वाराणसी जीआरपी पुलिस ने 24 घंटे में दूसरी बार नशे की दवाईयां पकड़ी हैं.
रिपोर्ट- रवि पांडेय
वाराणसी. उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद में जीआरपी ने एक बार फिर नशे के कारोबार का खुलासा किया है. कैंट स्टेशन के प्लेटफॉर्म नम्बर 9 तलाशी के दौरान दो तस्करों के साथ नशे की सिरप बरामद की हैं, जो कि बनारस से बंगाल भेजी जा रही थी.
दरअसल पिछले 24 घंटे के अंदर जीआरपी पुलिस की कार्रवाई को देखें तो साफ पता चलता है कि बंगाल के बाद अब बनारस ड्रग माफियाओं का नया केंद्र बनते जा रहा है. इसका उदाहरण कैंट रेलवे स्टेशन पर रविवार को 11 लाख रुपये के नशे के इंजेक्शन मिलने के बाद सोमवार को कफ सिरप मिलने से सनसनी फैल गई है. बड़ी बात ये है कि यह सिरप भी नशे के काम में ही ज्यादा लिया जाता है.
80 हजार रुपये बताई जा रही कीमत
कैंट रेलवे स्टेशन जीआरपी और आरपीएफ संयुक्त रूप से रोज की तरह तलाशी अभियान चला रही थी. ऐसे में प्लेटफार्म नम्बर दो पर खड़े दो युवकों पर शक हुआ तो जीआरपी ने दोनों के बैग की तलाशी ली. इस दौरान 400 की संख्या में कफ सिरप बरामद हुए. जिसकी कीमत बाजार में 80 हजार रुपये है. जीआरपी ने दोनों तस्कर को गिरफ्तार कर मामले की जांच के लिए ड्रग विभाग को सूचना दे दी है.
नशे के इस कारोबार का नया अड्डा बनारस?
नशे के इस कारोबार का नया अड्डा बनारस बनता नजर आ रहा है, जिसका व्यापार बनारस से बंगाल और बंगाल से बनारस देखा जा रहा है. बड़ी बात यह है कि इन खुलासे में नशे के सौदागर गरीबी का फायदा उठाते हैं और मात्र 3 हजार रुपये में युवकों से तस्करी करवाते हैं. पुलिस अब इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इन ड्रग माफियाओं तक पहुंचने के लिए अब कारगर रास्ता बना रही है.
पकड़ से दूर नशे के सौदागर
ड्रग विभाग द्वारा लगातार बनारस में कार्रवाई की जा रही है, लेकिन पिछले 24 घण्टे में जिस प्रकार नशे के दवाइयों की तस्करी का मामला सामने आया है. उससे जाहिर है कि बनारस से बंगाल तक ड्रग की तस्करी काफी तेजी से हो रही है. पुलिस के कार्रवाई में गुर्गे तो पकड़ में आ जा रहे हैं, लेकिन माफिया अभी भी पकड़ से दूर हैं.
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