रिपोर्ट-अभिषेक जायसवाल
वाराणसीःप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में अब अमेरिकी तकनीक से सड़कों का निर्माण होगा. ट्रायल के तौर पर शहर के करौंदी चौहारे से नुआंव की सड़क को इस तकनीक से बनाया जा रहा है. इसके लिए दिल्ली से ट्रेंड वर्कर को वाराणसी बुलाया गया है.इस तकनीक से बनी सड़कों में कई खूबियां है. इसके अलावा इसकी लागत भी काफी कम है.
पीडब्ल्यूडी के निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता राजकुमार मिश्रा ने बताया कि अमेरिकन मैस्टिक तकनीक से बनी सड़के जमजलाव में भी खराब नहीं होती है.इसके अलावा इसकी लाइफ भी आम सड़कों से चार गुना अधिक होती है.इसके अलावा इन सड़कों पर गाड़ियों के फिसलने का खतरा भी बेहद कम होता है.कंक्रीट के सड़को को इन तकनीक से रिपेयर कर उसे नया किया जाता है.
लागत कम,फायदे ज्यादा
जिससे उसकी लाइफ 7 से 8 साल तक बढ़ जाती है.इसके अलावा सबसे खास बात ये है कि इसमें खर्च भी कम होता है.आंकड़े के मुताबिक, इस तकनीक से सड़कों को बनाने में डेढ़ से 2 करोड़ रुपये प्रति 1 किलोमीटर की सड़क पर खर्च आता है.जबकि कंक्रीट से यदि सड़कों को बनाया जाए तो 1 किलोमीटर की सड़क में लागत 8 करोड़ रुपये तक आ जाती है.
इन चीजों का होता है इस्तेमाल
इस तकनीक से बनी सड़को पर पूल या फ्लाईओवर पर बने सतह की तरह सड़के दिखती है.इसमें लाइमस्टोन पाउडर,क्रसर डस्ट,जाली,10 एमएम ग्रिड,टायर ऑयल सहित अन्य समानों का इस्तेमाल होता है.ट्रायल के लिए पहले एक सड़क को चुना गया है जल्द ही इसी तकनीक से शहर की और सड़को को भी चमकाया जाएगा.
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