गंगा विलास क्रूज के नाम पर विवाद अखिल भारत हिन्दू महासभा ने उठाए सवाल
अभिषेक जायसवाल
वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 13 जनवरी को दुनिया के सबसे लम्बे रिवर क्रूज गंगा विलास (Ganga Vilas Cruise) को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. ये क्रूज 51 दिन में वाराणसी से डिब्रूगढ़ तक का सफर करेगा. वाराणसी (Varanasi) से शुरू हुए इस लक्जरी क्रूज के नाम को लेकर अब विवाद खड़ा हो गया है. अखिल भारत हिन्दू महासभा ने इसपर आपत्ति जताई है. संगठन के राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष अरुण पाठक ने क्रूज के डायरेक्टर को पत्र लिख इसका नाम बदलने की मांग की है.
पत्र में ये भी लिखा गया है कि मां गंगा के नाम को विलास शब्द से जोड़ना पूरी तरह गलत है और ये हिन्दू आस्था के खिलाफ भी है. इसके अलावा इस पत्र में और भी कई मांगे की गई हैं. जिसमें क्रूज पर चलने वाले स्पा सेंटर को बंद कराने की मांग भी की गई है. इसके अलावा क्रूज के डायरेक्टर से हर दिन इस पर गंगा आरती कराए जाने की बात भी लिखी गई है.
कोर्ट का लेंगे सहारा
अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष अरुण पाठक ने बताया कि यदि क्रूज के डायरेक्टर ने इसका नाम नहीं बदला और हमारी मांगे नहीं मानी तो इसके लिए संगठन कानूनी कार्रवाई के लिए भी बाध्य होगा. जरूरत पड़ी तो हिन्दू आस्था से खिलवाड़ के खिलाफ कोर्ट का सहारा भी लिया जाएगा.
अखिलेश ने भी उठाए थे सवाल
बता दें कि क्रूज की शुरुआत से पहले ही सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर सवाल उठाए थे और इससे नाविकों के आजीविका पर बड़ा संकट बताया था. अखिलेश यादव के बाद अब अखिल भारत हिंदू महासभा ने इसके नाम पर आपत्ति जताई है.
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