मिशन 2022 की कामयाबी के लिए 'संकट मोचन' की शरण में पहुंचे अखिलेश यादव, 27 को संत रविदास की चौखट पर देंगे दस्तक

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव इन दिनों धर्म की राह पर हैं.
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Alikesh Yadav) आज अचानक वाराणसी के संकट मोचन मंदिर (Sankat Mochan Hanuman Mandir) पहुंचे और दर्शन किया. यकीनन 2022 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव से पहले नेता धर्म की राह पकड़ कर वोट जुगाड़ने में लग गए हैं.
- News18 Uttar Pradesh
- Last Updated: February 25, 2021, 10:43 PM IST
वाराणसी. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव भले ही 2022(UP Assembly Elections 2022) में हों, लेकिन चुनावी तैयारी और उसकी झलक अभी से दिखाई देने लगी है. शायद इसीलिए नेताओं ने अपना आगाज मठ और मंदिरों से कर दिया है. इस बीच गुरुवार को अपने तीन दिवसीय पूर्वांचल दौरे पर वाराणसी पहुंचे यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Alikesh Yadav) का कार्यक्रम शाम होते होते अचानक धर्म की राह पर मुड़ गया. पहले उनका कार्यक्रम जौनपुर के बाद मिर्जापुर का था, लेकिन जौनपुर के बाद शाम को अखिलेश यादव वापस वाराणसी पहुंचे और यहां उन्होंने संकट मोचन मंदिर (Sankat Mochan Hanuman Mandir)में दर्शन पूजन किए.
यही नहीं, मंदिर के महंत प्रोफेसर विशम्भर नाथ मिश्रा के हाथों में हाथ डालकर उन्होंने संकट मोचन हनुमान जी की परिक्रमा लगाई और उसके हाथ जोड़कर संकट मोचन से आशीर्वाद मांगा. इसके बाद कुछ खास लोगों के साथ मिलकर अपने समीकरण साधे. हालांकि धर्म की राह पर उनका सफर यहीं नहीं थमा है. अब 27 फरवरी को पूर्व सीएम अखिलेश यादव सामाजिक समरसता का संदेश देने वाले संत रविदास की जयंती पर उनकी जन्मस्थली मंदिर सीरगोवर्धनपुर पहुंचेंगे और यहां रैदासियों के बीच रहकर दर्शन पूजन करेंगे. यही नहीं, इस दौरान वह लंगर का प्रसाद भी ग्रहण करेंगे. सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव यहां सुबह करीब 11 बजे पहुंचेंगे और करीब एक घंटा 15 मिनट मौजूद रहेंगे. इसके बाद दोपहर करीब 12 बजकर 15 मिनट पर मंदिर से सीधे बाबतपुर एयरपोर्ट रवाना हो जाएंगे.
प्रियंका गांधी भी धर्म की राह पर
धर्म की राह पर केवल अखिलेश यादव ही नहीं चल पड़े हैं. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी दूसरी बार संत शिरोमणि रविदास की चौखट पर मत्था टेकेंगी. वह 27 फरवरी को सीरगोवर्धनपुर पहुंचेंगी और करीब दो घंटे दर्शन पूजन के साथ रैदासियों के बीच बिताएंगी. प्रियंका गांधी भी इस बार भी लंगर का प्रसाद लेंगी. पिछली बार भी प्रियंका गांधी ने यहां दर्शन पूजन और लंगर छकने के बाद अपने बर्तन भी धोए थे और संत रविदास को याद करते हुए प्रियंका ने एक ट्वीट में लिखा था,' ऐसा चाहूं राज मैं, जहां मिले सबन को अन्न, छोट बड़ा सब संग बसे रैदास रहे प्रसन्न. जगत पिता.'
यही नहीं, मंदिर के महंत प्रोफेसर विशम्भर नाथ मिश्रा के हाथों में हाथ डालकर उन्होंने संकट मोचन हनुमान जी की परिक्रमा लगाई और उसके हाथ जोड़कर संकट मोचन से आशीर्वाद मांगा. इसके बाद कुछ खास लोगों के साथ मिलकर अपने समीकरण साधे. हालांकि धर्म की राह पर उनका सफर यहीं नहीं थमा है. अब 27 फरवरी को पूर्व सीएम अखिलेश यादव सामाजिक समरसता का संदेश देने वाले संत रविदास की जयंती पर उनकी जन्मस्थली मंदिर सीरगोवर्धनपुर पहुंचेंगे और यहां रैदासियों के बीच रहकर दर्शन पूजन करेंगे. यही नहीं, इस दौरान वह लंगर का प्रसाद भी ग्रहण करेंगे. सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव यहां सुबह करीब 11 बजे पहुंचेंगे और करीब एक घंटा 15 मिनट मौजूद रहेंगे. इसके बाद दोपहर करीब 12 बजकर 15 मिनट पर मंदिर से सीधे बाबतपुर एयरपोर्ट रवाना हो जाएंगे.
प्रियंका गांधी भी धर्म की राह पर
धर्म की राह पर केवल अखिलेश यादव ही नहीं चल पड़े हैं. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी दूसरी बार संत शिरोमणि रविदास की चौखट पर मत्था टेकेंगी. वह 27 फरवरी को सीरगोवर्धनपुर पहुंचेंगी और करीब दो घंटे दर्शन पूजन के साथ रैदासियों के बीच बिताएंगी. प्रियंका गांधी भी इस बार भी लंगर का प्रसाद लेंगी. पिछली बार भी प्रियंका गांधी ने यहां दर्शन पूजन और लंगर छकने के बाद अपने बर्तन भी धोए थे और संत रविदास को याद करते हुए प्रियंका ने एक ट्वीट में लिखा था,' ऐसा चाहूं राज मैं, जहां मिले सबन को अन्न, छोट बड़ा सब संग बसे रैदास रहे प्रसन्न. जगत पिता.'