तैनात हैं, जो कि 24 घंटे विश्वविद्यालय में स्टूडेंट्स की सुरक्षा में लगे होते हैं. रोटेशन के हिसाब से इनकी ड्यूटी लगाई जाती है. इसके अलावा कुछ चौराहों पर सीसीटीवी भी लगे हैं. विश्वविद्यालय के सुरक्षा में लगभग हर साल 25 से 30 करोड़ रुपये खर्च होते हैं.
2017 में हुआ था बवाल, पीएम के काफिले का बदला था रास्ता
छेड़खानी की इन्हीं वारदातों के कारण विश्वविद्यालय में साल 2017 में बड़ा बवाल हुआ था. कैम्पस में एक लड़की से छेड़छाड़ के बाद विश्वविद्यालय की छात्राएं सिंह द्वार पर धरने पर बैठी थीं. इस दौरान पीएम मोदी भी 23 सितंबर को वाराणसी दौरे पर आए और विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लिया. छात्राओं के इसी विरोध के कारण पीएम को बीएलडब्लू से दुर्गाकुंड जाते समय अपना रास्ता भी बदलना पड़ा था. उस दौरान सुरक्षा एजंसियों ने भी काफी नाराजगी जताई थी और स्थानीय प्रशासन से रिपोर्ट तलब की थी. इसके बाद विवाद इतना बड़ा की उस वक्त के तत्कालीन कुलपति गिरीश चन्द्र त्रिपाठी को लम्बी छुट्टी पर भेज दिया गया था.
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Tags: Banaras Hindu University, BHU, Varanasi news, Varanasi Police
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