रिपोर्ट- अभिषेक जायसवाल
वाराणसी. भारत का संविधान जल्द ही लोग देव भाषा संस्कृत में पढ़ सकेंगे. विधि मंत्रालय की पहल पर संविधान को संस्कृत में अनुवाद किया जा रहा है. माना जा रहा है आने वाले 6 महीनों में आम लोगों तक संविधान संस्कृत भाषा में पहुंच जाएगा. बता दें कि भारत का संविधान पहले ही हिंदी और अंग्रेजी भाषा में था लेकिन अब इसका अनुवाद संस्कृत में भी किया जा रहा है. वाराणसी के सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय इसमें अहम भूमिका निभा रहा है.
विश्वविद्यालय के वीसी हरेराम त्रिपाठी को प्रकाशन समिति में रखा गया है. इसके साथ ही राष्ट्रीय केंद्रीय विश्वविद्यालय तिरुपति, असम संस्कृत विश्वविद्यालय, लाल बहादुर शास्त्री विश्वविद्यालय के वीसी और कुछ विधि विशेषज्ञ सहित कुल 11 लोगों को इसमें शामिल किया गया है.
6 महीने में होगा प्रकाशन
वीसी हरेराम त्रिपाठी ने बताया कि 1963 में पहली बार संविधान संस्कृत में प्रकाशित हुआ था. उसके बाद इसमें कुछ संसोधन कर 1985 में इसका दूसरा संस्करण हुआ. लेकिन उसके बाद संविधान में जो भी संसोधन हुए अब उन संसोधनों को अनुवाद कर इसका नया संस्करण विधि मंत्रालय द्वारा प्रकाशित की जाएगी. इस काम को छह महीने में पूरा कर लिया जाएगा. उसके बाद लोग संविधान को संस्कृत में पढ़ सकेंगे.
संस्कृत का होगा प्रचार-प्रसार
प्रोफेसर हरेराम त्रिपाठी ने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत सभी भाषाओं के प्रचार प्रसार के लिए ये कदम उठाया गया है. इसके जरिए लोग अपनी भाषा में अध्ययन अध्यापन के काम कर सकेंगे. इसके साथ ही देव वाणी संस्कृत को भी नई पहचान मिलेगी और आम जनमानस तक इसकी पहुंच उनके भाषा में होगी.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Constitution, Sanskrit, Sanskrit language
इंजीनियरिंग का करिश्मा है भारतीय रेल का पहला केबल ब्रिज, बड़े विस्फोट को सहने की क्षमता, तस्वीरों में जानें खूबियां
फिल्म स्टार्स के हमशक्ल हैं ये 5 एक्टर-एक्ट्रेस, बॉलीवुड में हुई थी धमाकेदार एंट्री, सिर्फ 1 की चमकी किस्मत
Realme-Xiaomi की बोलती होगी बंद! 13 हजार से कम में Samsung लाया 5G फोन, फीचर्स जानकर नहीं होगा यकीन!